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सोमवार, 2 अक्तूबर 2023

प्रतापगढ़ में बिना पार्किंग संचालित हो रहे होटलों की वजह से काली सड़क तक पार्किंग होती हैं होटल में ठहरे यात्रियों के वाहन, जिससे यातायात ब्यवस्था हो चुकी फेल

नए जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संजीव रंजन प्रतापगढ़ में बेपटरी हुई यातायात ब्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कटिबद्ध हैं, कार्यभार ग्रहण करते समय जिले की यातायात ब्यवस्था को सुधारने की गिनाई थी, अपनी प्राथमिकता...

अयोध्या-प्रयागराज NHप्रतापगढ़ में बिना पार्किंग संचालित हो रहा है,सिद्धार्थ होटल... 

अयोध्या प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग 330 प्रतापगढ़ शहरी क्षेत्र में भुपियामऊ से गोंडे (सोनावां) तक चौड़ा होगा मार्ग, भंगवा चुंगी से सदर मोड़ तक होटल व रेस्टोरेंट सहित कॉम्प्लेक्स बिल्डिंग जो बिना पार्किंग के ही संचालित हो रही हैं, उनके शुरू होने वाले हैं, बुरे दिन...

प्रतापगढ़। वैसे तो प्रतापगढ़ शहर का क्षेत्रफल बहुत कम है। जेल रोड फाटक से मीरभवन और भंगवा चुंगी से सदर मोड़ तक शहर का ब्यास सिमट जाता है। परन्तु नगरपालिका सीमा विस्तार के बाद अब शहर का क्षेत्र बढ़ने लगा है। शहर की सबसे प्रमुख सड़कों में अयोध्या से प्रयागराज जाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 330 है जो शहर के बीचोंबीच से गुजरता है।परन्तु शहर का दुर्भाग्य यह है कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर सबसे अधिक अतिक्रमण है। उदाहरण के लिए पुराना माल गोदाम रोड चौराहे पर सिद्धार्थ होटल है, जिसके स्वामी शिव शंकर सिंह "भोले" हैं। इस होटल में पार्किंग की जगह नहीं है। होटल में रुकने वाले सारे यात्रियों के वाहन सड़क पर खड़े होते हैं। कभी कभी तो स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि चार पहिया वाहन काली सड़क तक खड़ी हो जाती है। बिना पार्किंग होटल का संचालन अवैध माना गया है। फिर भी प्रतापगढ़ में रसूखदार लोगों के लिए सब जायज है। 


जिला प्रशासन प्रतापगढ़ से उम्मीद है कि प्रयागराज अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग 330 पर सिद्धार्थ होटल के सामने लगने वाली काली सड़क तक की पार्किंग को तत्काल प्रभाव से बन्द कराकर सड़क और फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। सिद्धार्थ होटल ही नहीं सदर मोड़ से लेकर भंगवा चुंगी तक दर्जनों बिल्डिंग ऐसी बनी हैं जिनमें बिना पार्किंग के उस बिल्डिंग में ब्यवसाय किया जाना सम्भव नहीं है। मजेदार बात यह है कि सभी बिल्डिंग के नक्शा स्वीकृति के समय भवन स्वामी पार्किंग की ब्यवस्था मानचित्र में करते हैं। पर निर्माण के समय उस पार्किंग को भी कामर्शियल उपयोग में ले लिया जाता है। प्रतापगढ़ शहर में ऐसी बिल्डिंग्स का निर्माण किया है जिसमें बेसमेंट बनाया गया है। परन्तु भवन स्वामी द्वारा उस बेसमेंट को भी कामर्शियल उपयोग कर लिया गया है। जबकि कई बिल्डिंग्स के स्वामी बिना अनुमति बेसमेंट का निर्माण किये हैं और मिट्टी के खनन करने का रॉयल्टी शुल्क भी जमा नहीं किये हैं। कब होगी इन भवन स्वामियों पर सरकार द्वारा कार्रवाई ? इसका जवाब देना वाला कोई नहीं।

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