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रविवार, 2 अगस्त 2020

जाको प्रभु दारुण दुख देही, ताकी मति पहले हर लेही

देश की सबसे बड़ी अदालत में कांग्रेस की मनमोहनी सरकार में कांग्रेसी लीडरों ने हलफनामा भी दाखिल किया था कि श्रीरामसेतु की कल्पना ही ब्यर्थ है...
 हिन्दुओं के अराध्य देव प्रभु श्रीराम की अयोध्या अब मोदी और योगीराज में दिखेगी नए रूप में...
गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस में एक चौपाई लिखी है- “जाको प्रभु दारुण दुख देहि, ताकी मति पहले हर लेहि” अर्थात जिन्हें भी परमात्मा अतिशय कष्ट देने की ठान लेते हैं, उनकी बुद्धि पहले हर लेते हैं। कांग्रेस की स्थिति वर्ष- 2014 लोकसभा चुनाव के पहले से मानो ऐसी ही हो चुकी है। कांग्रेस के सारे दाँव तब से ही उल्टे पड़ते जा रहे हैं। एक के बाद दूसरी गलती करना कांग्रेस और उसके बड़बोले नेताओं की आदत में शुमार हो चुका है। वर्ष-2014 वाली गलती की पुनरावृत्ति वर्ष-2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने करके अपनी बची बचाई इज्जत का जनाजा निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

कांग्रेस आजकल दावा कर रही है कि अयोध्या में भगवन श्रीराम जन्मभूमि का ताला उसने खुलवाया, शिलान्यास उसने करवाया। अतः कांग्रेस अब यह भी बता ही दे कि जो ताला उसने खुलवाया था, उस ताले को वर्ष-1949 में प्रभु श्रीराम के मंदिर पर किसकी सरकार के आदेश पर क्यों लगवाया गया था ? 38 बरस तक प्रभु श्रीराम के मंदिर के द्वार पर उस ताले को जड़कर प्रभु श्रीराम को किसकी सरकार के आदेश पर बंदी बना कर क्यों रखा गया था ? कांग्रेस और कांग्रेस के नेताओं में यदि भगवान श्रीराम में इतनी आस्था थी तो वह श्रीरामसेतु को कपोल कल्पित क्यों बताया ? कपोल कल्पित ही नहीं बताया बल्कि देश की सबसे बड़ी अदालत में कांग्रेस की मनमोहनी सरकार में कांग्रेसी लीडरों ने हलफनामा भी दाखिल किया था कि श्रीरामसेतु की कल्पना ही ब्यर्थ है। उसी समय तय हो गया था कि कांग्रेस का सत्यानाश अब सुनिश्चित है। 

कांग्रेस को अब यह भी बता ही देना चाहिए कि 9 नवम्बर को उसने जो शिलान्यास करवाया था, उस शिलान्यास के बाद 31 वर्ष की लम्बी समयावधि में प्रभु श्रीराम का कितना बड़ा मंदिर कहां बना ? कांग्रेस को अब यह भी बता ही देना चाहिए कि 9 नवम्बर को उसने जो शिलान्यास करवाया था, उस शिलान्यास के तत्काल बाद उस भूमि पर किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर प्रतिबंध किसकी सरकार के आदेश पर क्यों लगाया गया था ? मंदिर निर्माण के कार्य को किसकी सरकार के आदेश पर क्यों रुकवाया गया था ? दरअसल कांग्रेसी दावों के गर्भ से ही उपजे उपरोक्त सवालों को मूढ़मति एंकर रिपोर्टर भले ही नहीं पूछ रहे हैं, लेकिन कांग्रेसी दावे गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित इन पंक्तियों को ही चरितार्थ कर रहे हैं कि...
जाको प्रभु दारुण दुख देही, ताकी मति पहले हर लेही।
प्रस्तुति :- सतीश मिश्र....


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