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बुधवार, 2 अगस्त 2023

ब्यक्तिगत झगड़े को नपाध्यक्ष हरी प्रताप सिंह नगरपालिका प्रशासन के सिर मढ़कर लेना चाहते हैं, नाजायज लाभ

 नपाध्यक्ष हरी प्रताप सिंह की नौटंकी से परेशान हो चुका हैं,नगरपालिका प्रशासन...

प्रतापगढ़। भाजपा नेता हरी प्रताप सिंह और उनके दो सगे भाई अरुण प्रताप सिंह व विनय प्रताप सिंह "बब्बू" ने लगभग 8 विस्वा का बैनामा लिया था। जिस पर नगरपालिका का कूड़ा पाटकर खाली पड़ी भूमि पर कब्जा कर लिया। उक्त भूमि पर पहले कंज्यूमर पम्प का लाइसेंस लिया, जिसे वर्ष-2003 में नियम विरुद्ध तरीके से उस लाइसेंस को रिटेल आउटलेट में परिवर्तित करा लिया गया। 

भाजपा नेता की पेट्रोल पंप और शोरूम और पीछे खाली पड़ी भूमि लगभग एक बीघे में है, जबकि नपाध्यक्ष हरी प्रताप सिंह ने लगभग 8 विस्वा भूमि ही खरीदी थी। नगरपालिका की 4 विस्वा भूमि और प्रमन मिश्र आदि की आधे से अधिक भूमि पर पहले ही कर चुके हैं, अवैध ढंग से कब्जा...

शिकायत हुई तो लाइसेंस निरस्त कर दिया गया और आपूर्ति रोक दी गई। जिसके बाद हरी प्रताप सिंह द्वारा निरस्तीकरण आदेश को हाईकोर्ट लखनऊ में चुनौती दी गई। दो मुकदमें दायर हुए थे। एक रिट 7 जनवरी, 2023 को खारिज हो गई और दूसरी रिट अभी जिंदा है। फिर भी अधिकारियों की कृपा पर पेट्रोल पम्प संचालित है। यदि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मुकदमें की पैरवी की गई होती तो भाजपा नेता  हरी प्रताप सिंह की पेट्रोल पंप अभी तक उखड़ गई होती।

नपाध्यक्ष का कारनामा, 8विस्वा जमीन का बैनामा और कब्जा एक बीघा में...

पेट्रोल पंप के बगल ही एस्कॉर्ट ट्रैक्टर एजेंसी और सुजकी बाइक एजेंसी का शोरूम था, जिसकी डीलरशिप खत्म हो जाने के बाद सदर मोड़ और सई नदी पुल के बीच पुरानी आबकारी के पास हरी प्रताप सिंह की होंडा एजेंसी है। होंडा की बाइक और स्क्रुटी का स्टॉक अब इसी शोरूम में रहता है। पेट्रोल पंप और शोरूम के पीछे भी लगभग 8 विस्वा से अधिक जमीन खाली पड़ी है और उस जमीन के बाद 12 फिट ऊंची बाउन्ड्रीवाल कराकर बैनामें से दो गुना अधिक जमीन पर भाजपा नेता हरी प्रताप सिंह अवैध रूप से काबिज हैं। पेट्रोल पंप और शोरूम सहित खाली जमीन लगभग एक बीघे के क्षेत्रफल में फैला है। जिसकी माप आसानी से की जा सकती है। परन्तु भाजपा नेता होने की वजह से तहसील प्रशासन उनकी कब्जे की जमीन की पैमाइश नहीं करती। यह जमीन सदर तहसील के राजस्व गाँव रंजीतपुर चिलबिला की गाटा संख्या-2257 मिलजुमला की है।

कोर्ट के स्थगनादेश के बावजूद नपाध्यक्ष हरी प्नेरताप सिंह ने खोल लिया दरवाजा...

नगरपालिका बेला परिषद प्रतापगढ़ की लगभग 4 विस्वा जमीन भी राजस्व अभिलेखो में दर्ज है। इसी गाटा संख्या-2257 मिलजुमला में प्रमन मिश्र आदि की 14 विस्वा, 6 धूर जमीन बतौर भूमिधर दर्ज है। साल-1970 में जिलाधिकारी प्रतापगढ़, उप जिलाधिकारी सदर प्रतापगढ़ व नगरपालिका परिषद बेला प्रतापगढ़ सहित अन्य छः प्रतिवादीगण मुकदमा मुंसिफ सदर के यहाँ से हार चुके हैं। प्रमन मिश्र के बाबा स्व पंडित श्याम शंकर मिश्र के पक्ष में डिक्री हुई थी। तब से लेकर अभी तक प्रमन मिश्र व उनके परिवार के अन्य खातेदार उस जमीन पर काबिज दखील रहे। साल- 2013 में भाजपा नेता व नपाध्यक्ष हरी प्रताप सिंह व उनके भाईयों द्वारा प्रमन मिश्र की उक्त भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया गया तो प्रमन मिश्र ने न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रतापगढ़ के यहाँ मुकदमा दायर कर अनुतोष प्राप्त किया। प्रमन मिश्र को न्यायालय से स्थगनादेश प्राप्त हुआ जो स्थगनादेश आज भी प्रभावी है।

सिविल जज प्रतापगढ़ के स्थगनादेश को अपने पाँव की जूती समझते हैं,नपाध्यक्ष...

माननीय न्यायालय के स्थगनादेश के पारित होने के बाद भी नपाध्यक्ष हरी प्रताप सिंह और उनके भाईयों ने नगरपालिका के रोड गैंग और नगरपालिका के संसाधन से रात्रि में जबरन दो दरवाजा प्रमन मिश्र की तरफ खोल लिया। उक्त प्रकरण को प्रमन मिश्र द्वारा कोर्ट ऑफ कंटेम्प्ट भी दाखिल किया गया है। इधर प्रतापगढ़ में अधिवक्ताओं द्वारा हड़ताल की गई। जिसका लाभ नपाध्यक्ष हरी प्रताप सिंह उठाना चाहते हैं। चूँकि कोरोना संक्रमण काल में हरी प्रताप सिंह के मझले भाई अरुण प्रताप सिंह दिवंगत हो गए थे। फिर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के पश्चात इधर बीच नपाध्यक्ष हरी प्रताप सिंह पुनः सक्रिय हुए और प्रमन मिश्र आदि की भूमिधरी भूमि जिसे आधा पहले ही जबरन कब्जा कर चुके हैं, शेष बची भूमि जिसे न्यायालय ने प्रमन मिश्र आदि की मानकर उन्हें स्थगनादेश दिया है, उस पर भी नगरपालिका प्रशासन को आगे करके नपाध्यक्ष हरी प्रताप सिंह जबरन कब्जा करना चाहते हैं। जिसके लिए नपाध्यक्ष हरी प्रताप सिंह अपने पद और पॉवर दोनों का बेजा इस्तेमाल कर रहे  हैं।


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