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रविवार, 14 मई 2023

योगी कर ग‌ए खेल,सब हो ग‌ए फेल,यूपी में भाजपा की बड़ी जीत, जानें जीत के 5 बड़े कारण

यूपी में भाजपा की बड़ी जीत, सूबे के मुखिया कर गये खेला....
 

लखनऊ।उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर का जादू चला है। निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस को बड़ी शिकस्त दी है। भाजपा ने क्लीन स्वीप कर मेयर की सभी 17 सीटों पर जीत का झंडा गाड़ दिया। इस बार भी लोगों ने सपा, बसपा और कांग्रेस को नकार दिया है। बता दें कि साल 2017 में यूपी के मुख्यमंत्री जब से योगी बने हैं तब से यूपी में भाजपा का जलवा कायम है।जाने यूपी में भाजपा की जीत के 5 बड़े कारण


माफिया राज के खिलाफ जीरो टॉलरेंस.....

उत्तर प्रदेश में सियासत के साथ माफियाओं का गठजोड़ दशकों पुराना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में सियासत के साथ माफियाओं के गठजोड़ को तोड़ने की पूरी कोशिश की। सीएम ने यूपी में माफिया राज के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई।इसका असर यह हुआ कि प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद के पूरे परिवार पर पुलिस का शिकंजा कस गया। माफिया मुख्तार अंसारी समेत 40 माफिया सलाखों के पीछे हैं। माफियाओं की क‌ई करोड़ की संपत्ति भी जब्त हो गई। सीएम योगी ने विधानसभा में कहा था कि माफियाओं को मिट्टी में मिला दूंगा।इस बयान ने भाजपा के चुनाव प्रचार में बड़ी छाप छोड़ी।

जीत के पीछे योगी की कड़ी मेहनत....

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की शत-प्रतिशत जीत के पीछे सीएम योगी की कड़ी मेहनत है। यूपी का निकाय चुनाव 2024 लोकसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट है। इसलिए सीएम ने खुद चुनाव प्रचार की कमान संभाली। भाजपा के सबसे फायरब्रांड सीएम योगी ने चुनावी रैलियों में इस तरह बरसे कि परिणाम आने वाले दिन से पहले ही भाजपा की जीत पक्की हो गई। सीएम के अलावा दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक भी जोर शोर से प्रचार किया।


सीएम योगी का विकास मॉडल और कानून व्यवस्था पर लगी मुहर....

उत्तर प्रदेश के शहरी इलाकों में योगी मॉडल सुपरहिट रहा। चुनावी परिणाम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकास मॉडल और कानून व्यवस्था पर मुहर लगा दी है। यूपी में नगर निगर की 17 सीट हैं, जिसमें से गोरखपुर, झांसी, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, सहारनपुर, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, अयोध्या, आगरा और मथुरा-वृंदावन सीट पर लोगों ने सीएम योगी के वादों पर भरोसा जताया।

सिर्फ दिखे योगी,अखिलेश-माया रहे गायब....

ऐसा लग रहा था जैसे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने चुनाव से पहले ही हार मान ली। माया तो कहीं दिखी नहीं, अखिलेश ने भी चुनाव प्रचार कर खानापूर्ति की। जबकि सीएम योगी ने चुनाव प्रचार में पूरी जान लगा दी। सीएम विपक्ष पर टूट पड़े, जिसके बाद चारो तरफ सिर्फ योगी-योगी का नारा गूंजा।


ओवैसी फैक्टर से बंटे मुस्लिम वोट....

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने हर बार की तरह इस बार भी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के मुस्लिम वोट बैंक पर सेंधमारी की। इसका सीधा फायदा भाजपा को मिला। बात अगर मेरठ की करें तो यहां एआईएमआईएम के प्रत्याशी मोहम्मद अनस काफी देर तक बढ़त बनाकर पहले नंबर पर रहे, लेकिन भाजपा के प्रत्याशी हरिकांत अहलूवालिया ने मोहम्मद अनस को पीछे छोड़ दिया। अगर ओवैसी मेरठ पर दांवा नहीं ठोकते तो मुस्लिम वोट सपा या बसपा के खाते में जाते,लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई।

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