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रविवार, 14 मई 2023

43 साल बाद सामने आएगा मुरादाबाद में ईद की नमाज़ के बाद के दंगे का सच

मुरादाबाद हिंसा में मुस्लिम  लीग के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉ शमीम की भूमिका पायी गयी संदिग्ध.....
 

लखनऊ मुरदाबाद जिले के 43 साल पहले ईद की नमाज के बाद भडके दंगे की सच्चाई अब सामने आ सकेगी । दंगे की जाँच के लिए बने जस्टिस सक्सेना आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाएगी । मुख्यमंत्री की  अध्यक्षता  में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस सम्बन्ध में पेश प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी । भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में मुस्लिम लीग  के मुरादाबाद निवासी तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉ शमीम अहमद खां की भूमिका संदिग्ध पायी गये है । बताया गया है कि 13 अगस्त , 1980 को उसने दुसरे समुदाय के कुछ लोगों को फंसाने और सियासी फायदे के लिए हिंसा फैलाई । इसके बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़काने से 83 लोगों की जान चली गयी और 112 लोग घायल हुए थे । 1980 से अब तक किसी भी सरकार ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नही किया । इस दौरान 15 लोग मुख्यमंत्री बने।

वित्रमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि जाँच आयोग की रिपोर्ट गोपनीय है  । उसे अभी सार्वजनिक नही किया जा सकता है । सरकार रिपोर्ट को सदन में रखेगी ,जिसके बाद दंगे को पूरा सच सामने आ सकता है । दंगे की जाँच के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री वीपी सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एमपी सक्सेना की अध्यक्षता आयोग गठित किया गया था । करीब 40 साल पहले (20 नवंबर 1983 को ) रिपोर्ट सौप दी गयी थी । रिपोर्ट के बाद भी किसी नही आरोपी पर कार्यवाही नही की जा सकी । संगे में मारने वालों की संख्या 250 से अधिक बताई गयी , हालांकि आधिकारिक पुष्टि नही हुई थी । दो समुदायों के बीच हिंसा बढ़ने पर पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी । इसमें कई लोग मारे गये । मुरादाबाद में करीब एक माह तक कर्फ्यू लगा रहा ।

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