प्रतापगढ़ कोतवाली नगर स्थित कचेहरी रोड़ पर भदरी हाउस निवासी सुनील कुमार गोयल पुत्र स्व. केदार नाथ गोयल बहुत बड़ा फरेबी और जालसाज किस्म का ब्यक्ति है। साथ ही साफ सुथरी जमीन और मकान को विवादित करके उसे औने पौने दाम में खरीद कर लोगों को हैरान व परेशान करना सुनील कुमार गोयल के नेचर में है। सुनील कुमार गोयल को भूमाफिया और जालसाज कहना गलत न होगा। सुनील कुमार गोयल की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, परन्तु अपना ब्यवसाय करने के लिए सत्ताधारी दल के नेताओं से मिलकर अपना धंधा करने में सुनील कुमार गोयल को महारथ हासिल है।
देश की केन्द्रीय वित्त मंत्री, भारत सरकार, सचिव महोदय, वित्त विभाग, भारत सरकार, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, भरत सरकार एवं प्रवर्तन निदेशक-प्रवर्तन निदेशालय, भारत सरकार, नई दिल्ली से सुनील कुमार गोयल PAN-AEGPG9531C और उनकी पत्नी रेखा गोयल PAN-AIUPG 5157C के आयकर रिटर्न फाइल की जाँच के सम्बन्ध में पत्र लिखकर लगाए गंभीर आरोप...
वर्तमान में सुनील कुमार गोयल भाजपा के ब्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक के पद को हासिल कर जिले के अधिकारियों को अपना काम निकालने के लिए दबाव बनाते हैं और सोशल मीडिया पर योगी सरकार के मंत्रियों के संग फोटो खिंचवाकर सम्बन्धों का हवाला देते हुए उसे ब्लैकमेल करते हैं। सुनील कुमार गोयल आज भाजपा में महज इसलिए जुड़े हैं ताकि प्रतापगढ़ स्थित बाबागंज में उनका बंद हुआ होटल संचालित हो सके और जिला प्रशासन उसमें किसी तरह की कोई खलल न पैदा कर सके।
कोतवाली नगर के बाबागंज स्थित पूर्व में होटल गोयल रेजीडेंसी के नाम से संचालित होटल में 18 जून, 2015 की रात में होटल मैनेजमेंट की घोर लापरवाही और उदासीनता की वजह से होटल में आग लग जाने से 10 लोगों की मौत हो गई थी और 2 दर्जन से अधिक लोग मरणासन्न की दशा में जिला अस्पताल प्रतापगढ़ से प्रयागराज SRN में रेफर किया गया था। उक्त मामले में कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत हुआ था और पुलिस ने सुनील कुमार गोयल सहित होटल के संचालन से जुड़े लोगों को जेल भेजा था। होटल को भी सील किया गया था। जाँच में उक्त होटल की बिल्डिंग को मानक के विरुद्ध पाया गया और जिला प्रशासन ने उसे ध्वस्त करने का आदेश भी जारी किया था, परन्तु इन्हीं सबके लिए सुनील कुमार गोयल भाजपा में शामिल होकर आज सत्ताधारी नेता बनाकर प्रदेश में योगी सरकार को बदनाम करने का कार्य कर रहा है।
कोतवाली नगर के बाबागंज स्थित पूर्व में होटल गोयल रेजीडेंसी के नाम से संचालित होटल में 18 जून, 2015 की रात में होटल मैनेजमेंट की घोर लापरवाही और उदासीनता की वजह से होटल में आग लग जाने से 10 लोगों की मौत हो गई थी और 2 दर्जन से अधिक लोग मरणासन्न की दशा में जिला अस्पताल प्रतापगढ़ से प्रयागराज SRN में रेफर किया गया था। उक्त मामले में कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत हुआ था और पुलिस ने सुनील कुमार गोयल सहित होटल के संचालन से जुड़े लोगों को जेल भेजा था। होटल को भी सील किया गया था। जाँच में उक्त होटल की बिल्डिंग को मानक के विरुद्ध पाया गया और जिला प्रशासन ने उसे ध्वस्त करने का आदेश भी जारी किया था, परन्तु इन्हीं सबके लिए सुनील कुमार गोयल भाजपा में शामिल होकर आज सत्ताधारी नेता बनाकर प्रदेश में योगी सरकार को बदनाम करने का कार्य कर रहा है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कथित भाजपा नेता सुनील कुमार गोयल एक षडयंत्रकारी ब्यक्ति है। अपने फितरत से एक बैंक से लोन लेने के बाद महाराष्ट्र बैंक से उसी जमीन और भवन को दिखाकर करोड़ों रूपये का लोन सुनील कुमार गोयल द्वारा लिया गया जबकि वह जमीन और भवन पहले से किसी दूसरे बैंक में बंधक के तौर पर रखी गई थी। फिर भी अपनी फितरत के बलबूते सुनील कुमार गोयल उन्हीं कागजातों के बल पर नियम विरुद्ध महाराष्ट्र बैंक से करोड़ों रूपये का लों ले लिया गया। होटल गोयल रेजीडेंसी में जब 18 जून, 2015 की रात में आग लगी तो दूसरे दिन होटल सील कर दिया गया। कई महीने होटल बंद रहा। यानि होटल का ब्यवसाय बंद रहा।
इसी बीच देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी 8 नवम्बर, 2016 को शाम 8 बजे नोटबंदी का ऐलान किया। यानि देश में नोटबंदी के बाद भी सुनील कुमार गोयल के बंद होटल से इनकम होती रही, तभी तो महाराष्ट्र बैंक के करोड़ों रूपये लोन को सुनील कुमार गोयल द्वारा अदा किया गया। आम इन्सान के मन में सवाल उठता है कि आखिर सुनील कुमार गोयल के पास ये धन कहाँ से आया ? क्या भारत देश में प्रवर्तन निदेशालय के ED और आयकर विभाग के अधिकारियों की नजरें सुनील कुमार गोयल पर नहीं पड़ी ? देश का वित्त विभाग और उससे जुड़ी जाँच एजेंसियां क्या सुनील कुमार गोयल के काले कारनामों को जानते हुए भी आँख बंद कर लेने में अपनी भलाई समझती है ?
यदि नहीं तो फरेबी और जालसाज सुनील कुमार गोयल के उस धन की जाँच होनी चाहिए जो नोटबंदी के बाद बंद हुए होटल के लोन खाते में करोड़ों रूपये की अदायगी की गई। क्योंकि सुनील कुमार गोयल का एक रिश्तेदार सीतापुर में है और कई आईएएस अधिकारी भी उसके सम्पर्क में हैं। नोटबंदी के बाद कालाधन को सफेद करने के लिए सुनील कुमार गोयल महाराष्ट्र बैंक में करोड़ों रूपये लोन की अदायगी कर इनकम टैक्स विभाग के आँखों में धूल झोकने का कार्य बड़ी आसानी से कर लिया गया। यही नहीं बंद होटल को करोड़ों रूपये लगाकर फिर से संचालित किया गया और राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में एक आलीशान रेस्टोरेंट खोला गया। सवाल वही है कि आखिर ये धन सुनील कुमार गोयल के पास कहाँ से आया ? क्या ये काला धन है ? इस धन का आयकर जमा भी हुआ या नहीं ?
पूर्व जिला महामंत्री, अखिल भारतीय उद्योग ब्यापार मंडल, प्रतापगढ़ अनिल कुमार विश्वकर्मा की ने सभी जिम्मेदारों को प्रकरण की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए सुनील कुमार गोयल PAN- AEGPG9531C और उनकी पत्नी रेखा गोयल PAN-AIUPG 5157C के आयकर रिटर्न फाइल की जाँच कर ये सुनिश्चित होने की बात की है कि करोड़ों रुपये जो सुनील कुमार गोयल और रेखा गोयल द्वारा महाराष्ट्र बैंक में जमा किये गए और प्रतापगढ़ में बंद पड़े होटल को पुनः संचालित किया गया वह धन कहाँ से आया और उसका आयकर रिटर्न दाखिल किया गया अथवा नहीं ? साथ ही सुनील कुमार गोयल द्वारा राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में एक आलीशान रेस्टोरेंट खोला गया सुनील कुमार गोयल और उनकी पत्नी रेखा गोयल के आयकर रिटर्न के सापेक्ष उक्त सभी खर्च हुए धन की जाँच आयकर विभाग की विजलेंस टीम सहित प्रवर्तन निदेशालय की जाँच विंग से कराया जाए तो आयकर की बड़ी चोरी पकड़ी जा सकती है।
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