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उमेश पाल हत्याकांड में अभी भी फरार गुड्डू मुस्लिम बमबाज... |
गुड्डू मुस्लिम झांसी में सुबह से लेकर शाम तक रेकी करता रहता था। जबकि झांसी में बबीना रेंज सैन्य ठिकाना सहित काई महत्वपूर्ण जगह है। अतीक को डर था कि कहीं गुड्डू मुस्लिम पकड़ा न जाए। पुलिस रिमांड में अतीक और अशरफ कई बार गुड्डू मुस्लिम का नाम लिया और दोनों को उसके पकड़े जाने का डर सता रहा था कि कहीं पुलिस उसका एनकाउंटर न कर दें और कई राज ऐसे हैं, जो वह उगल न दे।अतीक के उन 14 मददगारों की सबसे बड़ी राज़दार शाइस्ता परवीन ही है। शाइस्ता परवीन का पकड़ा जाना इसलिए भी ज़रूरी है, क्योंकि अतीक अहमद ने पुलिस की पूछताछ में ऐसी दो सौ से अधिक फर्जी कंपनियों के बारे में बताया है,जिससे उसकी काली कमाई का कनेक्शन है। सूत्रों के मुताबिक अतीक ने 50 से ज्यादा ऐसे सफेदपोश नामों का भी खुलासा किया है, जिनके काले पैसे अतीक के धंधे में लगाए गए हैं।
अतीक और अशरफ सिर्फ असद और गुलाम का बचाव कर रहे थे। ऐसे में गुड्डू मुस्लिम ने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया था। गुड्डू, साबिर और अरमान को एनकाउंटर का डर सता रहा था। हत्या के पहले भी अशरफ गुड्डू मुस्लिम को लेकर कुछ बताने जा रहा था, लेकिन उससे पहले हत्या हो गई। माना जा रहा है कि गुड्डू मुस्लिम के पास बड़े राज है। एसटीएफ गुड्डू मुस्लिम की तलाश कर रही है। कहीं अपने ही गुरु चाँद बाबा की हत्या जिस तरह अतीक ने की और जरायम की दुनिया में बेताज बन गया, कहीं अतीक की हत्या में चेले गुड्डू मुस्लिम ने तो नहीं करा दी हो। क्योंकि अतीक अहमद और अशरफ सिर्फ असद को बचाने के लिए गुलाम को उसके साथ लगा रखा था और गुड्डू मुस्लिम सहित उसके साथियों को उसके हाल पर छोड़ दिया था।
इस बीच अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश तेज हो गई है। अतीक और अशरफ मारे गए, एसटीएफ ने एनकाउंटर में असद और शूटर गुलाम को मार गिराया, लेकिन उमेश पाल हत्याकांड में फरारी काट रही शाइस्ता परवीन अभी तक सामने नहीं आई। अतीक और अशरफ की हत्या के बाद अब शाइस्ता ही है, जो पिछले 50-55 दिन के अंदर हुई सात हत्याओं की पूरी कहानी की सबसे बड़ी राज़दार हो सकती है। मौत से चंद पल पहले अतीक और अशरफ की गुड्डू मुस्लिम वाली जो बात अधूरी रह गई। उस गुड्डू मुस्लिम वाली बात की सबसे बड़ी राज़दार अब शाइस्ता परवीन ही बची है, लेकिन शाइस्ता तो अदालत के सामने सरेंडर कर रही है और न ही पुलिस उस तक पहुंच पा रही है। अभी तक शाइस्ता परवीन के मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं।
अतीक और अशरफ 3 दिनों तक पुलिस की रिमांड में थे। इस दौरान पुलिस और एसटीएफ की पूछताछ में अतीक और अशरफ ने कई बड़े खुलासा किया था। उन खुलासों और निशानदेही के आधार पर प्रयागराज के ठिकाने से हथियार बरामद भी हुए थे। सूत्रों के मुताबिक अतीक ने पुलिस को 14 ऐसे लोगों के नाम बताए थे जो उसे फंडिंग किया करते थे। अतीक के कहने पर ही ये लोग शाइस्ता तक पैसे पहुंचाते थे। इनमें 11 नाम ऐसे हैं जो प्रयागराज के कालिंदीपुरम, चकिया, मरियाडीह, बम्हरौली, असरौली, कौशाम्बी के महगांव और बेली के रहने वाले हैं। अतीक इन्हें आसपास के किसानों की जमीन औने पौने दाम पर लेकर प्रॉपर्टी डीलर्स को कारोबार करने में मदद करता था। इसके बदले अतीक अहमद को भारी भरकम रकम पहुंचाई जाती थी।
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