नैनी सेंट्रल जेल के अंदर बनी तन्हाई बैरक में तीनों शूटरों को रखा गया था। तीनों शूटरों की सुरक्षा को लेकर बॉडीबार्न कैमरे और अन्य बंदी रक्षकों को लगाया गया था। तन्हाई बैरक जेल के एक कोने में बनी है और उसमें किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाता है। नैनी जेल के अंदर माफिया अतीक अहमद के बेटे अली के साथ समर्थक और गुर्गों में अतीक और अशरफ की हत्या के बाद से आक्रोश है। वह शूटरों को नुकसान पहुंचने का पूरा प्रयास करेंगे। इस बात की आशंका हमेशा बनी हुई थी। इसलिए तीनों शूटरों को प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया है।
प्रतापगढ़ जिला कारागार में जब माफिया ब्रदर के तीनों शूटर पहुँच गए तब जाकर मीडिया को भनक लगी। अपराध जगत से जुड़े लोगों का मानना है कि माफिया अतीक का सम्बन्ध प्रतापगढ़ में भी रहा है और उनके चाहने वाले जो मुस्लिम वर्ग से अपराधी प्रतापगढ़ के जिला कारागार में बंद हैं, उनसे भी उन तीनों शूटरों को नुकसान पहुँचाया जा सकता है। कारागार प्रशासन पूरी मुश्तैदी से लगा हुआ है। शासन व जिला प्रशासन सहित जेल प्रशासन फूंक फूंक कर हर एक कदम उठा रहा है, ताकि किसी भी तरह की बदनामी का सामना न करना पड़े।
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