न्यायिक जांच की निष्पक्षता पर लोगों की टकटकी...
कानपुर, 13 जुलाई एसआईटी के बाद न्यायिक आयोग ने सोमवार को बिकरू कांड और हिस्ट्रीशीटर विकास एनकाउंटर की जांच शुरू कर दी है। इस दौरान आयोग ने बिकरू गांव का दौरा कर घटना से जुड़े तथ्य जुटाए। आयोग के अध्यक्ष रिटायर जज एसके अग्रवाल ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति देखी। गांव में विकास दुबे के जमींदोज घर की जांच की। उस स्थान को भी देखा जहां पुलिस वालों पर गोलियां बरसाई गई थीं। उन्होंने साथ गए अधिकारियों से बात करने के बाद ग्रामीणों के बयान दर्ज किए। घटना से जुड़े अब तक के रिेकॉर्ड कब्जे में लिए गए। यह जानकारी सूत्रो ने दी है ।
विकास दुबे मामले में न्यायिक जांच करने पहुँचे अधिकारीगण... |
सूत्रो के अनुसार अध्यक्ष एसके अग्रवाल दोपहर करीब 12:20 बजे बिकरू गांव पहुंचे। उनके साथ डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी और एसएसपी दिनेश कुमार पी भी थे। उन्होंने वह जगह देखी जहां जेसीबी लगाकर रास्ता रोका गया था। उस स्थान को भी देखा जहां सीओ देवेंद्र मिश्र की निर्मम हत्या की गई थी। दीवारों, शौचालय के दरवाजे पर लगे गोलियों के निशान देखे। प्रशासन ने उस स्थान का भी दौरा कराया जहां पुलिस कर्मियों के शव जलाने की योजना थी। विकास के घर में लगे नीम के पेड़ के नीचे बैठकर डीएम और एसएसपी से घटना के बारे में जानकारी ली। यहीं सीओ बिल्हौर, इंस्पेक्टर चौबेपुर, शिवराजपुर से पूँछताँछ की। लगभग सवा घंटा गुजरने के बाद वह सर्किट हाउस के लिए रवाना हो गए।
बिकरू में हमले में घायल एसओ बिठूर कौशलेन्द्र सिंह को भी मौके पर बुलाया गया था। उनके पहुंचने में देर हो गई तो रिटायर जज सर्किट हाउस के लिए निकल गए। आयोग घटना के चश्मदीद से भी तहकीकात करना चाहता था। कौशलेंद्र बिकरू से सर्किट हाउस के लिए रवाना हुए लेकिन उससे पहले ही एसके अग्रवाल लखनऊ के लिए निकल गए। लोगों में इस बात की उत्सुकता जरुर है कि अन्य मामलों की तरह विकास दुबे का मामला खत्म होगा अथवा विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच निष्पक्ष ढंग से करते हुए विकास दुबे को गैंगेस्टर विकास दुबे बनाने वालों की गर्दन तक ये न्यायिक जांच टीम के हाथ जाते हैं अथवा नहीं ? विकास दुबे ने ऐसा कौन सा धंधा किया जो वो अरबों रूपये का मालिक बन बैठा और आयकर विभाग वालों को भनक तक न लग सकी। क्या विकास दुबे के साम्राज्य पर ब्यवस्था वाला हथौड़ा चला कर विकास दुबे को जिस तरह STF वालों ने दर पर ही ढेर कर दिया वैसे ही उसके साम्राज्य पर प्रवर्तन निदेशालय की गाज गिरेगी।
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