"जनता कर्फ्यू की सफलता से गदगद पीएम मोदी बिना आगे-पीछे विचार किये नोटबंदी की तरह 21 दिनों वाला प्रथम लॉकडाउन का निर्णय और बाद में आत्म निर्भर बनने और अर्थब्यवस्था को पटरी पर लाने के नाम पर खुली छूट देने से कोरोना वायरस का संक्रमण विश्व में भारत को छठवें पायदान पर पहुँचा दिया है..."
नागरिकों को आत्म निर्भर का ज्ञान देते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |
कोरोना संक्रमण काल में देश के प्रधान सेवक और लोकसभा चुनाव में चौकीदार बने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीच मझधार में देश के नागरिकों को आत्म निर्भर बनने का पाठ पढ़ाकर मरने के लिए छोड़ा...
देश में 24 घंटे में लगभग 10 हजार कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आए, जबकि 287 लोगों की मौत हुई है...
देश में कोरोना संक्रमण के कुल संक्रमित मरीजों की संख्या-247040
देश में कोरोना संक्रमण के कुल संक्रमित मरीजों की संख्या-247040
➤कोरना संक्रमण से भारत में अभी तक हुई मौतें की संख्या - 6946
➤कोरोना संक्रमित से एक्टिव मरीजों की संख्या - 121386
➤कोरोना के संक्रमण से ठीक हुए मरीजों की संख्या - 11869
➤कोरोना संक्रमित से एक्टिव मरीजों की संख्या - 121386
➤कोरोना के संक्रमण से ठीक हुए मरीजों की संख्या - 11869
मास्क पहनकर,गमझा लगाकर देश वासियों को कोरोना संक्रमण से लड़ने की प्रेरणा देते पीएम मोदी... |
कोरोना संक्रमण से राज्यों के हालात...
महाराष्ट्र - कुल संक्रमित मरीज - 82968
तमिलनाडु -कुल संक्रमित मरीज - 30172
दिल्ली - कुल संक्रमित मरीज - 27654
गुजरात - कुल संक्रमित मरीज - 19617
राजस्थान - कुल संक्रमित मरीज - 10337
उत्तर प्रदेश - कुल संक्रमित मरीज - 10103
मध्यप्रदेश - कुल संक्रमित मरीज - 9228
प्रधान मंत्री राहत कोष के रहते PM CARES FUND के गठन पर उठे सवाल |
देश में कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या में जब बेतहासा बृद्धि हो रही है तब केंद्र की मोदी सरकार देश के नागरिकों को आत्म निर्भर बनने का गुण सूत्र सिखा रही है। जब पेट में भूख लगी हो और सोने के लिए एक अदद खाट और बिछौना भी न हो आत्म निर्भर बनने वाला फार्मूला किसी भी ब्यक्ति के समझ में नहीं आ सकता। परन्तु देश के प्रधान सेवक/चौकीदार की जिद है कि वो ऐसे हालात में भी देश के नागरिकों को आत्म निर्भर बनाकर ही दम लेंगे। देश में मोदी जी के लाखों ऐसे भी अंध भक्त हैं जो दिन को यदि मोदी जी रात कह दें तो वो उसे बिना विचार किये ही मान लेते हैं कि ये रात ही है, क्योंकि ये बात देश के चौकीदार ने कही है। बस इसी का फायदा देश के चौकीदार महोदय उठा रहे हैं।
भारत में कोविड-19 वैश्विक माहामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए केंद्र की मोदी सरकार और राज्यों की सरकारों ने बिना किसी योजना के ही निर्णय लेना शुरू किये और उनके सारे निर्णय आज उल्टे पड़ते दिख रहे हैं। जब विदेशों में कोरोना संक्रमण ने तवाही मचा राखी थी तो देश की मोदी सरकार नमस्ते ट्रंप के आयोजन में मस्त थी और सत्ताधारी दल भाजपा मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मामाजी की सरकार बनाने में मशगूल थी। मार्च महीने में होली का त्यौहार आया कोरोना संक्रमण की ख़बरें अब तक देश में आ चुकी थी और मौसम भी इस बार होली के रंग में भंग डाल रहा था सो मौसम के मिजाज और कोरोना संक्रमण के भय से इस बार होली का त्यौहार बहुत फीका रहा। कुछ ही दिनों बाद चैत्र मास में पड़ने वाला नवरात्रि का पावन पर्व आ गया । उससे पहले केंद्र की मोदी सरकार कुम्भकर्णी नींद से जाग चुकी थी और जागते ही देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 21 मार्च को शाम 8 बजे देश के न्यूज़ चैनलों पर लाइव होते हैं और टेस्टिंग के तौर पर एक दिन पूरे देश में जनता कर्फ्यू की घोषणा कर देते हैं। जनता अपने प्रधानमंत्री की बात को शिरोधार्य करके उसे सफल बना देती है। पीएम मोदी के सामने नहीं है किसी को अपनी बात रखने की हिम्मत |
अब इस सफलता को देश के प्रधानमंत्री जी अपने 11रत्नों के साथ दो दिन तक अध्ययन किये और 24मार्च की शाम 8 बजे 21दिनों के लिए देश भर में लॉकडाउन की घोषणा कर दिए।पूरे देश में इस घोषणा से अफरातफरी मच गई। जनजीवन अस्त ब्यस्त हो गया। ऐसी स्थिति भारत के लोंगो ने कभी देखी न थी। जीवन का पहिया ही थम सा गया। नवरात्रि का पहला दिन और बाजारों में खरीददारी की ऐसी लाइन लगी कि 10रूपये का सामान 30 रुपये तक बिक गया और शासन व प्रशासन देखता रहा। कहीं कहीं स्थानीय प्रशासन ने थोड़ा बहुत दखल दिया पर वो न के बराबर रहा। लोंगो ने किसी तरह 21दिन लॉकडाउन का कार्यकाल ब्यतीत कर लिया,परन्तु स्थिति भयावह बताकर 21दिनों से पूर्व 19दिनों का लॉकडाउन लगाया गया और उसे लॉकडाउन-2 नाम दिया गया। जब लॉकडाउन की अवधि पर देश की जनता सोशल मीडिया मंच पर और देश की मीडिया कुछ लिखना चाहे अथवा बोलना चाहे तो उनके विरुद्ध कोरोना संक्रमण के संदर्भ में अफवाह फ़ैलाने का मुकदमा भी कई थानों में दर्ज किया गया। अब किसकी मजाल थी की राष्ट्रीय आपदा और कोरोना संक्रमण काल में उसके खतरे के संदर्भ में कुछ बोल सके अथवा दो लाइन अपने मन का विचार ब्यक्त कर सके। "मन की बात" तो सिर्फ देश के चौकीदार/प्रधान सेवक ही कर सकते हैं। "मन की बात" करने के लिए उन्होंने "कॉपी राइट" करा रखा है।
''मन की बात" करने के लिए पीएम मोदी को ही है छूट |
केंद्र की मोदी सरकार का देश में ये लॉकडाउन का पाँचवां टर्म है। ढ़ाई माह लगभग होने जा रहा है और आज भी कोरोना वायरस कमजोर नहीं हुआ, बल्कि सरकारें कमजोर हुई हैं। कोरोना संक्रमण की स्थिति आज भयावह होती दिख रही है। अभी तक सरकार मौत की दर को कम करके अपनी सफलता का ढिढोरा पीट रही थी और रिकवरी दर भी 45% से 48% के आसपास रहा। पर इन पंद्रह दिनों में तो स्थिति भयवाह होती दिख रही है। देश की जागरूक जनता देश और राज्य की सरकारों से सवाल कर रही है कि जब देश में कोरोना संक्रमण के गिने चुने मरीज थे तो देश में कड़ाई के साथ लॉकडाउन लागू किया गया और जब देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति ढ़ाई लाख पहुँचने को है तो देश भर में सबकुछ खोल दिया गया। कितना गैर जिम्मेदाराना वाला कार्य केंद्र की मोदी और राज्य की सरकारें कर रही हैं। सरकार को देश की जनता की नहीं पड़ी है, बल्कि सरकार को अपनी कुर्सी की पड़ी है। जल्दी-जल्दी आप सब सिर्फ एक काम करो अपना टैक्स भर दो ! क्योंकि सरकार का खजाना खाली हो चुका है। जिससे सरकार महीने का लाखों रुपया वेतन, भत्ता, गाड़ी, बंगला का मजा लेने वाले खाली बैठे अधिकारियों और नेताओं को वेतन, पेंशन एवम अन्य सुविधाएं दे सके। हाँ, हाँ इनको कोरोना काल में भी वेतन, भत्ता गाड़ी, बंगला एवं अन्य ठाट बाट में कोई कमी न आने पाए। इस लिए बिना किसी पूँछताँछ बिना कोई सवाल दागे देश की जनता को यही निर्देश सरकार की तरफ से दिया जाता है कि कोरोना वायरस से निडर होकर काम करो और टैक्स भरो ! ताकि सरकार को राजकोषीय संकट से न जूझना पड़े।
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