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शुक्रवार, 12 जून 2020

ट्यूबेल पर पानी लेने जा रही दलित बालिकाओं से करते थे, मुस्लिम लड़के छेड़खानी। विरोध करने पर दलितों को बुरी तरह पीटा।

CMयोगी आदित्यनाथ ने दिए प्रदेश में गुंडों पर NSA लगाने के आदेश...

मुख्यमंत्री ने एसपी आज़मगढ़ डॉ त्रिवेणी सिंह को लगाई फटकार...
आजमगढ़ महराजगंज थाना क्षेत्र के सिकन्दरपुर आइमा में दलित युवतियों के साथ छेड़खानी के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त तेवर और एसपी को फटकार के बाद पुलिस एक्शन में आ गई है। पुलिस ने मामले में अब तक आरोपी परवेज, फैजान, नूरआलम, सदरे आलम समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, सात आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। इन सातों आरोपियों पर 25-25 हजार का ईनाम घोषित किया गया है। उधर, एसपी प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने सीओ को कड़ी फटकार लगाई है और महराजगंज थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया है। माना जा रहा है कि मामले में सीओ पर भी कार्रवाई हो सकती है। दलित किशोरी से छेड़खानी के प्रकरण में CM योगी की सख्ती के बाद 19 पर NSA की कार्रवाई, 12 आरोपियों की गिरफ्तारी और 7 फरार आरोपियों पर ईनाम घोषित करने से आजमगढ़ में हडकंप मचा हुआ है 


दलित किशोरी से छेड़खानी मामले में पकड़े गए 12आरोपी...
सीएम योगी ने आरोपियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया है। बालिकाओं ने छेड़खानी का किया विरोध किया तो धारदार हथियारों से दलित बस्ती पर मुस्लिमों ने हमला बोल दिया, जिसमें 12लोग बुरी तरह घायल हो गए बात जब मीडिया में आई तो मुख्यमंत्री ने एसपी को आरोपियों पर NSA के तहत और कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। आजमगढ़ पुलिस आरोपियों के खिलाफ NSA व गैंगस्टर के तहत कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस ने फरार सभी सातों आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम किया घोषित कर दिया है इस घटना की जानकारी महाराजगंज थाना पुलिस को हुई, लेकिन आरोप है कि इंस्पेक्टर महराजगंज ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। आज़मगढ़ की घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त हैं प्रदेश के सभी पुलिस कप्तानों को मुख्यमंत्री योगी ने दिया निर्देश, कहीं भी सांप्रदायिक या जातीय घटना हुई तो होगी इंस्पेक्टर और सीओ के खिलाफ कार्रवाई और एसपी जवाबदेह होंगे


    आजमगढ़ एसपी डॉ त्रिवेणी सिंह ने दलित किशोरी से छेड़खानी मामले में सीओ को लगाई फटकार...
आज़मगढ़ में दलित बालिकाओं के साथ छेड़खानी के विरोध पर दलितों पर हुई हमले की घटना में मुख्यमंत्री बेहद सख्त नजर आये और आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक को ऐसी फटकार लगाए कि उनके होश फाख्ता हो गए। पुलिस अधीक्षक भी फटकार खाने के बाद सख्त हुए और वो क्षेत्राधिकारी पर अपनी भड़ास निकालते हुए महराजगंज थाना के इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद जौनपुर और आजमगढ़ में दलित उत्पीड़न के खिलाफ रासुका की कार्रवाई पुलिस द्वारा की गई, परन्तु सवाल है कि बलरामपुर में कब होगी कार्रवाई ? सवाल उठता है कि आखिर पुलिस घटना और फटकार के पहले क्यों नहीं सजग हो पाती ? क्यों अपनी फजीहत करने पर आमादा रहती है उत्तर प्रदेश की पुलिस ? क्या कभी अपने में सुधार ला भी पायेगी उत्तर प्रदेश की पुलिस या ऐसे ही सबकुछ पूर्व की भांति चलता रहेगा ? इसका जवाब भी देने के लिए कोई हाकिम या सिस्टम में बैठा हुआ जिम्मेदार ब्यक्ति नहीं देगा। 

2 टिप्‍पणियां:

  1. जो दलितों की इज्जत बचा रहे हैं क्या दलित उस मुख्यमंत्री की कभी सराहना कर पाएंगे ।

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  2. क्योंकि दलित दो प्रकार के होते हैं एक बसपा समर्थित अंबेडकरवादी दलित दूसरे हिंदू दलित ।
    जो राष्ट्रभक्त व राष्ट्रप्रेमी है वह तो योगी जैसे की प्रशंसा करेंगे बाकी मुसलमानों से उन्हें सतर्क ही रहना चाहिए जय भीम और जय मीम यह सबसे बड़ा धोखा है

    जवाब देंहटाएं

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