मथुरा में बीजेपी महापौर, विधायक और नवनियुक्त पार्षदों की गलती न पड़ जाए कहीं मथुरा पर भारी...
नवनियुक्त पार्षदों के शपथ समारोह में उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ.... |
जैसे ही अनलॉक वन का फेज प्रारंभ हुआ उसके साथ ही कान्हा की नगरी मथुरा में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसके साथ ही कल एक ऐसा वाकया देखने को मिला जिसमें के सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी तरह से धज्जियां उड़ाई गई। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी जी और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जनता से लगातार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मास्क पहनने की अपील कर रहे हैं, वहीं भाजपा के मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मोदी जी और योगी जी के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। शपथ ग्रहण के कार्यक्रम में बीजेपी महापौर के साथ बीजेपी विधायक और सैकड़ों कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। जिसमें की फोटो खिंचवाने के चक्कर में कार्यकर्ताओं और नेताओं ने मुंह पर मास्क लगाना तक मुनासिब नहीं समझा। इसके अलावा फोटो खिंचवाने के चक्कर में सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गई।
इस पूरे कार्यक्रम में बहुत कम लोगों के मुंह पर मास्क दिखाई दिया और सोशल डिस्टेंसिंग नाम मात्र भी कहीं दिखाई नहीं दी। अब सवाल खड़ा होता है कि क्या सारे नियम कायदे आम जनता के लिए बनाए जाते हैं ? नेताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए किसी तरह के कोई नियम कायदे नहीं है क्या ? जहां एक तरफ मास्क ना पहनने पर आम नागरिक का पुलिस द्वारा चालान किया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर चालान किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें ना तो सोशल डिस्टेंसिंग थी ना ही मास्क लगाया गया। उनके लिए किसी तरह की कोई भी कार्यवाही अभी तक प्रशासन की तरफ से नहीं की गई है। वहीं अभी कुछ दिन पूर्व ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की रिहाई के लिए जो कांग्रेसी कार्यकर्ता जिला अधिकारी महोदय को ज्ञापन देने पहुंचे, तो उन्हें लॉक डाउन का उल्लंघन करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने जैसी धाराओं का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था।
वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले में अभी तक किसी तरह की कोई भी कार्यवाही प्रशासन द्वारा नहीं की गई है। इस कार्यक्रम में प्रशासन की तरफ से नगर आयुक्त मथुरा भी मौजूद रहे थे। उनके सामने ही यह पूरा कार्यक्रम चला था। इस पूरे कार्यक्रम में आज एक नया मोड़ सामने जब नगर निगम के ही एक कर्मचारी की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई और स्वास्थ्य विभाग की मानें तो यह संक्रमित व्यक्ति शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान पूरे कार्यक्रम में नगर निगम कार्यालय पर कार्यक्रम में मौजूद रहा। इसके बाद पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है।इसकी वजह से पूरे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। क्योंकि नेताओं की लापरवाही पूरे जनपद के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन सकती है। क्योंकि सैकड़ों नेता उसे कार्यक्रम में मौजूद रहे थे और वह भी बिना किसी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के ऐसे में उसमें एक संक्रमित व्यक्ति भी पाया गया है। जिसकी वजह से एहतियातन तौर पर नगर निगम ने 3 दिन के लिए अपनी विभाग की छुट्टी कर दी है, और अपने कर्मचारियों को होम क्वारंटाइन करने की सलाह दी है।
इस पूरे मामले में प्रशासन की मंशा और कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगता है कि एक तरफ आम जनता और अन्य सभी पर कार्यवाही की जा रही है, वहीं बीजेपी के कार्यकर्ताओं और नेताओं पर क्या कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी ? क्या बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता सभी नियम कायदों से ऊपर हैं ? क्या उनके लिए किसी तरह का कोई नियम कायदा लागू नहीं होता है ? क्या वह अपने प्रधानमंत्री मोदी जी और मुख्यमंत्री योगी जी की बातों को भी मानने के लिए बाध्य नहीं है ? अब देखते हैं कि इस मामले में प्रशासन द्वारा किस तरह की कार्यवाही अमल में लाई जाती है। अभी वर्तमान में अगर कोरोना संक्रमित मामलों की हम बात करें तो मथुरा जनपद में 21 घंटे में 37 नए मामले सामने आए हैं और कोरोना का आंकड़ा बढ़कर 151 पहुंच चुका है। बहरहाल जो भी हो इस तरह के अव्यवस्थाओं की पुनरावृति जनपद में दोबारा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे बहुत बड़ा खतरा जनपद को होने की आशंका है।
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