हिन्दुस्तान के असल गद्दार अलगाववादी ही हैं...!!!
नई दिल्ली-पुलवामा आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। चार अलगाववादी नेताओं के बाद अब सरकार ने 18 और हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटाई गई है और कई की सुरक्षा कम कर दी गई है। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर के 155 राजनीतिक व्यक्तियों की भी सुरक्षा में बदलाव किया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षा हटाए जाने या कम करने को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी गई है। जिन नेताओं की सुरक्षा हटाई या कम की गई है, उनमें से एसएएस गिलानी, आगा सैयद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शहीद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा, फारूक अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, आगा सैयद अबुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसद्दिक भट शामिल है। इसके अलावा 155 राजनीतिक व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं की भी सुरक्षा में बदलाव किया गया है। इन्हें उनके खतरे के आकलन और उनकी गतिविधियों के आधार पर सुरक्षा दी गई थी। इसमें शाह फैसल शामिल हैं, जिन्होंने IAS से इस्तीफा देकर नेशनल कॉन्फ्रेंस ज्वॉइन किया था। गृह मंत्रालय के मुताबिक, इन हुर्रियत नेताओं और राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा में 1000 से अधिक पुलिसकर्मी और 100 से अधिक सरकारी गाड़ियां लगी हुई थी। इससे पहले सरकार ने चार हुर्रियत नेताओं मीरवाइज उमर फारूक, अब्दुल गनी बट्ट, बिलाल लोन, शब्बीर शाह की सुरक्षा वापस ली थी। इन नेताओं की सुरक्षा पर सरकार ने अभी तक करीब 15 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
नई दिल्ली-पुलवामा आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। चार अलगाववादी नेताओं के बाद अब सरकार ने 18 और हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटाई गई है और कई की सुरक्षा कम कर दी गई है। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर के 155 राजनीतिक व्यक्तियों की भी सुरक्षा में बदलाव किया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षा हटाए जाने या कम करने को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी गई है। जिन नेताओं की सुरक्षा हटाई या कम की गई है, उनमें से एसएएस गिलानी, आगा सैयद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शहीद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा, फारूक अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, आगा सैयद अबुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसद्दिक भट शामिल है। इसके अलावा 155 राजनीतिक व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं की भी सुरक्षा में बदलाव किया गया है। इन्हें उनके खतरे के आकलन और उनकी गतिविधियों के आधार पर सुरक्षा दी गई थी। इसमें शाह फैसल शामिल हैं, जिन्होंने IAS से इस्तीफा देकर नेशनल कॉन्फ्रेंस ज्वॉइन किया था। गृह मंत्रालय के मुताबिक, इन हुर्रियत नेताओं और राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा में 1000 से अधिक पुलिसकर्मी और 100 से अधिक सरकारी गाड़ियां लगी हुई थी। इससे पहले सरकार ने चार हुर्रियत नेताओं मीरवाइज उमर फारूक, अब्दुल गनी बट्ट, बिलाल लोन, शब्बीर शाह की सुरक्षा वापस ली थी। इन नेताओं की सुरक्षा पर सरकार ने अभी तक करीब 15 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
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