40 लाख योद्धाओं की वीरगति हुई थी द्वापर युग मे हुए महाभारत समर में...!!!
देवकीनंदन के श्राप के चलते अश्वत्थामा आज भी भटक रहे है मृत्युलोक में...!!!
देवकीनंदन के श्राप के चलते अश्वत्थामा आज भी भटक रहे है मृत्युलोक में...!!!
द्वापर युग में हुए महाभारत के युद्ध में सम्पूर्ण विश्व के योद्धाओं ने भाग लिया था। यह धर्म और अधर्म के मध्य युद्ध था, जिसमें विजय धर्म की हुई। इस युद्ध में भयंकर रक्तपात हुआ और केवल 11योद्धा ही ऐसे बचे जो कुरुक्षेत्र से जीवित वापस लौट सके।
1: कृतवर्मा: एक एशिया योद्धा जिसने कई बार सात्यकी से युद्ध किया।
2: सात्यकी: ये अर्जुन के शिष्य और परम कृष्ण भक्त थे।
3: पांडव: महाभारत युद्ध से सभी पांडव सुरक्षित वापस लौटे थे। जिसके साथ स्वयं सृष्टि के पालनहार भगवान श्री कृष्ण हों, भला उसका कोई क्या बिगाड़ सकता है।
4: युयुत्सु: कौरवों का सौतेला भाई जिसकी माता एक दासी थीं। युयुत्सु ने हमेशा कौरवों का विरोध किया और उन्हें अधर्म के मार्ग पर चलने से पहले हमेशा सावधान किया।
5: कृपाचार्य: ये पांडवों और कौरवों के कुल गुरु थे,जो सकुशल कुरुक्षेत्र से लौट आए थे।
6: अश्वत्थामा: गुरु द्रोण का पुत्र और एक ऋषि जो स्वयं भगवान शंकर का अंशावतार था। भगवान कृष्ण ने अश्वत्थामा को सदा मृत्युलोक में ही भटकने का श्राप दिया था।
7: भगवान श्री कृष्ण: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि श्री कृष्ण भगवान् श्री हरि विष्णु के अवतार थे। भला उन्हें कोई क्या हानि पहुंचा सकता है।
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