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बुधवार, 5 जुलाई 2023

एसटीएफ से बचना अब असंभव, AI से सिर्फ एक क्लिक में खुल जाएगी अपराधियों की कुंडली

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) जल्द ही नये कलेवर में...

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) जल्द ही नये कलेवर और नई ताकत के साथ नजर आने वाली है। अपराध और अपराधियों पर कार्रवाई और तेज करने के लिए हाल ही में यूपी एसटीएफ को लेकर सीएम ने समीक्षा बैठक की थी। बैठक में यूपी एसटीएफ द्वारा प्रदेश के दुर्दांत अपराधियों, अवैध नशे के साैदागरों, अवैध हथियार तस्करों, शिक्षा माफिया और फर्जी शिक्षकों समेत आतंकवादियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई पर प्रसन्नता जाहिर की। समीक्षा बैठक में सीएम ने एसटीएफ को और मज़बूत करने के लिये बजट जारी कर दिया है।


तीन करोड़ में खरीदा जा रहा AI बेस्ड क्रिमिनल डाटा सिस्टम...


बजट मिलते ही यूपी एसटीएफ ने आर्टिफि​शिएल इंटेलिजेंस बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम को ख़रीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे संगीन वारदात को अंजाम देने वाले अज्ञात शूटर और अपराधी अब यूपी एसटीएफ की नजरों से नहीं बचेंगे। चंद सेकंड में उनकी पहचान के साथ पूरी कुंडली पुलिस अ​धिकारियों के सामने होगी। इस तकनीक के जरिए घटना का जल्द खुलासा करने के साथ उसे अंजाम देने वाले अपरा​धियों को सलाखों के पीछे भेजने में देर नहीं लगेगी। यूपी एसटीएफ लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत से जल्द AI बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम स्थापित करने जा रही है। इसका टेंडर जारी होने के बाद 4 कंपनियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है।


चंद सेकेंड्स में अपराधी के चेहरे का हो सकेगा मिलान...


बता दें कि तेलंगाना के बाद यूपी पुलिस में ऐसा अत्याधुनिक ​सिस्टम स्थापित किया जा रहा है। AI बेस्ड क्रिमिनल डाटा क्रिएशन एंड रिट्रीवल सिस्टम में अपरा​धियों का पूरा डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इससे पहले क्रिमिनल ट्रै​किंग सिस्टम के जरिए ये काम किया जाता था। AI के साथ अपरा​​धियों का डाटाबेस जोड़ने से उनके चेहरे का मिलान चंद सेकंड में पूरे रिकॉर्ड से करते हुए किस चेहरे से कितने प्रतिशत मिलान हो रहा है, इसकी जानकारी सामने होगी।


कंपनियों से अन्य फीचर्स जोड़ने को लेकर भी चल रही बात...


AI की मदद से अपराधियों की आवाज, घटना को अंजाम देने का तरीका, पारिवारिक और आपरा​धिक पृष्ठभूमि का पूरा ब्योरा भी तुरंत मिल जाएगा। मिसाल के तौर पर यदि कोई व्यक्ति किसी को वर्चुअल कॉल के जरिए धमकी देता है तो उसकी आवाज को ये सिस्टम आर्टिफि​शिएल इंटेलिजेंस की मदद से ​डाटाबेस में फीड लाखों आवाज से मैच करके सही व्यक्ति की पहचान कर लेगा। यूपी एसटीएफ के अ​धिकारियों के मुताबिक बिड में रुचि दिखाने वाली कंपनियों से इसमें तमाम अन्य फीचर्स भी जोड़ने पर बात चल रही है।


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