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भाजपा नेता व भूमाफिया हरि प्रताप सिंह जिला प्रशासन को रखते हैं, अपनी जेब में... |
ऐसा नहीं है कि नाक के नीचे हो रहे निर्माण कार्य को राजस्व विभाग देखा न हो। सच बात तो यह है कि स्वयं जिलाधिकारी प्रतापगढ़ डॉ नितिन बंसल, मुख्य राजस्व अधिकारी प्रतापगढ़, अपर जिलाधिकारी प्रतापगढ़ और उप जिलाधिकारी सदर प्रतापगढ़ इस पुल से अनगिनत बार नवीन महुली मंडी जहाँ मतपेटिका रखी गई और जहाँ मतगणना हुई वहाँ गए। साथ ही आते-जाते इस अवैध निर्माण को देखे भी, परन्तु अपना मुँह फेर लिया करते थे। मजेदार पहलू यह है कि इस अवैध निर्माण के बारे में जब विनियमित क्षेत्र के नियत प्राधिकारी/उप जिला मजिस्ट्रेट सदर प्रतापगढ़ से इस सम्बंध में पूंछा गया तो उन्होंने किसी भी तरह के निर्माण से अनभिज्ञता जताई और कहा कि यदि निर्माण कार्य कराया जा रहा है तो उसे बंद कराया जायेगा। साथ ही उसका ध्वस्तीकरण भी कराया जायेगा। उप जिला मजिस्ट्रेट सौम्य मिश्र जी से कौन पूंछे कि यदि यह कार्य एक आम आदमी करता तो अभी उनकी राजस्व टीम उसके साथ कैसा ब्यवहार करती ? ये वही हरि प्रताप सिंह हैं जो सदर तहसील क्षेत्र के सैयाबांध स्थित सीताराम धाम के सामने नाले को बंद कर वहाँ भी मल्टी कॉम्प्लेक्स बिल्डिंग्स का निर्माण करा रहे थे, जिसे तत्कालीन उप जिला मजिस्ट्रेट संजय खत्री ने बरसात के दिनों में जब दो दर्जन से अधिक गाँव डूबने लगे तो जेसीबी से नाले के पास किये गए निर्माण को तोड़वा दिया था।
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सई नदी की धारा रोककर बनाई जा गई थी,अस्थाई सड़क... |
बेल्हा देवी पुल के बगल सई नदी की धारा रोककर अस्थाई सड़क बनाई गयी थी। जेसीबी से मिट्टी व ईंट डालकर पानी का बहाव रोकने का प्रयास कर रहे मजदूरों के मुताबिक जगदीशपुर (सुलतानपुर) स्थित फर्टिलाइजर बनाने वाले कंपनी की कोई भार-भरकम मशीन कोलकाता से आई थी। इसके लिए अस्थाई सड़क बनाई गयी थी। सई नदी की धारा रोककर सड़क बना रहे जेसीबी चालक ने बताया कि उक्त मशीन का वजन इतना अधिक है कि यदि उसे पुल से गुजारा गया तो वह टूट सकता था। ऐसे में नदी पाटकर अस्थाई रास्ता बनाया गया। जेसीबी चालक ने बताया था कि कोलकाता से आ रही मशीन जिस ट्रेलर पर होगी उसमें हजारों चक्के हैं। उसके शहर में प्रवेश करने से पहले आम ट्रैफिक रोक दिया जाएगा। उक्त ट्रेलर गुजरने के बाद आम ट्रैफिक फिर से बहाल कर दिया जाएगा। फिलहाल सई नदी की धारा रोककर बनाई जा रही सड़क शहर में कौतूहल का विषय बनी रही। उधर से गुजरने वाला हर शख्स रुककर थोड़ी देर जानकारी करने का प्रयास करता था, लेकिन कोई खास जानकारी नहीं होने पर लोग आगे बढ़ जाते थे। इस बात से भी जिला प्रशासन अनभिज्ञ था। इससे लगता है कि प्रतापगढ़ का जिला प्रशासन गाँधी के तीन बंदर के समान है।
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