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बुधवार, 28 जून 2023

दो इंस्पेक्टरों को मारने की तैयारी में था, कुख्यात बदमाश गुफरान, तौकीर के एनकाउंटर का लेना चाहता था, बदला

शार्प शूटर गुफरान का एनकाउंटर भी पुलिस वालों ने इसीलिए किया वैसे वह चाहे जितना अपराध करे, परन्तु जब तक खाकी को टारगेट नहीं करता, तब तक उसका जीवन रहता है, सुरक्षित...

यूपीएसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया,कुख्यात बदमाश गुफरान...

कौशांबी। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मंगलवार को सवा लाख का इनामिया कुख्यात बदमाश गुफरान को एनकाउंटर में मार ढेर कर दिया। प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर जिले में गुफरान पर हत्या, लूट, डकैती के 13 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। गुफरान यूपी को दहलाने के लिए एक बड़ी वारदात को अंजाम देने वाला था। गुफरान दो इंस्पेक्टरों को मारने वाला था। गुफरान कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के लिए गुजरात, मुंबई, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में घटना को अंजाम दे चुका है। यूपी एसटीएफ यूपी के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी हुई घटनाओं का ब्यौरा मंगा रही है। सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न यह है कि खाकी पर हमला करते ही उस अपराधी की पूरी जन्म कुंडली तैयार होने लगती है, इसके पहले उसे जरायम की दुनिया का वेताज बादशाह बनने की पूरी छूट दी जाती है। अभी तक पुलिस द्वारा एनकाउंटर  किये गए अपराधियों पर सरसरी तौर पर नजर डाले तो इस सच्चाई की पुष्टि हो जाएगी 


मंगलवार को यूपी एसटीएफ ने कौशाम्बी जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के समदा क्षेत्र में जिस सवा लाख का इनामी गुफरान को मुठभेड़ में मार गिराया। वो गुफरान अपने पुराने साथी के एनकाउंटर का बदला लेने के लिए घूम रहा था। बता दें कि यूपी एसटीएफ ने 7 जून, 2019 को प्रतापगढ़ शहर कोतवाली क्षेत्र के एक लाख का इनामिया तौकीर को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। तौकीर का एनकाउंटर करने में यूपी एसटीएफ के साथ-साथ प्रतापगढ़ पुलिस भी शामिल थी। तौकीर के एनकाउंटर में ढेर होने के बाद उसके भाई जैद ने एनकाउंटर करने वाली टीम को लीड कर रहे दो इंस्पेक्टरों को मरने की कसम खाई थी। जैद किसी अन्य वारदात को अंजाम देने में जेल चला गया, लेकिन जेल के अंदर से ही जैद दोनों इंस्पेक्टरों पर बराबर नजर बना रखा था। सच बात यह है कि जब अपराधी खाकी को अपना निशाना बनाते हैं तो उनका एनकाउंटर ही होता है शार्प शूटर गुफरान का एनकाउंटर भी पुलिस वालों ने इसीलिए किया वैसे वह चाहे जितना अपराध करे, परन्तु जब तक खाकी को टारगेट नहीं करता, तब तक उसका जीवन सुरक्षित रहता है।  


प्रतापगढ़ की धरती पर आतंक का पर्याय बन चुके शार्प शूटर तौकीर के एनकाउंटर में दो इंस्पेक्टरों की हर मूवमेंट की जानकारी गुफरान ले रहा था और हत्या का प्लान बना रहा था। लगभग दो माह पहले पुलिस को सर्विलांस में पता चला कि गुफरान और जैद के एक करीबी के बीच बातचीत में भी एसटीएफ और प्रतापगढ़ में तैनात 2 इंस्पेक्टरों को मारने की बात हो रही थी। मात्र 5 साल पहले साल- 2019 में प्रतापगढ़ में एक तांत्रिक की हत्या कर गुफरान ने अपराध की दुनिया में अपना कदम रखा था। चार साल में ही गुफरान हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी वसूली, हत्या का प्रयास जैसी कई सनसनीखेज घटनाओं को अंजाम देकर गुफरान कुख्यात बन गया। गुफरान प्रतापगढ़ पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका था। हाल ही में गुफरान ने अपने एक पुराने दोस्त तनवीर को मुखबिरी के शक में जान से मार दिया था। गुफरान और उसका दोस्त तौकीर की एक अदा यह भी थी कि जो उसके साथ गद्दारी करता, तो उसे वे दोनों दुनिया से उठा देते थे। ऐसे कई मामले प्रकाश में आये हैं  


कानूनी दस्तावेजों में अब तक गुफरान पर 14 मुकदमें ही सामने आए हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि गुफरान इन चार साल में ही एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट किलर बन गया था, जिसमें न सिर्फ प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर में कई घटनाओं को अंजाम दिया, बल्कि यूपी से बाहर गुजरात, महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की वारदातों को अंजाम दे चुका था। यूपी एसटीएफ को मिली जानकारी के मुताबिक गुजरात के भावनगर में हुई एक व्यापारी की हत्या को भी शार्प शूटर गुफरान ने ही अंजाम दिया था। कुख्यात गुफरान बड़े शातिर दिमाग से अपने गैंग को चलाता था। शार्प शूटर गुफरान अपनी गैंग में कभी 5 या 6 लोगों से ज्यादा मेंबर शामिल नहीं किया। गुफरान के अपराध पर नजर दौडाएं तो वह छोटी गैंग बनाकर उस पर पूरा नियंत्रण रखा करता था। किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए गुफरान दो से अधिक लोगों को अपने साथ नहीं लिया और जिस वारदात को जो साथी अंजाम देते तो उस वारदात के सम्बन्ध में दूसरे मेंबर को पता नहीं चलने देते थे। 


वारदात को अंजाम देने के दौरान खतरा महसूस करते ही फायरिंग करने वाला गुफरान और उसके साथी पुलिस के लिए भी खतरा बनते जा रहे थे। बरहाल कुख्यात गुफरान एनकाउंटर में ढेर हो गया है। गुफरान गैंग के तीन लोग पहले से ही सलाखों के पीछे हैं, लेकिन गैंग में शामिल दो लोगों की तलाश की जा रही है। एक दौर था जब जनपद प्रतापगढ़ में शार्प शूटरों के भरमार हो गई, परन्तु सपा सरकार जाते ही और सूबे में योगी बाबा की सरकार बनते ही शार्प शूटरों का खात्मा करने के लिए शासन और पुलिस महकमें ने माथापच्ची शुरू किया। फिर शार्प शूटरों के खात्मे के लिए UPSTF को जिम्मेदारी सौंपी गई और मिशन सफल होने लगा। धीरे-धीरे एक-एक करके शार्प शूटरों का खात्मा होने लगा। वही शूटर बचे, जिनके रसूख राजनीतक रहे, जिसके दम पर वो बचते-बचाते जेल की सलाखों तक पहुँच गए। शार्प शूटरों को सम्बन्ध राजनीतिक आकाओं सहित पुलिस महकमें में काफी गहरे थे, तभी उनका एनकाउंटर न करके आत्म समर्पण करने का मौका दिया गया।  


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