कानपुर शूटआउट के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के एक प्रमुख गुर्गे को पुलिस ने पश्चिमी यूपी के हमीरपुर में मार गिराया। विकास दुबे के खास कहे जाने वाले अमर दुबे से एसटीएफ की बुधवार सुबह हुई,मुठभेड़...
सोफे पर बैठा कुख्यात अपराधी विकास दुबे और बगल में बैठा उसका राइट हैंड,अमर दुबे... |
कानपुर शूटआउट के बाद से था,फरार...
कुख्यात अपराधी विकास दुबे का राइट हैंड अमर दुबे मुठभेड़ में ढेर... |
पुलिस के मुताबिक, अमर दुबे विकास दुबे के साथ कानपुर के बिकरू गांव में हुए शूटआउट में शामिल था। अमर ने विकास और उसके साथियों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर भारी गोलाबारी की थी। इस घटना में 8 पुलिस कर्मियों के शहीद होने के बाद से ही उसकी तलाश की जा रही थी। अमर पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।
बताया जा रहा है कि अमर दुबे हमीरपुर के मौदहा इलाके में अपने किसी रिश्तेदार के घर पनाह लेने के इरादे से आया था। इससे पहले उसने हरियाणा के फरीदाबाद में शरण ली थी। अमर दुबे की मूवमेंट के बाद उसे एसटीएफ ने घेरकर सरेंडर करने के लिए कहा था। इसी दौरान दुबे ने भागने की नाकाम कोशिश करते हुए गोलीबारी की और क्रॉस फायरिंग में पुलिस ने उसे ढेर कर दिया। अमर दुबे 2 जुलाई को फायरिंग के वक्त विकास दुबे के साथ था। 2 जुलाई की रात को जब विकास दुबे के घर पर पुलिस दबिश देने गई थी तो अमर दुबे भी वहां मौजूद था। पुलिसवालों पर फायरिंग करने में और उनकी जान लेने में वह भी शामिल था। घटना के बाद से अमर दुबे, कुख्यात अपराधी विकास दुबे के साथ ही भाग निकला था। अमर दुबे को विकास दुबे के सबसे खास लोगों में गिना जाता था।
अमर दुबे के अलावा पुलिस की टीमों ने विकास दुबे की तलाश के लिए पश्चिम यूपी के तमाम जिलों में डेरा डाल रखा है। विकास की तलाश के लिए वेस्ट यूपी और बुंदेलखंड के कुछ इलाकों में एसटीएफ टीमों को लगाया गया है। इसके अलावा दिल्ली और हरियाणा की हर उस अदालत पर नजर रखी जा रही है, जहां विकास दुबे के सरेंडर करने का शक है। जानकारी के मुताबिक अमर दुबे बिकरू गांव में अपनी मां क्षमा के साथ रहता था। अमर दुबे के पिता संजय दुबे की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। संजय दुबे की मौत के बाद हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने अमर दुबे का पालन पोषण किया था। अमर दुबे हमेशा विकास के साथ रहता था। बीते सप्ताह अमर ने विकास और उसके साथियों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर भारी गोलीबारी की थी। इस घटना में 8 पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद से ही उसकी तलाश की जा रही थी। अमर पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।
अमर दुबे हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के टॉप 10 गुर्गों में से एक था और उसका घर विकास के घर सामने है। 3 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अतुल दुबे का भतीजा संजय दुबे था और अमय दुबे संजय का लड़का था। संजय की पत्नी क्षमा बदमाशों की रेकी कर रही थी। दबिश देने गई पुलिस पर बदमाशों ने अचानक गोलियां दागना शुरू कर दिया तो कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिसकर्मियों ने आड़ लेने और छिपने के लिए दरवाजा खटखटाया लेकिन क्षमा ने दरवाजा नहीं खोला। क्षमा ने घर के अंदर से सीढ़ी लगाकर छत पर जाकर बदमाशों को सूचना दी कि नीचे पुलिसकर्मी छिपे हैं। इसके बाद बदमाश छत के रास्ते से नीचे उतरे और पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। पुलिस ने क्षमा को हत्या की साजिश होने का दोषी बताया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें