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मंगलवार, 7 जुलाई 2020

भाजपा के मीडिया प्रभारी एवं सदर विधायक राजकुमार पाल के ऑफ द रिकार्ड प्रतिनिधि राघवेंद्र शुक्ल को तवज्जो न देना मकन्द्रूगंज पुलिस चौकी के प्रभारी DNयादव को महंगा पड़ा

भाजपा के कथित नेता सुनील गोयल के विरुद्ध विवेचक ने आरोप पत्र क्या भेजा उसका सत्ताधारी नेताओं ने तवादला करा दिया...

 भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र का माला पकड़े भाजपा जिला मीडिया प्रभारी राघवेन्द्र शुक्ल...
बृंदावन में रहना है तो राधे-राधे कहना है...
सत्ता का नशा ही अजीब होता है। सत्ताधारी के नेता को इतना नशा होता है कि उसके आगे हर नशा फेल होती है। सत्ता में चाहे जिस राजनीतिक दल की सरकार होती है, उस दल के नेता का स्वतः भेष भूसा और हाव भाव बदल जाते हैं। उ प्र में भाजपा की सरकार है। ऐसे में भाजपाइयों की कोई अधिकारी बात न सुने ये उन्हें मंजूर नहीं। भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी एवं सदर विधायक राजकुमार पाल के ऑफ द रिकार्ड प्रतिनिधि राघवेंद्र शुक्ल की कई पैरोकारी को मकन्द्रूगंज पुलिस चौकी के प्रभारी डी एन यादव उनकी कई पैरवी को नकार दिया। जिससे नाराज होकर राघवेंद्र शुक्ल ये बातें जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र को बताया। नेता द्वय इस बात की शिकायत पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह की तो उन्होंने सत्तापक्ष के दबाव के आगे मकन्द्रूगंज पुलिस चौकी प्रभारी का तवादला मोहनगंज पुलिस चौकी प्रभारी के रूप में की। मोहनगंज पुलिस चौकी प्रभारी विवेक मिश्र को मकन्द्रूगंज पुलिस चौकी पर तैनात कर भाजपा नेता द्वय का सम्मान रखा गया। ये होता है,सत्ता का नशा। ताकि आम जनमानस और नौकरशाही में सत्ताधारी होने का एहसास बना रहे। 


 कथित भाजपा नेता के खिलाफ विवेचक सब-इंस्पेक्टर D N यादव के आरोप पत्र दाखिल करते ही सत्ताधारी नेताओं ने कराया मकन्द्रूगंज चौकी इंचार्ज पद से मोहनगंज चौकी इंचार्ज पद के लिए तवादला...
शनिवार साप्ताहिक बन्दी के दिन भाजपा का कथित नेता सुनील गोयल अपनी फर्नीचर की दुकान सत्ताधारी नेता होने के बल पर खोल रखा था। मकन्द्रूगंज पुलिस चौकी के सिपाही साप्ताहिक बन्दी के चेकिंग अभियान में निकले तो कचेहरी रोड़ पर गोयल फर्नीचर की दुकान खुली मिली तो सिपाहियों ने उसका वीडियो बनाना शुरू किया। फिर क्या था ? इस बात पर भाजपा के कथित नेता सुनील गोयल को गुस्सा आ गया और वो वीडियो बना रहे सिपाहियों को अर्दब में लेते हुए गाली देने लगे। इस घटना को सिपाहियों ने अपने चौकी इंचार्च डी एन यादव को बताया। इसी बीच भाजपा के कथित नेता सुनील गोयल कुछ किराये के वकीलों को बुलाकर सामने विवादित अनिल शर्मा के मकान और दुकान पर कब्जा करने की नियति से जाकर दुकान में लगे शटर को उखाड़ने लगा। आवाज सुनकर अनिल शर्मा ने भाजपा के कथित नेता को मना किया कि जब हमारा तुम्हारा विवाद माननीय न्यायालय में पहले से चल रहा है तो रोज-रोज ये कौन सी नौटंकी करने चले आते हो ! 

दरअसल भाजपा के कथित नेता सुनील गोयल चाहते हैं कि नियम विरुद्ध ढंग से सिविल वाद के बाद भी पुलिस उक्त विवादित भूमि व भवन का 145 (1) CRPCके तहत कार्यवाही की रिपोर्ट SDM सदर के यहाँ प्रेषित कर दे ताकि सत्ताधारी दल का दबाव बनाकर उसे SDM सदर से 146 (1) में उसे कुर्क की कार्यवाही कराकर अपने किसी आदमी के नाम उसे सुपुर्त करा लें ताकि कब्जेदार पक्ष कमजोर हो जाए और वो उससे औने पौने दाम में समझौता कर ले ! यही भूमाफियाओं का खेला होता है जो सुनील गोयल खेल रहे हैं  और उनका साथ और सहयोग सत्ताधारी दल कर रहे हैं। यही कार्य तो कानपुर के बिकरू के विकास दुबे के लिए सत्ताधारी दल के बड़े नेताओं द्वारा करके आज शासन सत्ता के लिए नासूर बना दिया गया है। अब विकास दुबे को लोग और शासन सत्ता से जुड़े अफसर और नेता भी कोस रहे हैं। स्वयं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कल सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से कानपुर प्रकरण पर बात की और कुख्यात अपराधी विकास दुबे के भाजपा के नेताओं और विपक्षी दलों के नेताओं के दबाव को दर किनार करके कार्यवाही करने की छूट दे दी। जिसके बाद पहली कार्यवाही में तत्कालीन एसएसपी कानपुर अनंत देव जो वर्तमान में STF के DIG पद पर तैनात रहे उन्हें कल ही पैदल कर दिया गया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने नेताओं को कब इस बात का ज्ञान देंगे कि वो गलत कार्यों की पैरवी बंद कर दें ?

सत्ताधारी पार्टी का कथित नेता होने का गुमान तो सुनील गोयल को रहता ही है। इसी गुमान की वजह से अनिल शर्मा के घर पर चढ़कर सुनील गोयल आधा दर्जन अपने गुंडों के साथ पहले अनिल शर्मा की दुकान और मकान कब्जा करना चाहा और जब अपने उदेश्य में असफल होता दिखा तो अनिल शर्मा और उसके पूरे परिवार को सुनील गोयल और उसके गुंडे दिन के ग्यारह बजे के आस-पास खुलेआम मारा पीटा सुनील गोयल उस समय भी अपनी सारी ताकत लगाई और मुकदमा न लिखा जाए इसके लिए अपने भाजपाई साथियों को एकजुट किया था। इसीलिये नगर कोतवाल अनिल शर्मा की तहरीर ले लेने के बाद भी दो दिनों तक मुकदमा नहीं लिखा परन्तु अनिल शर्मा को लेकर भाजपा नेताओं में दो फाड़ होता दिखा तो दो दिन बाद नगर कोतवाल अनिल शर्मा का मुकदमा लिख तो लिया परन्तु तहरीर बदलवा दी। अनिल शर्मा के घर पर चढ़कर मारपीट करने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था, फिर भी घर में घुसकर मारपीट की घटना को हटाकर कमजोर धाराओं में ब्यापारी नेता अनिल शर्मा का मुकदमा लिखना इस बात का पर्याप्त प्रमाण है कि सत्ताधारी नेता चाहे जो करें उनका सारा गुनाह माफ है, क्योंकि वो सत्ताधारी दल से मिलान करते हैं

कथित भाजपा नेता सुनील गोयल और उनके आधा दर्जन गुंडे के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होने के बाद भी नहीं नहीं थम रही उसकी गुंडई। कोतवाली नगर की पुलिस शान्ति ब्यवस्था के मद्देनजर दोनों पक्षों के विरुद्ध किया है,शान्ति भंग 107/116 के तहत चालान। फिर भी सत्ता के नशे में पगलाए सुनील गोयल अनिल शर्मा की दुकान व मकान कब्जा करने का प्रयास बार-बार कर रहे हैं। अपने इस अबैध कब्जे को बैध बनाने के लिए कथित भाजपा नेता सुनील गोयल भाजपा के मीडिया प्रभारी एवं सदर विधायक राजकुमार पाल के ऑफ द रिकार्ड प्रतिनिधि राघवेंद्र शुक्ल को अपना सहयोगी बनाया है। राघवेन्द्र शुक्ल नहीं चाहते थे कि सुनील गोयल पर मारपीट का मुकदमा दर्ज हो ! परन्तु भाजपा के एक विंग के सहयोग से अनिल शर्मा का मुकदमा लिखा गया और उसकी विवेचना मकन्द्रूगंज पुलिस चौकी के प्रभारी डी एन यादव को मिली। अब भाजपा जिला संगठन के मीडिया प्रभारी के दम पर उस विवेचना में फाइनल रिपोर्ट लगवाने का दबाव विवेचक पर बनाना शुरू किये। विवेचक ने जब राघवेन्द्र शुक्ल की बात नहीं मानी और चार्जसीट यानि आरोप पत्र क्षेत्राधिकारी नगर को प्रेषित कर दी तो भाजपा नेता राघवेन्द्र शुक्ल तिलमिला गए 


"सुनील गोयल जिसका कोई दल नहीं होता सिर्फ सत्ताधारी दल ही उसका माई बाप होता है अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए सत्ताधारी नेताओं का तलवा चाटकर उस दल की सदस्यता ले लेना ऐसे लोगों की फितरत में होता है सुनील गोयल की बात करें तो वो स्वयं और उनका पूरा सात पीढ़ी कभी भाजपाई नहीं रही, परन्तु वर्ष-2017में भाजपा की सूबे में सरकार बनते ही सुनील गोयल भाजपाई हो गए जानना चाहेंगे क्यों ? क्योंकि वर्ष-2015 सुनील गोयल के गोयल रेजीडेंसी होटल में 18 जून की रात में आग लग गई और उसमें 10लोग मृत हुए और दो दर्जन लोग घायल हो गए थे सुनील गोयल का होटल तत्काल प्रभाव से सील कर देने की खबर मीडिया में एक योजना के तहत प्रकाशित कराई गई ताकि मामला ठंडा होने पर पुनः होटल को खोला जा सके असल में इसी बंद होटल को खुलवाने के लिए सुनील गोयल भाजपाई बने मंत्रियों के स्वागत समारोह का आयोजन अपने होटल में कराना और भाजपा के अध्यक्ष हरिओम मिश्र को अपने होटल में एक कमरा देकर होटल में रोकना और उनकी सारी ब्यवस्था का ख्याल रखना सुनील गोयल यूं ही नहीं किये उसके बदले उन्होंने भाजपा ब्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक रतन जैन का पद उनसे छीन लिया और पैसे के दम पर पद मिल गया और बंद पड़ा होटल खुल गया जबकि उक्त होटल की बिल्डिंग का जिलाधिकारी प्रतापगढ़ रहे अमृत त्रिपाठी ने ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया था और इसी शासन सत्ता के दबाव में उस आदेश को जिला प्रशासन अमल में न ला सका। अब तो समझ गए होंगे कि कोई सत्ताधारी दल का नेता क्यों बनना चाहता है...???"

भाजपा नेता के खिलाफ मारपीट के प्रकरण में विवेचक D N यादव अपनी विवेचना में बिना दबाव के जब आरोप पत्र तैयार कर उसमें धारा जोड़कर क्षेत्राधिकारी नगर को प्रेषित कर दिया तो भाजपा नेता राघवेन्द्र शुक्ल इसकी शिकायत अपने जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र से की और मकन्द्रूगंज पुलिस चौकी के प्रभारी डी एन यादव को हटवाने की बात मन में ठान ली। चूँकि भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र की एक तिकड़ी है और उस तिकड़ी के राघवेन्द्र शुक्ल अहम सदस्य हैं यही नहीं भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र जितना समय भाजपा कार्यालय पर देते होंगे उससे अधिक समय भाजपा के मीडिया प्रभारी राघवेन्द्र शुक्ल के प्रतिष्ठान डूडा दफ्तर के बगल देते हैं और वहीं पर सदर विधायक राजकुमार पाल भी आकर बैठते हैं प्रतापगढ़ के कचेहरी रोड़ पर भाजपा का कथित नेता सुनील गोयल जब ब्यापारी नेता अनिल शर्मा के मकान व दुकान पर कुछ किराए के अधिवक्ताओं के साथ कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे, तभी सूचना पर कोतवाली नगर की पुलिस आकर हस्तक्षेप करने लगी। क्योंकि 27 मई को भाजपा नेता अपने दर्जन भर गुंडों के साथ पहले भी कर चुके हैं, दुकान व मकान कब्जाने का प्रयास। असफल होने पर की थी घर में घुसकर मारपीट। कोतवाली नगर में लिखा गया है,मुकदमा।  

कानपुर में पुलिस के अधिकारी एवं जवान को ऐसे ही सत्ताधारी नेताओं के संरक्षण में अपनी जान गवानी पड़ी। नौकरी, असाधारण पेंशन और एक करोड़ रुपये से तो जवानों की जान नहीं मिलेगी। आज उनके बच्चे अनाथ हो गए। पत्नी विधवा हो गई और माँ-बाप के बुढ़ापे का सहारा छिन गया। क्या भाजपा के मीडिया प्रभारी और सदर विधायक के ऑफ द रिकार्ड प्रतिनिधि राघवेंद्र शुक्ल ऐसे भूमाफिया को सत्ता का संरक्षण देकर कानपुर की घटना की पुनरावृत्ति तो नहीं कराना चाहते हैं। बार-बार मुँह की खाने के बाद बीते शनिवार को भाजपा नेता तिलमिला गए।  क्योंकि सिपाहियों की शिकायत पर स्वयं मकन्द्रूगंज पुलिस चौकी के प्रभारी डी एन यादव मौके पर पहुँचे तो भाजपा का कथित नेता उनसे भी अपनी हेकड़ी दिखाने का प्रयास किया तो सब-इंस्पेक्टर डी एन यादव और सिपाहियों ने भाजपा नेता की सारी हेकड़ी निकाल दी। खिसियाये और तिलमिलाए सुनील गोयल अपने बचाव में भाजपा के मीडिया प्रभारी एवं सदर विधायक राजकुमार पाल के ऑफ द रिकार्ड प्रतिनिधि राघवेंद्र शुक्ल को बुला लिया। भाजपा नेता राघवेन्द्र शुक्ल आते ही दरोगा D N यादव के बारे में पूँछा और अपने पास बुलाया तो दरोगा D N यादव दूर से हो अपनी बात बताने के लिए कहा जिस पर भाजपा नेता राघवेन्द्र शुक्ल ताव खा गए। इस तरह मकन्द्रूगंज पुलिस चौकी के प्रभारी डी एन यादव को भाजपा नेता राघवेन्द्र शुक्ल को तवज्जों न देना भारी पड़ा।  

1 टिप्पणी:

  1. ऐसे दरोगा डी० एन० यादव को बधाई देना चाहता हुँ कि उन्होने बिना किसी दवाव में आकर ईमानदारी से कार्य किया. आपके द्वारा किया गया कार्य जनहित में है

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