सोपोर में मुठभेड़ के बीच सीआरपीएफ के जांबाजों ने 3 साल के बच्चे को सुरक्षित बचाने में रहे सफल... |
जम्मू कश्मीर। सोपोर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ की तस्वीर ने सभी को दहला दिया। आतंकवादियों ने एक बुजुर्ग को गोली मार दी लेकिन उसके साथ मौजूद 3 साल का बच्चा बच गया। आतंकवादी लगातार चारों तरफ से अंधाधुंध फायरिंग कर रहे थे और 3 वर्ष का मासूम अपने नाना के ऊपर बैठ कर रो रहा था। उस मासूम को उम्मीद थी कि उसके नाना अभी उठ कर बैठेंगे और उसको लेकर जाएंगे, लेकिन इन सबके बीच एक नागरिक ने सीआरपीएफ को यह सूचना दी कि मृत व्यक्ति के साथ एक 3 साल का बच्चा भी वही है। आतंकवादी मस्जिद की ऊपरी मंजिल से लगातार अंधाधुंध फायरिंग कर रहे थे ऐसे में सीआरपीएफ जवानों ने उस बच्चे को वहां से निकालने का प्लान बनाया।
ऐसे बना मासूम को निकालने का प्लान...
सीआरपीएफ के जांबाजों ने बच्चे के चारों तरफ बुलेटप्रूफ गाड़ियों का घेरा बनाकर उसको वहां से निकालने का प्लान तैयार किया। 203 कोबरा बटालियन के जवान पवन कुमार चौबे को गोलियों के बीच घेरे के अंदर जाकर बच्चे को सूझ-बूझ से बाहर निकालना था। तत्काल घटनास्थल के चारों तरफ बुलेटप्रूफ गाड़ियों का घेरा बनाया गया और आतंकियों के विजन को ब्लॉक किया गया। बच्चे को बचाने पहुंचे पवन ने बताया कि वहां पहुंच कर सामने का नजारा विचलित कर देने वाला था, चारों तरफ से गोलियां ही गोलियां चल रही थी और बच्चा रोते हुए अपने नाना के ऊपर बैठा था पवन के मुताबिक सबसे बड़ी मुश्किल आतंकियों का ब्लू ब्लॉक करनी थी ताकि बच्चा उनकी नजर में न आए क्योंकि आतंकी बच्चे को भी छोड़ने की मूड में नहीं थे और उसको निशाना बनाकर मस्जिद से लगातार फायरिंग कर रहे थे। किसी तरह वहां मौजूद बुलेट प्रूफ गाड़ियों का घेरा बनाया गया और बच्चे को सकुशल वहां से निकाला गया।
परिवार को सुरक्षित सौंपा बच्चा...
बच्चे को वहां से निकालने के बाद मासूम लगातार रो रहा था सीआरपीएफ के जवान ने उसे सीने से लगाकर चॉकलेट और बिस्कुट दिए उसके बाद हॉस्पिटल ले जाकर उसका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। सीआरपीएफ के जवानों ने बाद में उस बच्चे को उनके परिजनों को सौंप दिया वहां मौजूद जिस व्यक्ति ने भी इस दृश्य को देखा उसकी आंखें भर आई और एक बार पुनः आतंकियों की बर्बरता सामने आई।
कौन है,पवन चौबे...???
203 कोबरा बटालियन के जवान पवन कुमार चौबे बनारस के रहने वाले हैं कोबरा कमांडो पवन 2016 से जम्मू कश्मीर में विभिन्न अभियानों में शामिल रहे हैं। 2010 में पवन सीआरपीएफ में भर्ती हुए और तब से लगातार उन नक्सलियों से मोर्चा लेते रहे हैं। 2016 में उनका तबादला जम्मू कश्मीर कर दिया गया। पवन 179व बटालियन से है और इसी बटालियन पर बुधवार सुबह घात लगाकर आतंकियों ने हमला किया।
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