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सोमवार, 22 जून 2020

बालीवुड गायिका कनिका कपूर पर महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है तो सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव पर क्यों नहीं दर्ज हुआ मुकदमा ?

कानून का जानकार यदि अपराध करता है तो ये माना  जाता है कि उसने जानबूझकर ये अपराध किया है और उसे उसके किये अपराध की सजा भी पता थी,फिर भी उसने अपराध किया तो उसे दंड अवश्य दिया जाता है...


सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव...
देश में कानून तो सबके लिए एक समान है ऐसा कहा जाता है,परन्तु जब कानून के क्रियान्वयन की बारी आती है तो उसमें विभेद हो जाता है देश में हर समय दो तरह के कानून का क्रियान्वयन देखने को मिलता है।प्रभावशाली लोगों के लिए अलग कानून और आम जनता के लिए अलग कानून का क्रियान्वयन किया जाता है।महामारी अधिनियम के क्रियान्वयन का वही हाल है। नायिका कनिका कपूर ने अपनी ट्रेवेल्स हिस्ट्री को छिपाते हुए कानपूर और लखनऊ में कोरोना संक्रमण का जानबूझकर मीटिंग करते हुए उसमें शामिल लोंगो को संक्रमित करने का कार्य किया। ठीक उसी प्रकार से प्रतापगढ़ के सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव ने ये जानते हुए कि उनका लड़का जो एटा में बैंक में इम्प्लाई है और उसे कोरोना वायरस के संक्रमण का लक्षण मिल रहा है। फिर भी उसे एटा से परिवार समेत प्रतापगढ़ बुलाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिले में स्वास्थ्य विभाग का सबसे बड़े अफसर का जब ये हाल है तो बाकी की बात करना ही बेईमानी होगी। 

सीएमओ प्रतापगढ़ चाहते ते उनके बेटे की कोरोना जाँच प्राथमिकता के आधार पर एटा में भी हो सकती थी,परन्तु उन्होंने ऐसा नहीं किया और अपने पद का दुरूपयोग कर अपने बेटे को प्रतापगढ़ बुलाकर अपने आवास में रखकर कटरा रोड़ जो सरकारी दफ्तरों का गढ़ है उसे कन्टेनमेंट जोन घोषित कराकर हॉट स्पॉट बैरियर लगवाकर पूरे जनजीवन को अस्त ब्यस्त कर डाला। बिना किसी की परवाह किये बगैर सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव ने अपने बेटे को परिवार सहित प्रतापगढ़ बुला लिया और अपने आवास पर रख लिया। अपने पद का दुरूपयोग करते हुए सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव ने ये कुकृत्य किया। उसकी कोरोना संक्रमण की जाँच कराई। संयोग से उसमें कोरोना का संक्रमण पाया और रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद मजबूरी में उसे सार्वजानिक करना पड़ा। अन्यथा यदि जाँच रिपोर्ट निगेटिव आई होती तो जनसामन्य को इसकी भनक तक न लग पाती कि सीएमओ आवास पर सीएमओ साहेब के बेटे का परिवार एटा से आया और चला भी गया 

ये तो संयोग था कि  सीएमओ साहेब के बेटे की कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉजीटिव आ गयी तो मजबूरी में सीएमओ साहेब अपने बेटे के लालगंज कोविड-19 अस्पताल में लेकर गए। इसबीच सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव डीएम साहेब और उनकी टीम इलेवन के साथ मीटिंग करते रहे। यही नहीं कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के साथ मीटिंग में देखे गए और सीएमओ दफ्तर में स्वास्थ्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच मीटिंग करते रहे। इन सबके बावजूद सीएमओ साहेब स्वयं को क्वारंटीन नहीं किये। पाँच दिन तक लोगों के बीच सीएमओ बने रहे फिर जब ये बातें मीडिया में आई तो सीएमओ साहेब स्वयं को अपने कटरा रोड़ स्थित आवास पर क्वारंटीन किये। सीएमओ साहेब के क्वारंटीन होने से स्वास्थ्य महकमें का कार्य बाधित हो रहा है फिर भी सीएमओ साहेब अपना चार्ज किसी को देना उचित नहीं समझे और अपने अधीनस्थों से कार्य टेलेफोन के माध्यम से करा रहे हैं 

" प्रयागराज एसएसपी को कोरोना संक्रमण के मद्देनजर शासन ने उनका तवादला कर दिया,परन्तु प्रतापगढ़ के सीएमओ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव को नहीं हटाया गया। हटाने की बात छोड़िये सीएमओ साहेब अपना चार्ज भी किसी को नहीं दिए। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, प्रतापगढ़ ऐसे ही उनके स्थान पर मिसलिनियस कार्य कर रहे हैं। वित्तीय कार्य पूरी तरह रुका हुआ है। ये है शासन की असल नीति। जब शासन स्तर पर ही दोहरी नीति का प्रतिपादन किया जाएगा तो जिला स्तर पर क्या स्थिति होगी इसकी कल्पना करना ही बेकार है। कोरोना संक्रमण काल से ही स्वास्थ्य विभाग लगातार घोर लापरवाही करता आ रहा है और शासन उस पर कोई एक्शन नहीं ले रहा है। सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव का जुआड़ इतना जबर्दस्त है कि उस पर योगी जी का हथौड़ा नहीं काम कर पा रहा है..."

अभी तक तो ये माना जाता रहा है कि स्वास्थ्य महकमें में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह पूरी तरह से विरादरीवाद फैलाये हैं,परन्तु उनके हटने और नए स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के चार्ज सँभालने के बाद भी डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव पर एक्शन का न होना सवाल खड़ा करता है कि इतना भ्रष्ट और अकर्मण्य सीएमओ को प्रतापगढ़ में क्यों बनाये रखा गया है। जिले में तीन मंत्री हैं और इस पर किसी की नजर नहीं है। जिले के प्रभारी मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी जी तो अज्ञातवास पर हैं और सांसद प्रतापगढ़ मुंबई में रहकर सारा कार्य देख रहे हैं। विधायकों की बाते निराली है और विपक्ष पूरी तरह मृतप्राय है। सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव बहुत ऊँचे खिलाड़ियों में से हैं और प्रतापगढ़ के मेडिकल कालेज निर्माण पर उनकी नजर गड़ी हुई है। मेडिकल कालेज के निर्माण से लेकर संचालन तक में मोटा माल मिलेगा और उसी माल की प्रतीक्षा में सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविन्द कुमार श्रीवास्तव प्रतापगढ़ में जमें हुए हैं और अपने आकाओं को उनका हिस्सा पहुँचाकर प्रतापगढ़ में कोरोना संक्रमण काल में मिल रहे सारे बजट को चट करने में दिन रात एक किये हुए हैं। पूर्व में जिला अस्पताल पुरुष के सीएमएस डॉ योगेन्द्र यति से मनमुटाव का यही कारण था और उन्हें रोड़ा बनते देख उनकी यहाँ से बिदाई कराकर सीएमओ साहेब पूरी तरह फीलगुड महसूस कर रहे हैं। 

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