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शुक्रवार, 28 जून 2019

हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर शासनादेश जारी, पर कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन रहेंगे ये प्रमाणपत्र

अब ओबीसी की 17जातियों को उत्तर प्रदेश में जारी हो सकेगा एससी सर्टिफिकेट,शासनादेश जारी...!!! 
प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल कहार व कश्यप समेत 17 जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी हो सकेगा। इस बाबत शासनादेश जारी कर दिया गया है। चूंकि इस संबंध में एक रिट याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए जारी प्रमाणपत्र हाईकोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन होंगे। इन जातियों को सपा शासन में अन्य पिछड़ा वर्ग से अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने का निर्णय लिया गया था। दिसंबर 2016 में पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित 17 जातियों- कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, माझी और मछुआ को अनुसूचित जाति में शामिल करने से संबंधित शासनादेश जारी किया गया था। संबंधित शासनादेश के खिलाफ डॉ. बीआर आम्बेडकर ग्रंथालय एवं जनकल्याण ने हाईकोर्ट, इलाहाबाद में रिट दायर की। इस पर कोर्ट ने अग्रिम आदेश तक स्टे दे दिया था।
इस मामले में 29 मार्च 2017 को हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस शासनादेश के तहत कोई भी जाति प्रमाणपत्र जारी किया जाता है तो वो संबंधित रिट याचिका में कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन होगा। प्रमुख सचिव, समाज कल्याण मनोज कुमार सिंह की ओर से हाईकोर्ट के इसी आदेश के आधार पर सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को भेजे शासनादेश में कहा गया है-‘उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा 29 मार्च 2017 को पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए, परीक्षण के उपरांत सुसंगत अभिलेखों के आधार पर नियमानुसार जाति प्रमाणपत्र जारी किए जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।’ साथ ही इस शासनादेश की कॉपी नियुक्ति व कार्मिक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव को भी भेजी गई है, जिसमें कहा गया है कि मझवार जाति व अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित 17 जातियों के संबंध में उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के अनुपालन में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करें। 

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