"Party with diffrent"का दम भरने वाली बीजेपी के सांसद-विधायक ने जिला योजना समिति की बैठक में दिखाई खुलेआम गुंडई...!!!
संत कबीरनगर के सांसद शरद त्रिपाठी ने विधायक राकेश सिंह को भरी बैठक में ही जूतों से पीटा, शिलापट्ट पर लिखे नाम पर था,दोनों को ऐतराज...!!!
विधायक ने भी प्रोटोकॉल का सम्मान करते हुए बाद में सांसद की भी लात, हाथ, घूंसे और जूते से कर डाली खातिरदारी...!!!
भारतीय राजनीतिक जगत में "पार्टी विथ डिफरेंट"का दम भरने वाली कथित संस्कारी दल बीजेपी के सांसद व विधायक ने आज यूपी के संत कबीरनगर में जिला योजना समिति की बैठक में जिस तरह से आपस मे ही लात, जूता, ठूसम-ठूसा कर डाली उससे जनता ही नहीं प्रशासन भी चटकारे ले रहा है। जाहिर है जिले के विकास पर चर्चा की जा रही थी। उस बैठक में आम लोग नहीं शामिल थे, बल्कि खास लोग जिले की तस्वीर बदलने के लिए गहन मंथन में शामिल थे। एकाएक कुछ ऐसा हुआ कि हर कोई दंग और सन्न रह गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि जिला योजना समिति की बैठक में नामपट्ट में लिखे गए नमो को लेकर सांसद व विधायक के बीच मतभेद थे, दोनों माननीयों के बीच बात की गर्मी इतनी बढ़ी की लाल जैकेट पहने सांसद शरद त्रिपाठी ने हाथापाई के बाद जूता निकाल विधायक राकेश सिंह को पीटने लगे तो विधायक भी कहा पीछे हटने वालो में से थे, राकेश सिंह ने भी सांसद को पहले थप्पड़, घूसे फिर जूते से लगे समझाने। एकाएक इस अमर्यादित जनप्रतिनिधियों की गुंडई से गणमान्य लोग व जिले के अधिकारी सन्न रह गए, तब जिले के बड़े पुलिस ऑफिसर ने किसी तरह बीच बचाव कर समझाते, बुझाते दोनों जनप्रतिनिधियों को अलग किया। दोनों लोगों में शिलापट्ट पर लिखे जाने वाले कुछ नाम को लेकर नाराजगी थी। सांसद की राय विधायक के विचार से अलग था। फ़िलहाल सांसद के पद व गरिमा बड़ी होती हैं, ऐसे में इस जूतमपैजार में विधायक ने "प्रोटोकॉल"का बख़ूबी ख्याल रखा। सांसद के पीटने के बाद तब जाकर विधायक ने सांसद की लात, हाथ, जुते से पिटाई की, इतना तो संस्कार कम से कम संस्कारी पार्टी बीजेपी के MP-MLA ने तो दिखाया ही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि जिला योजना समिति की बैठक में नामपट्ट में लिखे गए नमो को लेकर सांसद व विधायक के बीच मतभेद थे, दोनों माननीयों के बीच बात की गर्मी इतनी बढ़ी की लाल जैकेट पहने सांसद शरद त्रिपाठी ने हाथापाई के बाद जूता निकाल विधायक राकेश सिंह को पीटने लगे तो विधायक भी कहा पीछे हटने वालो में से थे, राकेश सिंह ने भी सांसद को पहले थप्पड़, घूसे फिर जूते से लगे समझाने। एकाएक इस अमर्यादित जनप्रतिनिधियों की गुंडई से गणमान्य लोग व जिले के अधिकारी सन्न रह गए, तब जिले के बड़े पुलिस ऑफिसर ने किसी तरह बीच बचाव कर समझाते, बुझाते दोनों जनप्रतिनिधियों को अलग किया। दोनों लोगों में शिलापट्ट पर लिखे जाने वाले कुछ नाम को लेकर नाराजगी थी। सांसद की राय विधायक के विचार से अलग था। फ़िलहाल सांसद के पद व गरिमा बड़ी होती हैं, ऐसे में इस जूतमपैजार में विधायक ने "प्रोटोकॉल"का बख़ूबी ख्याल रखा। सांसद के पीटने के बाद तब जाकर विधायक ने सांसद की लात, हाथ, जुते से पिटाई की, इतना तो संस्कार कम से कम संस्कारी पार्टी बीजेपी के MP-MLA ने तो दिखाया ही है।
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