कश्मीर में अलगाववादी नेताओं पर कार्यवाई पर दहशत में दहशतगर्द...
पुलवामा हमले के बाद में पाकिस्तान से ज्यादा कश्मीर में रहने वाले नेताओं को जंग का डर सता रहा है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर भारत पाकिस्तान से जंग करता है तो इसमें नुकसान है। पाकिस्तान से जंग से कोई फायदा नहीं होगा। अगर पांचवी जंग होती है तो मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जाएगा फारूक अब्दुल्ला ने कहा क्या भारत यूएनएससी में अपनी बात को रखने के लिए तैयार है। यह सब बताता है कि कश्मीर में रहने वाले अलगाववादी नेताओं पर जिस तरीके से मोदी सरकार कार्रवाई कर रही है और सुप्रीम कोर्ट में 35 ए पर सुनवाई होनी है। उसके बाद कश्मीर के नेताओं में एक डर समाता जा रहा है। पहले महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्लाह एक ही सुर में बोलते नजर आ रहे हैं और साफ कहना है फारूक अब्दुल्लाह का कि अगर जंग होती है तो उसमें दोनों तरफ के सेना के लोग मारे जायेंगे, नागरिक मारे जायेंगे और जंग से कोई भी फायदा नहीं होगा। लेकिन ऐसा कहते हुए फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि फारूख अब्दुल्ला ने यह नहीं सोचा कि जो हमला भारतीय सेना पर पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकियों ने किया उसके लिए कौन जिम्मेदार है और कश्मीरी जो आतंकियों का समर्थन करते हैं जो अलगाववादी नेता हैं, कश्मीर में दहशत फैलाते हैं, उनके बारे में फारूक अब्दुल्ला नहीं महबूबा मुफ्ती ने कुछ भी बोला पाकिस्तान के खिलाफ एक शब्द भी उनके मुंह से नहीं निकला। फारुख अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती द्वारा लगातार भारतीय सेना की कार्रवाई पर हर सवाल उठाया जा रहा है और यह डर उनका उस समय और भी बढ़ गया जब अलगाववादी नेता यासीन मलिक को जेल भेज दिया गया।
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