बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजाम-ए-
विधायक राजकुमार पाल को महिलाओं की पूजा में बिना मास्क और निर्धारित सामाजिक दूरी दो गज का नहीं किया पालन...!!!
प्रतापगढ़ के उपचुनाव में अपना दल एस से विधायक बने राजकुमार पाल अपने आवास पर दुर्दुरिया की पूजा का आयोजन किया और 14महिलाओं के बीच में कोविड-19की गाइड लाइन एवं प्रोटोकॉल की धज्जियाँ उड़ाकर जनता को बता दिया कि वो कितने जागरूक जनप्रतिनिधि हैं...???
कोविड-19की गाइड लाइन एवं प्रोटोकॉल की धज्जियाँ उड़ाते विधायक राजकुमार पाल... |
हिन्दू समाज में महिलाएं अवसान माई यानि दुर्दुरिया की पूजा करती आई हैं जिसमें 7महिलाओं के साथ पूजा करने का विधान है। ये संख्या दोगुनी भी हो सकती है और चार गुनी भी हो सकती है। कभी-कभी धार्मिक स्थलों पर महिलाओं द्वारा ब्यापक पैमाने पर दुर्दुरिया पूजा विधि का आयोजन किया जाता है। ये पूजा तो सुहागिन महिलाएं करती हैं। कुँवारी और विधवा महिलाएं नहीं करती। विधायक जी विधुर हैं। फिर इस पूजा के पात्र वो नहीं हैं।
ग्राम प्रधान से प्रतापगढ़ सदर के उप चुनाव-2019 में अपना दल "एस" के टिकट से विधायक बने राजकुमार पाल को यह भी पता कि हिन्दू समाज में किस पूजा को उन्हें करना चाहिए और किस पूजा को नहीं करना चाहिए।अवसान माई यानि दुर्दुरिया की पूजा में विधायक सदर राजकुमार पाल सहभागिता तभी कर सकते थे, जब उनकी पत्नी जीवित होती। इसे देख कर उनकी पत्नी की आत्मा को तकलीफ हुई होगी। सनातन धर्म में कुछ पूजा जोड़े से यानि पति व पत्नी के साथ ही होती है। भगवान श्रीराम जी जब अयोध्या के राजा बने तो अश्वमेध यज्ञ किये। उस समय माता सीता जी बाल्मीकि आश्रम में थी। सो यज्ञ के लिए सीता जी की सोने की प्रतिमा बनाकर उस जोड़े को पूर्ण किया गया था। फिलहाल हिन्दू समाज में यह पूजा पूर्णतः महिलाएं करती हैं न कि पुरूष।
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