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शनिवार, 29 मई 2021

विधायक करे तो रासलीला और जनता करे तो करेक्टर ढीला

समाज में दोहरे चरित्र के लोगों द्वारा एक ही तरह के मामले में दोगली बातें करके उत्पन्न की जाती है,असमानता...!!!

अवसान माता जी की पूजा के आयोजन में महिलाओं के बीच में बैठे विधायक राजकुमार पाल...

हिन्दू समाज में कुछ पूजा सिर्फ महिलाएं ही करती हैं। उसमें पुरुष का काम नहीं होता। सिर्फ मेहराने के लिए कोई मेहरा पुरुष भले ही उन महिलाओं के बीच में जाकर बैठ जाए। भारत पुरुष प्रधान देश है। पुरुष विधुर हो जाये और वह महिलाओं के बीच में खूब हंसी मजाक करे तो उस पर कोई प्रतिक्रिया हमारा दोगला समाज नहीं देता। अभी कोई महिला विधवा हो जाए और वह 14 पुरुषों के बीच में विधायक जी की तरह बैठकर वह विधवा महिला कोई पूजा पाठ करे तो दोगले समाज की प्रतिक्रिया दूसरी हो जाती है। बिना देर किए उस महिला का चरित्र हनन शुरू हो जाता है स्वतंत्रता के 75वर्ष बाद भी समाज में दोगलापन कूट-कूट कर लोगों में भरा है अपने नेताओं को सुधारने के लिए न कहकर जो उनको सुधरने के लिए उनकी आलोचना करता है ये चमचे उनसे भिड़कर अपने नेता की नजर में खास बनना चाहते हैं जिससे जनप्रतिनधियों में सुधार नहीं हो पा रहा है 

धार्मिक आयोजनों में बिना मास्क लगाये ऐसे होती है,सामाजिक दूरी का निर्धारण...

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शादी-विवाह के लिए जो गाइडलाइन जारी किया है,उसमें अधिकतम संख्या-25 लोगों के लिए ही है। वह भी मास्क और सामाजिक दूरी दो गज का पालन करते हुए। परन्तु सबसे अधिक सत्ता पक्ष के विधायक और सांसदों ने अपनी ही सरकार की बनाई गई कोविड-19 की गाइडलाइन एवं विधयाकों एवं सांसदों सहित मंत्रियों के लिए बनाये गए प्रोटोकॉल को तोड़ने का कार्य उनके द्वारा किया जा रहा है फिर भी उनके समर्थक कम चमचे अधिक उनके प्रवक्ता बनकर उनके पक्ष में बहस करने उतर आते हैं और अपने आका को कुछ बताते भी नहीं कि आपके कुकृत्यों की वजह से आज हमें भी शर्मशार होना पड़ा बहस करने के लिए चमचों को कुछ देर बाद हकीकत स्वीकार करना पड़ता है। 

विधायक राजकुमार पाल के कैम्प कार्यालय में बिना मास्क व दो गज की दूरी बनाये बैठे लोग...

प्रतापगढ़ सदर विधायक राजकुमार पाल के घर दुर्दुरिया माई यानि अवसान माता जी की पूजा के आयोजन में स्पष्ट रूप से फोटोग्राफ में दिख रहा है कि 14 महिलाओं के बीच में विधायक जी बैठे हैं। सभी एक दूसरे से सटकर बैठे हैं। वह भी बिना मास्क के। ये जनप्रतिनिधि हैं। क्या इनकी जिम्मेदारी नहीं है। या जनप्रतिनधियों के लिये अलग कानून है ? अभी भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र की माताजी की अंतेष्टि में प्रयागराज जाकर कोरोना से संक्रमित भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र के बगल बैठकर विधायक राजकुमार पाल कोरोना संक्रमण का दंश झेल चुके हैं। स्वयं तो संक्रमित हुए ही परिवार में भी कोरोना संक्रमण का प्रसाद बाँट दिया पता नहीं कितने मिलने जुलने वाले समर्थकों को भी विधायक जी कोरोना संक्रमण का प्रसाद दे दिए होंगे अपना इलाज कराने के लिए घर से निकल कर जिला अस्पताल में तैनात फिजिशियन डॉ मनोज खत्री के प्राइवेट क्लिनिक कलेक्ट्रेट परिसर के सामने दिखाना पड़ा था विधायक जी का होम आइसोलेशन में रहकर इलाज हुआ। 

विधायक जी अब निगेटिव आये हैं तो पुनः कोरोना संक्रमण का बढ़ावा देना शुरू कर दिए हैं। इन्हें सदर क्षेत्र की जनता अपना आदर्श कैसे और क्यों माने ? इतने गैर जिम्मेदार को भाजपा के नाम पर प्रतापगढ़ सदर क्षेत्र की जनता ने वोट देकर बंदर के हाथ उस्तरा पकड़ाने वाली कहावत को चरितार्थ कर दिया। प्रतापगढ़ सदर विधान सभा के चुनाव-2019 में राजकुमार पाल जी का एक वीडियो किसी महिला के साथ बातचीत करने का वायरल हुआ था। जिसमें विधायक जी उस महिला को करेजा कहकर संबोधित कर रहे थे। तभी से विधायक जी का उपनाम करेजा पाल हो गया। उस वक्त चुनाव प्रचार में राजकुमार पाल जी से जब कुछ मुंहफट लोग करेजा पाल कहकर बुलाते थे तो वह असहज हो जाते थे। परन्तु विधायक बनने के बाद भी राजकुमार पाल की आदत में बदलाव न आया। दुर्दुरिया माई यानि अवसान माता जी की पूजा का यह दृश्य उसी का परिचायक है। 

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