➤गद्दारी के लिए विख्यात है,चीन और उसके शासक...
➤भारतीय रेलवे ने चीन को दिया हुआ टेंडर किया निरस्त...
➤चीनी कम्पनी को 471 करोड़ का करार किया खत्म, रेलवे ने 417 किमी रेलवे लाइन का सिग्नल सिस्टम लगाने के लिए क्या था चीनी कम्पनी से करार...
➤इससे पहले BSNL और MTNL का भी 4G सिस्टम को दुरस्त करने के लिए किया गया करार भी किया गया था,खत्म...
नई दिल्ली। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों के साथ उलझने के लिए चीन को अब भारी कीमत चुकानी होगी। भारत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) को अपने 4जी अपग्रेडेशन में चीनी संचार उपकरणों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार मंत्रालय बीएसएनएल नेटवर्क अपग्रेडेशन के लिए टेंडर को नए सिरे से तैयार कर रहा है ताकि चीनी कंपनियों को टेंडर से बाहर रखा जा सके। सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार मंत्रालय ने बीएसएनएल को निर्देश दिया है कि सुरक्षा मुद्दों के मद्देनजर 4जी अपग्रेडेशन में चीनी उपकरणों का इस्तेमाल न किया जाए।
➤भारतीय रेलवे ने चीन को दिया हुआ टेंडर किया निरस्त...
➤चीनी कम्पनी को 471 करोड़ का करार किया खत्म, रेलवे ने 417 किमी रेलवे लाइन का सिग्नल सिस्टम लगाने के लिए क्या था चीनी कम्पनी से करार...
➤इससे पहले BSNL और MTNL का भी 4G सिस्टम को दुरस्त करने के लिए किया गया करार भी किया गया था,खत्म...
ड्रैगन की फेल होती चाल... |
सरकारी दूरसंचार कंपनियों से कहा गया है कि शर्तों में फेरबदल कर नए सिरे से टेंडर जारी किए जाएं, जिससे चीनी कंपनियां टेंडर में हिस्सा ही न ले पाएं। भारत सरकार ने संचार विभाग, बीएसएनएल और एमटीएनएल को निर्देश देकर 4G के क्रियान्वयन के लिए किसी भी चीनी उपकरण के प्रयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इतना ही नहीं संचार विभाग ने चीनी उपकरणों के 4G के क्रियान्वन में उपयोग हो रहे उपकरणों पर भी रोक लगा दी है। सरकारी कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि सभी संचार उपकरणों की खरीद के लिए जारी किए गए टेंडरों को तुरंत रद्द कर दिया जाए और संचार उपकरणों की खरीद के लिए नई शर्तों के साथ नए टेंडर जारी किए जाएं। इन टेंडरों की शर्तों को इस तरह से तय किया जाए जिससे चीनी कंपनियां या तो बाहर हो जाएं या फिर इन टेंडरों में चीनी कंपनियां हिस्सा ना ले पाएं।
संचार विभाग ने सभी निजी मोबाइल सर्विस प्रदाताओं को भी निर्देश दिया है कि सभी प्राइवेट मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स को वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे चीनी उपकरणों को तुरंत सेवा से बाहर करने और नए चीनी उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के निर्देश दिए जाएंगे। चीनी कंपनियों के संचार उपकरणों को सुरक्षा के मद्देनजर खतरनाक बताया जा रहा है ।दुनिया भर में इन उपकरणों के जरिए जासूसी करने और डाटा चुराने के आरोप चीनी कंपनियों पर लगते रहे हैं। हुवावे और जेडटीई नामक दो चीनी कंपनियों को लेकर खास तौर पर दुनिया भर में डाटा चोरी और सुरक्षा से जुड़े मामलों को लेकर सवाल पहले से उठते रहे हैं। इन दोनों कंपनियों के मालिकाना हक को लेकर भी शंका की बादल मंडराते रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि इन दोनों कंपनियों के पीछे चीनी सरकार खुद है।
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