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गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

जनपद प्रतापगढ़ के चीफ फार्मासिस्ट बरकत अली का हर्ट अटैक से हुआ निधन

चीफ फार्मासिस्ट बरकत की हर्ट अटैक से हुई मौत को लेकर स्वास्थ्य महकमें में हो रही है,तरह-तरह की चर्चा

सुबह घर से स्वस्थ दशा में खाना खाए और ड्यूटी के लिए अपने साधन से निकल पड़े थे,चीफ फार्मासिस्ट बरकत अली

जिला महिला अस्पताल में स्टोर जाने के लिए जैसे ही चलना चाहे वो अचानक जमीन पर गिर पड़े। मौजूद लोंगो ने उन्हें जिला अस्पताल पुरुष के इमरजेंसी में ईलाज के लिए पहुँचे जहाँ चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया 

चीफ फार्मासिस्ट बरकत अली...

प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय पर दवा के प्रमुख स्टोर जहाँ से CHC और PHC की दवा की आपूर्ति की जाती थी, उस स्टोर पर चीफ फार्मासिस्ट के रूप में बरकत अली की तैनाती कुछ माह पहले की गई थी। अधिक कमीशन की लालच में सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ ए के श्रीवास्तव ने लाखों रुपये की दवा नजदीक तिथि वाली खरीदकर दवा सप्लायर को भुगतान करना चाह रहे थे। बिना चीफ फार्मासिस्ट के हस्ताक्षर किये दवा सप्लायर का भुगतान नहीं हो पा रहा था। सीएमओ और चीफ फार्मासिस्ट में इस बात को लेकर टशन चल रही थी। पूर्व में तैनात चीफ फार्मासिस्ट ने ऐसे भुगतान के लिए साफ तौर पर मना कर दिया था। बहुत उम्मीद के साथ सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ ए के श्रीवास्तव ने बरकत अली को चीफ फार्मासिस्ट के पद पर तैनात किया था। तैनाती की तिथि से चीफ फार्मासिस्ट बरकत अली पर सीएममो प्रतापगढ़ डॉ ए के श्रीवास्तव का लगातार दबाव था कि नजदीकी तिथि वाली एक्सपायरी दवा की खरीद का भुगतान 31मार्च, 2020 तक किसी भी दशा में हो जाना चाहिये


इसी बीच 22मार्च को जनता कर्फ्यू फिर 25 मार्च से लॉकडाउन लागू हो गया। उक्त भुगतान हुआ या नहीं कोई स्वास्थ्य कर्मी बोलने को तैयार नहीं है। फिलहाल अपने पद को संभालने के बाद चीफ फार्मासिस्ट बरकत अली से उक्त भुगतान के सम्बंध में कई बार बात किया था। उनका साफ कहना था कि ये भुगतान उनके कार्यकाल का नहीं है। वो अपने पद पर रहते हुए कोई भुगतान गलत तरीके से करने की अपनी संस्तुति नहीं देंगे। उसके लिए उन्हें चाहे जो कुर्बानी देनी पड़े। हाँ, जिनके कार्यकाल में दवा की खरीद हुई जिसने दवा प्राप्त किया वो चाहे तो बैकडेट में अपनी संस्तुति दे दे। उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। आज जब चीफ फार्मासिस्ट बरकत अली का हर्ट अटैक से मौत हो गई तो अन्य चीफ फार्मासिस्ट और फार्मासिस्ट सहित उपस्थित स्वास्थ्य कर्मी आपस में सीएमओ और चीफ फार्मासिस्ट के बीच अनबन की चर्चा आपस में कर रहे थे। फिलहाल जिला अस्पताल के इमरजेंसी में मौजूद चीफ फार्मासिस्ट के परिजन पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिए हैं। वो अभी कुछ भी बोलने से मना कर रहे हैं। परन्तु स्वास्थ महकमें में ही नजदीकी तिथि वाली दवा का भुगतान को लेकर दोनों अधिकारियों में तनाव चल रहा था


सीएमओ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव से उक्त के सम्बंध में बात की गई तो उन्होंने किसी तरह का कोई विवाद को सिरे से खारिज कर दिया। जनपद प्रतापगढ़ में ऐसा आरोप इसके पूर्व भी लग चुका है। चीफ फार्मासिस्ट  बरकत अली की घटना पहली नहीं है। इससे पहले जनपद प्रतापगढ़ में तत्कालीन सीएमओ डॉ आर के नैयर और जिलाधिकारी प्रतापगढ़ शम्भू कुमार पर जिला अस्पताल में प्रदेश चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संघ की जिला इकाई ने आरोप लगाया था कि 8 अक्टूबर, 2017 को सुबह आठ बजे मिशन इंद्रधनुष के उद्घाटन अवसर पर डीएम शंभु कुमार एवं सीएमओ डॉ आरके नैयर ने एसीएमओ डॉ अशोक कुमार को सार्वजनिक रूप से डांटा फटकारा और अपशब्दों का इस्तेमाल कर प्रताड़ित किया। यह अपमान डॉ. अशोक सहन नहीं कर सके, जिससे उनके सीने में तेज दर्द शुरू हो गया। उन्हें तत्काल सरस्वती हार्टकेयर इलाहाबाद ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। ऐसा ही आरोप उनके परिजनों ने लगाए थे। जिसके बाद सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ आर के नैय्यर का तवादला हो गया और जिलाधिकारी शम्भू कुमार के तेवर ढीले पड़ गए थे

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