नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ने 26 फ़रवरी को इंडियन एयर फोर्स के हमले के वक़्त का पेश किया "डेटा"
दुनियां कह रही है,भारत ने किया किया था पाकिस्तान में घुसकर हवाई हमला,आतंकियो के तीन ठिकानों पर बरसा दिए हज़ारों किलो के,बम...!!!
देश मे विपक्षी दलों के तमाम नेता इस मुद्दे पर भी भारत सरकार,एयर फोर्स,NTRO के इतर मांग रहे हैं,सबूत...!!!
नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ने बालाकोट पर सर्जिकल स्ट्राइक के दिन 300 एक्टिव मोबाइल कनेक्शन की पुष्टि की है। बालाकोट पाकिस्तान की सीमा के अन्दर है तो मुज्जफराबाद व चकोटी POK में पड़ता है। इन तीनो आतंकी शिविरों पर 26 फ़रवरी की भोर में भारतीय वायुसेना के दर्जन भर लड़ाकू विमान मिराज ने कई हज़ार किलो बम बरसा समूल बर्बाद कर डाला था जिसमें सैकड़ो जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के मारे जाने की ख़बर थी। ज्ञात हो कि जैश सरगना ने पाकिस्तान सरकार की शह व सेना,आईएसआई की भरपूर मदद से बालाकोट में अत्याधुनिक कन्ट्रोल रूम अल्फा 3 बनाया था,इन स्थानों पर ही मसूद का भाई,रिश्तेदार, खानदान के लोग पाकिस्तानी युवाओं को जैश के मदरसों में ज़ेहाद के लिए उकसा कर ट्रेनिंग देकर आतंकवादी बनाते थे, या यूं कह लीजिए ये तीनो शिविर आतंकी पैदा करने की फैक्ट्री थी जैश सरगना मौलाना मसूद अज़हर की।
कई खबरें तो इस तरह की भी चली है कि उस दिन बालाकोट में जैश सरगना मौलाना मसूद अज़हर भी कन्ट्रोल रम में था और भारत पर आतंकी हमले की फिर से प्लॉनिंग में जुटा था और हवाई हमले में तबाह हुए कन्ट्रोल रम के साथ व्व भी बुरी तरह से ज़ख्मी हो गया था और इलाज के दौरान गत 2 मार्च को अस्पताल में उसकी मौत हो चुकी है।फिलहाल मसूद की मौत की पुष्टि के बजाय पाकिस्तान सरकार मीडिया को गोलमोल जवाब दे रही है की मसूद की किडनी ख़राब हो चुकी है और व्व घर से बाहर तक निकलने में असहाय हो चुका है। फ़िलहाल जहाँ पाकिस्तान समेत सारी दुनियां स्वीकार किया कि मोदी सरकार के द्वारा सेना के हाथ खोल दिये जाने के बाद पाकिस्तान में घुसकर एयरफोर्स के फायटर प्लेन ने तीनों जैश के शिविरों को तबाह कर दिया है।
वही देश मे एक बार फिर से मोदी सरकार से तमाम विरोधी दलों द्वारा सबूत मांगे जा रहे है,तो उधर NTRO ने सिर्फ बालाकोट के कन्ट्रोल रूम में 300 के होने के अकाट्य सबूत सामने रख आंकड़े जारी कर दिए है। बालाकोट में आइये जानते हैं इस खुलासे का क्या अर्थ है और इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं। 300 मोबाइल के एक ही जगह पर एक्टिव होने का मतलब यह है कि एयर स्ट्राइक वाले दिन बालाकोट में स्थित जैश के कैंप में 300 से ज्यादा लोग मौजूद थे। इस बात की पुष्टि इलेक्ट्रॉनिक तरंगो से मिले सबूतों के जरिए हो रही है। वायुसेना को जैसे ही बालाकोट में जैश के आतंकी किले को ढहाने की मंजूरी मिली नैशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (एनटीआरओ) ने सर्विलांस शुरू कर दिया था। तकनीकी तामझाम से मिले इस सबूत को किसी के लिए भी झुठलाना बेहद मुश्किल है। एनटीआरओ के इस खुलासे के बाद सरकार और सेना का दावा पुख्ता होगा और विपक्ष के हमले का जवाब भी अब सरकार पुख्ता तरीके से दे सकेगी।
NTRO ने की है,पुष्टि...
राष्ट्रीय तकनीक अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) ने इस तथ्य की पुष्टि की है कि भारत की तरफ से 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक से पहले जैश-ए-मोहम्मद के कैम्प में 300 मोबाइल एक्टिव थे। खबरों के अनुसार, भारत की ओर से हुई स्ट्राइक में 300 आतंकवादियों के मारे जाने की बात कही गई।
नष्ट किया था,बालाकोट का आतंकी कैंप...
समाचार एजेन्सी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से ये बताया कि चार मार्च को एनटीआरओ ने ये रिपोर्ट जारी की। 26 फरवरी को भारत की एयरोफोर्स ने 12 मिराज जेट विमानों के ज़रिए पाकिस्तान की एयर स्पेस में दाखिल हो बालाकोट के जैश-ए-मोहम्मद कैम्प पर एक हज़ार किलो के बम गिराए थे।
मारे गए आतंकियों की संख्या घोषित नहीं...
भारत सरकार ने एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकवादियों की कोई आधिकारिक संख्या घोषित नहीं की है। एएनआई के सूत्र बताते हैं, "तकनीकी निगरानी में पता चला कि स्ट्राइक से पहले उस जगह पर 300 एक्टिव मोबाइल मौजूद थे। यहीं भारतीय एयरोफोर्स द्वारा हमला किया गया था।"
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