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मंगलवार, 5 मार्च 2019

भारतीय पासपोर्ट मुझे बनाएगा प्राउड इंडियन-ग़ालिब

संसद पर हमले में दोषी पा फाँसी चढ़ाए जा चुके खतरनाक आतंकी अफ़ज़ल के बेटे ग़ालिब को चाहिए भारतीय पासपोर्ट...!!!
मेडिकल एंट्रेंस एक्ज़ाम की तैयारी कर रहा ग़ालिब आगे की पढ़ाई के लिए जाना चाहता है,विदेश...!!!
ग़ालिब के नाना ने कहा मुझे पता है कि वो एक दिन डॉक्टर जरूर बनेगा...!!!
खतरनाक आतंकी अफजल गुरू के बेटे हैं,गालिब...!!!
संसद पर आतंकी हमले का दोषी पाये जाने पर फाँसी पर लटका दिए गए खतरनाक आतंकी अफजल गुरू के बेटे गालिब ने अपने लिए भारतीय पासपोर्ट की मांग की है। दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद अफजल गुरू के बेटे गालिब अब डॉक्टर बनना चाहते हैं। गालिब मेडिकल एंट्रेस एग्जाम की तैयारी कर रहा हैं, वो आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहता हैं। गालिब खुश हैं कि उसे उसका आधार कार्ड मिल गया है। इसके माध्यम से अब वह पासपोर्ट के लिए आवेदन करेगा। अपने हाथ में आधार कार्ड दिखाते हुए 18 साल के गालिब ने कहा कि अब कम से कम मेरे पास दिखाने के लिए एक कार्ड तो है मैं बहुत खुश हं। मुझे तब और ज्यादा गर्व होगा जब मुझे मेरा पासपोर्ट मिल जाएगा। गालिब को विदेश जाने के लिए भारतीय पासपोर्ट की जरूरत है। गालिब इस समय मेडिकल एंट्रेस एग्जाम नीट की तैयारी कर रहा हैं, जो 5 मई को होनी है। वह इसमें क्वालिफाइ होनी की उम्मीद कर रहा हैं। अपनी मां की तरफ देखते हुए गालिब कहता हैं अगर मैं यहां क्वालिफाइ नहीं कर पाता हूं तो मैं विदेश जाना चाहूंगा। तुर्की में एक कॉलेज है जो मुझे इसके लिए बाद में स्कॉलरशिप भी दे सकता है।
गालिब का कहना है कि वह अपने पिता का सपना पूरा कर रहा हैं। वह कहता हैं कि हमने पहले हुए गलतियों से ही सब सीखा है। मेरे पिता अपना मेडिकल करियर पूरा नहीं कर सके और मैं इसे पूरा करना चाहता हूं। अफजल गुरू को फांसी होने के बाद घाटी में आतंकी संगठनों ने गालिब का माइंड वॉश करने और पिता का बदला लेने के लिए उकसाया था। अफजल गुरु के बेटे गालिब कहते हैं कि इस बात का सारा क्रेडिट मेरी मां को जाता है। जब में 5वीं में था तभी से उन्होंने मेरे लिए एक आइसोलेटेड जगह बनाई। वह हमेशा कहती थीं कि अगर कोई मुझसे कुछ भी कहता है तो मुझे कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। मेरे लिए मेरी मां मायने रखती है न कि लोगों की बातें। मेरे परिवार का कोई भी सदस्य कश्मीर पर किसी चर्चा में शामिल नहीं हुआ। गालिब के नाना गुलाम मोहम्मद फर्राटेदार अंग्रेजी में कहते हैं मुझे अपने पोते पर गर्व है। उसे दसवीं में 95 फीसदी नंबर मिले थे जबकि बारहवीं में 89 फीसदी नंबर मिले थे। वह एक सपना पूरा कर रहा है जो उसके पिता पूरा नहीं कर सके थे। मुझे पता है कि वह एक दिन डॉक्टर जरूर बनेगा। ग़ालिब की पढ़ाई व उससे भी ऊपर की जिस पिता ने जीवनभर पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगा उस देश को दुश्मन मानता और बताता रहा फिर पाकिस्तान से मिलकर हिंदुस्तान की संसद पर हमला करवाने में प्रमुख भूमिका निभाई आज उसी की औलाद अपने आतंकी बाप के अपने वतन से की गई गद्दारी के ठप्पे से बाहर निकल कर भारतीय पासपोर्ट,पहचान चाह रहा है। कहना बिल्कुल सटीक होगा कि ग़ालिब और उसके परिवार ने शायद पाकिस्तान की चाल व हक़ीक़त समझ ली हो और वो पाकिस्तानी इशारे पर चलने वाले कश्मीरी कहलाने की जगह भारतीय कहलाने में ज्यादे गर्व महसूस करता है। कुछ भी हो ग़ालिब व उसके परिवार ने घाटी में एक मिसाल पैदा कर उन कश्मीरियों के मुँह पर जोरदार तमाचा जड़ा है जो दिन हिंदुस्तान को तोड़ पाकिस्तान में मिलना चाहते है।

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