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शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023

एक्‍शन में योगी सरकार: उमेश पाल हत्‍याकांड में अब तक 4 एनकाउंटर, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ

योगी बाबा ने जो कहा, वह कर दिखाया...

लखनऊ। देश का बहुचर्चित प्रयागराज का उमेश पाल हत्याकांड में शामिल माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके शूटर गुलाम को गुरुवार को झांसी में यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया। बेटे असद के एनकाउंटर की खबर अतीक अहमद को उस समय मिली जब वो उमेश पाल हत्याकांड में प्रयागराज के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया था। बेटे की मौत की खबर सुनकर अतीक कोर्ट में ही फफक-फफक कर रोने लगा। बता दें कि असद और गुलाम के एनकाउंटर को यूपी एसटीएफ की बड़ी सफलता मानी जा रही है। एनकाउंटर की इस कार्रवाई में दो डीएसपी सहित कुल बारह लोग शामिल थे। एसटीएफ ने दोनो के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार भी बरामद किया है। उमेश पाल हत्याकांड में शामिल चार को पुलिस मौत के घाट उतर चुकी है।


18के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया था,मुकदमा...


बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह अधिवक्ता उमेश पाल की 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज थाने से चंद कदम दूर दिन दहाड़े ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर और बम बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इसमें उमेश पाल की सुरक्षा में लगे दो पुलिसकर्मियों को भी मार दिया गया था। यह हत्याकांड आसपास के 16 सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया था। उमेश पाल की पत्नी जया पाल की तहरीर पर पुलिस ने कुल 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। 


पुलिस ने माफिया अतीक अहमद, पत्नी शाइस्ता परवीन, भाई पूर्व विधायक अशरफ, बेटे असद, सदाकत, गुड्डू मुस्लिम, अरमान, विजय चौधरी उर्फ उस्मान, अरबाज, साबिर, कैस अहमद (ड्राइवर, फिलहाल जेल में है), राकेश (हथियार और पैसे बरामद हुए), अरशद कटरा, नियाज (जिसने रेकी की थी), इकबाल अहमद (रेकी करने का आरोप), शाहरुख, (अतीक का नौकर जिसे जेल भेजा जा चुका है), डॉक्टर अखलाक और उसकी पत्नी (अतीक की बहन और बहनोई) को भी दिन दहाड़े की गयी इस हत्याकांड का आरोपी बनाया। इसके अलावा अतीक के अन्य चारों बेटे और कुछ अज्ञात लोगों का भी नाम एफआईआर में था।


अधिवक्ता उमेश पाल हत्याकांड में शामिल आरोपियों में अभी तक चार आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया...

अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की निति पर काम काम रही योगी सरकार माफिया अतीक अहमद और उसके गैंग को पूरी तरह ख़त्म कर देने का संकल्प के साथ काम कर रही है। उमेश पाल की हत्या के बाद से ही पुलिस अतीक और उसके गुर्गों की दिन रात बड़ी शिद्दत से खोज रही थी। हत्यारों की तलाश में लगी पुलिस को पहली सफलता 27 फरवरी को मिली, जब अतीक के बेहद करीबी शूटर अरबाज को एसओजी की टीम ने नेहरू पार्क के वीराने में ढेर किया। पुलिस को दूसरी सफलता विजय चौधरी उर्फ उस्मान के रूप में लगी, जिसे  पुलिस ने छह मार्च को ढेर कर दिया। बताया जाता है कि उमेश पाल पर पहली गोली इसी उस्मान ने चलाई थी। उसके बाद से ही पुलिस पर और अपराधियों को अंजाम तक पहुंचाने का तगड़ा प्रेशर  था। इसी कड़ी में एसटीएफ ने गुरुवार को असद और गुलाम को झांसी में हुए एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया।


हत्याकांड में शामिल तीन मुख्य शूटर अभी हैं,फरार...


पुलिस ने फरार पांच लोगों पर 5-5 लाख रुपए का इनाम रखा था, जिनमें अरमान,  गुड्डू मुस्लिम साबिर , असद और मो. गुलाम पर 5-5 लाख रुपए का इनाम रखा था। असद और गुलाम को पुलिस ने उन्हें मिट्टी में मिला दिया है, लेकिन अभी भी तीन मुख्य शूटर अरमान, गुड्डू मुस्लिम और साबिर फरार है। पुलिस इनको दिन रात बड़ी शिद्दत से खोजने में जुटी  है।


जानें कैसे हुई थी,उमेश पाल की हत्या...

जनवरी, 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या हो गई थी। राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह रहे उमेश पाल को माफिया अतीक अहमद ने फरवरी, 2006 में अगवा कर लिया था। बाद में मारपीट कर उमेश पाल से गवाही न देने का हफलनामा लिखवा कर छोड़ दिया था। इस मामले में जब प्रदेश में बसपा सरकार साल 2007 में आई, तब उमेश पाल ने जुलाई, 2007 में प्रागराज के धूमनगंज थाने में अपने अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया, जिसमें लगातार सुनवाई और गवाही चल रही थी। इसी मामले में 24 फरवरी, 2023 को अपनी आखिरी गवाही देकर जब उमेश पाल लौट रहे थे, तब उनकी हत्या उनके घर के सामने फ़िल्मी अंदाज में कर दी गई।


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