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रविवार, 9 अप्रैल 2023

पुलिस के हाथ लगी माफिया अतीक अहमद की कोड वर्ड वाली डायरी, एक पंडित, एक तोता, एक बिल्ली, एक माया, एक मैडम, एक शेरू का डायरी में की गई है, कोडिंग

जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह अतीक की कोड वर्ड वाली डायरी से मची सनसनी...

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश को दहला देने वाला उमेश पाल हत्याकांड में अब शिकंजा जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह माफिया अतीक अहमद की किचन कैबिनेट पर कस गया है। वैसे तो अब तक सिर्फ अतीक की बेगम शाइस्ता परवीन ही स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की रडार पर थी, लेकिन अब अतीक की बहन आयशा नूरी पर पुलिस का शिकंजा कस गया है। जहां शाइस्ता पर इनाम बढ़कर 50 हजार हो गया है। वहीं अतीक की बहन आयशा भी उमेश पाल  हत्याकांड में आरोपी बना दी गई है। एसटीएफ को पूरा शक है कि ये दोनों उमेश पाल हत्याकांड की असली साजिशकर्ता और राजदार है, जिनके काम करने का तरीका बड़े-बड़े माफिया भी चकरा जाए और यही वजह है कि 38 दिन बाद भी एसटीएफ की रेंज से बाहर हैं।

गुर्गों का सीक्रेट कोड...

इस बीच एसटीएफ ने माफिया अतीक अहमद के घर से मिले रजिस्टर के कोड को डिकोड कर दिया है,जिसमें कई नाम है। किसी का नाम मैडम है तो कोई पंडित, तो किसी का नाम तोता है, किसी को माया नाम दिया गया है। एसटीएफ ने ऐसे कई नामों को डिकोड कर दिया हैं, लेकिन पुलिस ने जिस मैडम कोड को डिकोड किया है उसका खुलासा चौंकाने वाला है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आयशा नूरी को माफिया की फैमिली ने मैडम नाम का कोड दिया था। रजिस्टर में आयशा के पति अखलाक अहमद का कोड डॉक्टर था।

वहीं शाइस्ता को पहले गॉड मदर का कोड दिया गया, लेकिन पकड़े जाने के डर से उसका नाम बदलकर साईं बाबा भी रखा गया था, ताकि किसी का शक शाइस्ता की तरफ न जाए। रजिस्टर में लिखे कई कोड वर्ड पर अभी भी डिकोड किया जा रहा है, जिसमें पंडित, तोता, बिल्ली, माया, शेरू रसिया जैसे नाम है। अतीक की बहन आयशा नूरी भी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी है। एसटीएफ के पास पुख्ता सबूत है कि नूरी ने शूटरों को फरार कराने में अहम भूमिका निभाई है। सीसीटीवी में सबूत के आधार पर मेरठ में इसके पति डॉक्टर अखलाक को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें बमबाज गुड्डू मुस्लिम आयशा के घर पहुंचा था। उसके पति अखलाक से गले मिला था और उसे 50,000 की मदद आयशा ने की थी। 


एसटीएफ के रडार पर शाइस्ता और नूरी उस दिन से आ गई थी जब उमेश पाल हत्याकांड के बाद शाइस्ता का सीसीटीवी शूटरों के साथ सामने आया था, लेकिन आयशा के सबूत पुलिस को अब मिले हैं, जिसमें भतीजे असद और बमबाज गुड्डू मुस्लिम की मदद करने का खुलासा हुआ है। इस खुलासे से पहले आयशा नूरी का जिक्र तब हुआ था जब वो अतीक के वकील के साथ साबरमती से सड़क के रास्ते अतीक अहमद के काफिले के पीछे पीछे प्रयागराज की नैनी जेल पहुंची थी। जिस तरह से शाइस्ता और आयशा की मिनट टू मिनट इन्वॉल्वेमेंट नजर आ रही है उससे एसटीएफ को लग रहा है कि इनके पकड़े जाने के बाद असद भी मिल जाएगा। गुड्डू मुस्लिम भी, शूटर गुलाम भी  साबिर भी अरमान भी क्योंकि मददगार ये हैं और राजदार भी।


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