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पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव गिरोह के निशाने पर भारतीय सेना..... |
लखनऊ।पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ)फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और लिंक्डइन) पर खूबसूरत लड़कियों का गिरोह बनाया है। गिरोह के निशाने पर भारतीय सेना,अर्द्धसैनिक बल,राज्यों के पुलिस अधिकारी और वैज्ञानिक। यह गिरोह यूपी पुलिस के अफसरों और उनके परिवारों को हनी ट्रैप में फसाने की कोशिश कर रहे हैं। हिंदू नाम और भारतीय मोबाइल नंबर की वजह से अक्सर अधिकारी उनकी फ्रेंड लिस्ट में शामिल हो जाते हैं। प्रदेश अभिसूचना मुख्यालय ने इस संबंध में सभी पुलिस प्रमुखों को पत्र भेजा है, जिसमें कुछ लड़कियों की फोटो, यूआरएल और मोबाइल नंबरों की सूची भेजी है। कहा गया है कि सभी अधिकारियों को ब्रीफ करें। यह सुनिश्चित करें कि उपरोक्त लड़कियां उनकी फ्रेंड लिस्ट में नहीं हैं।
इसमें बताया गया है कि भारतीय मोबाइल नंबरों से सुंदर लड़कियों की तस्वीरें पर सोशल मीडिया के जरिए अफसर और उनके परिवारों को फंसाने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद उनसे देश की सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी जुटाने की कोशिश हो रही। कहा कि सभी अधिकारी अपने यूनिट के कर्मचारियों को हनीट्रैप को लेकर अलर्ट करें। Spyware लिंक के जरिए इंफेक्टेड फाइल भेजकर डाटा हैकिंग की जा रही है। सोशल मीडिया पर बिना जान पहचान वाले लोगों से संपर्क को लेकर अफसरों को सतर्क रहने का निर्देश दिए गए हैं।
पाक की खूबसूरत लड़कियां बना रहीं हनीट्रैप शिकार....
देश की खुफिया एजेंसियों ने पिछले महीने खुलासा किया था कि पाकिस्तान कराची के कॉल सेंटर से फर्जी कॉल कराकर भारतीय सुरक्षाबलों को हनीट्रैप के जाल में फंसाने की साजिश रच रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारतीय रक्षा संस्थाओं से जुड़े अधिकारियों और जवानों को हनीट्रैप करने के अपने ऑपरेशन में तेजी लाई है। पिछले दिनों डीआरडीओ के एक साइंटिस्ट की हनीट्रैप के आरोप में हुई गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों ने यह बड़ा खुलासा किया था। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के कई शहरों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कॉल सेंटर बनाए हैं। इसके जरिये भारत में संवेदनशील संस्थानों में काम कर रहे अधिकारियों को हनीट्रैप करने के लिए सैकड़ों की संख्या में लड़कियों को भर्ती किया गया है। पाकिस्तान के लाहौर, रावलपिंडी,कराची और इस्लामाबाद जैसे शहरों में कॉल सेंटर ऑपरेट किए जा रहे हैं।
जानें कौन होते हैं इंटेलिजेंस ऑपरेटिव....
आईएसआई के कॉल सेंटर में काम करने वाली लड़कियों को पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव पीआईओ कहा जाता है। ऐसे कॉल सेंटर में शामिल लड़कियों को हिंदी और अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे उन पर किसी को शक न हो। एक महीने के अंदर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के हनीट्रैप में फंसे दो लोगों की गिरफ्तार हुई है। डीआरडीओ साइंटिस्ट और डिफेंस मिनिस्ट्री के कर्मचारी से हुई पूछताछ में पाकिस्तानी हनीट्रैप साजिश का बड़ा खुलासा हु़आ है। खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक बकायदा पाकिस्तान के सिंध खैबर पख्तूनवा प्रांत कराची में ऐसे कॉल सेंटर को बहुत ही तेजी से सक्रिय किया गया है। ये भारतीय सुरक्षा संस्थानों से जुड़े अधिकारियों को टारगेट करते हैं।
जानें कैसे किया जा रहा हनीट्रैप....
पाकिस्तानी हनीट्रैप आईएसआई की एजेंट ये लड़कियां सबसे पहले सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती हैं। रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने के बाद प्यार भरी बातें करती हैं। दोस्ती होने के बाद वे टारगेट को शादी का झांसा देती हैं। टारगेट को फंसाने के लिए ये लड़कियां कुछ भी करने के लिए तैयार रहती हैं। टारगेट इनके कहने पर देश की सुरक्षा से जुड़े सीक्रेट डॉक्यूमेंट शेयर करने के लिए तैयार हो जाता है। खुफिया एजेंसियों की मानें तो सबसे खास बात ये है कि जिस चैट को जवान पर्सनल समझता है, उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई रिकॉर्ड कर लेती है। इसके बाद फिर इन जवानों को ब्लैकमेल किया जाता है। जो मांगा जाए उसे देने से अगर इनकार किया, तो चैट और वीडियो पब्लिक करने की धमकी दी जाने लगती है।
बता दें कि इंटेलिजेंस एजेंसियों ने पीआईओ की 14 लड़कियों के नाम, फोटो, नंबर, यूआरएल और मोबाइल भी पत्र के साथ भेजे हैं। सभी नाम और नंबर भारतीय हैं। उनकी टाइम लाइन पर अक्सर सैनिक गतिविधियों की फोटो दिखती हैं। फ्रेंड लिस्ट में अधिकतर नाम सेना और अर्द्धसैनिक बलों के हैं। इनकी प्रोफाइल में पर्सनल फोटो नहीं हैंं।
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