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महाश्मशान मणिकर्णिका की बदलेगी सूरत... |
वाराणसी।आध्यात्मिक नगरी काशी में महाश्मशान मणिकर्णिका घाट का जल्द ही बदला हुआ स्वरूप नजर आएगा। मणिकर्णिका घाट के पुनर्विकास का काम सीएसआर फंड से होगा। सात जुलाई को काशी दो दिवसीय दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका शिलान्यास कर सकते हैं। मणिकर्णिका घाट से लेकर तारकेश्वर मंदिर तक की इमारत नागर शैली में विकसित होगी। तारकेश्वर महादेव मंदिर तक तीन मंजिला और तारकेश्वर महादेव से दत्तात्रेय पादुका तक (300 से 400 मीटर) का निर्माण होगा। इसके तहत घाट से लेकर मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम होगा।
योगी सरकार ने इसके लिए योजना बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक नगरी काशी आगमन के दौरान मणिकर्णिका घाट के जीर्णोद्धार और पुनर्विकास के काम का शिलान्यास कर सकते हैं। प्रशासन पीएम के दो दिवसीय दौरे को लेकर तैयारियों में जुट गया है। मणिकर्णिका घाट के पुनर्विकास का काम सीएसआर फंड से होगा। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा की ओर से भी इसे लेकर अनुमति मिल चुकी है। इसमें मणिकर्णिका कुंड, रत्नेश्वर महादेव मंदिर का भी सुंदरीकरण किया होगा। पौराणिक मान्यता वाली धार्मिक यात्रा पंचक्रोशी परिक्रमा की शुरुआत और समापन भी यहीं होता है। इसके अलावा 24 घंटे शवदाह वाले दुनिया के एकमात्र मोक्ष स्थल को देखने के लिए पूरी दुनिया से पर्यटक भी रोज यहां आते हैं।
मणिकर्णिका घाट के पुनर्विकास और जीर्णोद्धार की प्लानिंग और डिजाइन कर रही प्लानर इंडिया कंपनी के चेयरमैन श्यामलाल ने बताया कि घाट और आसपास के ऐतिहासिक भवनों और मंदिरों का पुनर्विकास 17.56 करोड़ की लागत से प्रस्तावित है, जिसे रूपा फाउंडेशन सीएसआर फंड से कराने के लिए तैयार है। यहीं पर शव पंजीकरण कार्यालय भी बनाना प्रस्तावित है। चेयरमैन श्यामलाल ने बताया कि इसके अलावा शव और शव यात्रियों के लिए शवदाह स्थल तक पहुंचने के लिए अलग-अलग रास्ते, शवदाह से पहले होने वाली धार्मिक रीति रिवाज आदि के लिए विशेष स्थान, शव स्नान आदि की व्यवस्था होगी। हाई फ्लड जोन से ऊपर दाह संस्कार स्थल बनेगा, यहां तक पहुंचने के लिए रैम्प होगा। बाढ़ के उच्चतम बिंदु से ऊपर, छत पर वीआईपी के लिए अलग से बैठने के लिए व्यवस्था होगी।
चेयरमैन श्यामलाल ने बताया कि घाट के पास बेतरतीब रखी लकड़ियों से शवदाह के लिए आने वाले लोगों को परेशानी होती थी। अब लकड़ी बेचने वालों के लिए व्यवस्थित प्लाजा बनेगा, जहां लकड़ियों का स्टोरेज भी किया जा सकेगा। जल यातायात द्वारा घाट तक लकड़ी लाने के लिए रैम्प का निर्माण, जन सुविधा के लिए शौचालय, पीने का पानी, प्रतीक्षालय, व्यूइंग एरिया, मणिकर्णिका के आसपास के हेरिटेज मॉन्यूमेंट्स, चक्र पुष्करणी कुंड, तारकेश्वर मंदिर, रत्नेश्वर मंदिर व दत्तात्रेय पादुका तक का भी जीर्णोद्धार होगा। इसके साथ ही वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम, इंस्टीट्यूशनल फ्रेम वर्क विद ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी भी लगाया जाएगा। बता दें कि मणिकर्णिका घाट पर 24 घंटे चिताएं जलती हैं,रोजाना 250 से अधिक शवदाह होता है 5,000 से अधिक शव यात्री आते हैं। एक लाख श्रद्धालु पंचक्रोशी यात्रा की शुरुआत करते हैं।
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