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CM जनता दर्शन में आने वाली शिकायतों की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया... |
अमेठी। उत्तर प्रदेश में वीवीआईपी जिले में शुमार अमेठी में जन शिकायतों के निस्तारण की व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए व्यवस्था की गई है। अगर किसी शिकायत के निस्तारण के लिए कोई भी अधिकारी या कर्मचारी स्थलीय जांच की रिपोर्ट देता है तो उसे दो गवाहों का नाम, पता और मोबाइल नंबर भी देना होगा। इससे अधिकारी गवाहों से सत्यता परख सकेंगे कि जांच हुई भी या नहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में आने वाली शिकायतों की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है। इसके लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।
बता दें कि स्थानीय स्तर पर आइजीआरएस की रैंकिंग में मई में अमेठी जिले ने मंडल में पहला स्थान प्राप्त किया था। कुल 3264 शिकायतों का निपटारा किया गया था। अब शासन स्तर पर शिकायतों के निस्तारण को लेकर नई व्यवस्था बनाई गई है। ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर अमित विश्वकर्मा ने बताया कि जन शिकायतों के गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण को लेकर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। अमेठी एसडीएम प्रीती तिवारी अपने स्तर से जमीन विवाद के पुराने मामलों का निस्तारण के लिए थानों में ओपेन कोर्ट लगा रही हैं।
जानें क्या होंगे प्रबंध...
जनशिकायतों के निस्तारण की आख्या से पहले शिकायत कर्ता से फोन पर बात कर ली जाय। भूमि विवाद या पैमाइश के प्रकरण को तहसील अथवा थाना समाधान दिवस में दर्ज कर राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम निस्तारण करेगी। इसके बाद ही आख्या पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। जिन प्रकरणों के निस्तारण के लिए स्थलीय निरीक्षण किया जाय, उसमें दो निष्पक्ष गवाहों के बयान, नाम, पता और मोबाइल नंबर के साथ निस्तारण आख्या अपलोड की जाएगी। ऐसे मामले जिनमें आवेदक ने असंतोष का फीडबैक दिया हो, उनमें शिकायतकर्ता से वार्ता करके स्थलीय निरीक्षण के साथ रिपोर्ट फाइल की जाएगी।
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