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मजार में ईंट पलटने से मिल जाता है,चोरी हुआ सामान... |
बाराबंकी। मंदिर,दरगाह-मजार और गुरुद्वारे में लोग अपनी-अपनी मन्नत पूरी होने के लिए तरह-तरह के जतन करते हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में भी ऐसी ही मजार है। मजार के बारे में कहा जाता है कि यहां ईंट पलटने से चोरों को सजा मिलती है। मन्नत पूरी होने के बाद लोग इस मजार पर चढ़ावे के रूप में चादर चढ़ाते हैं।
दीवान साहब नाम से मशहूर यह मजार जिले के सतरिख थाना क्षेत्र के शरीफाबाद गांव में है। कहा जाता है कि अगर किसी का कोई सामान चोरी हो जाता है, तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं। मान्यता है कि लोग यहां आकर सिर्फ हाजिरी लगाते हैं और उनको पता चल जाता है कि उनका सामान किसके पास है। यह सब सिर्फ ईंट के पलटने पर निर्भर करता है। ईंट अगर पलट गई तो आपको चोर के बारे में पता चल जाएगा। साथ ही, जिसने सामान चोरी किया है उसको सजा भी मिल जायेगी।
बरहाल यह आस्था है या अंधविश्वास। यह अपने आप में सवाल है, लेकिन लोग इस मजार पर दूर-दूर से अपनी फरियाद ले कर आते हैं। दीवान साहब मजार के खादिम जमील ने बताया कि यहां जिसका समान चोरी हो जाता है, वो आते हैं। ईट में छिला बांध कर पलट देते हैं। इसके बाद चोरों को बाबा सजा देते हैं। चोर को उल्टी-दस्त होने लगती है और सपने में उनके एहसास होने लगता है।इसके बाद चुराए गये सामान को चोर उसके घर के बाहर छोड़ आता है या किसी के हाथों पहुंचा देता है। जमील ने बताया कि जब पीड़ित का सामान मिल जाता है, तब चोर की तबीयत ठीक हो जाती है और वो इस मजार पर आकर माफी मांगता है।
ऐसा कहा जाता है कि बाबा यहां सबकी मन्नत पूरी करते हैं, जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है, वो लोग मजार पर आकर चादर चढ़ाते हैं। मजार पर आए श्रद्धालुओं ने बताया कि,जिसके यहां भी चोरी होती है वो मजार पर आकर मन्नत मांगता है। ईंट पलटते ही चोरी करने वाले का पता चल जाता है और वो परेशान होने लगता है। उसके बाद पीड़ितों का चोरी गया सामान वापस मिल जाता है। साथ ही चोर को सजा भी मिलती है। लोगों में आस्था है, इसलिए लोग यहाँ पर आते हैं और मन्नत मानते हैं। मजार पर मत्था टेंकते हैं। साथ ही चद्दर भी चढ़ाते हैं।
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