कोर्ट रूम और वकालत के पेशे को शूटर ने किया बदनाम...
लखनऊ। अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी माफिया संजीव जीवा हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक गैंगवार की वजह से इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया। अपराध की दुनिया में वर्चस्व की जंग को लेकर संजीव जीवा की हत्या कराई गई है। शक की सुई फिर माफिया सुनील राठी की तरफ उठ रही है। सुनील राठी से संजीव की पुरानी दुश्मनी रही है। संजीव उर्फ जीवा मुन्ना बजरंगी का करीबी था, जिसकी जेल में हत्या कर दी गई थी। योगी सरकार में माफियाओं का अंत तो हो रहा है, परन्तु तरीका अलोकतांत्रिक और न्यायिक ब्यवस्था से हटकर हो रहा है। ऐसे में न्याय ब्यवस्था पर से लोगों में विश्वास खत्म हो जायेगा। भारतीय न्याय ब्यवस्था में इतना लचीलापन है कि न्याय पाते-पाते पीड़ित मर जाता है अथवा आरोपी कानून से कबड्डी खेलकर अपना जीवन जीते हुए अपनी मर जाता है। ये घटनाएं इसी ब्यवस्था से जन्म लिया है।
बता दें कि मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या कराने का आरोप भी सुनील राठी पर है। सुनील राठी पर आरोप है कि उसने 9 जुलाई, 2018 को बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में माफिया सुनील राठी और माफिया संजीव जीवा गैंग में वर्चस्व को लेकर जंग शुरू हो गई थी। संजीव जीवा की हत्या करने वाले विजय यादव की सुनील राठी गैंग के संपर्क में आने की जानकारी मिली है। विजय लगभग तीन महीने पहले मुंबई में रहते हुए सुनील राठी गिरोह के संपर्क में आया था। मिली जानकारी के मुताबिक पिछले एक महीने से विजय यादव अपने घरवालों के संपर्क में नही था। लखनऊ कोर्ट की रेकी और हत्या की प्लानिंग करने के चलते विजय पिछले एक महीने से गायब था। इस बीच एसआईटी की टीम ने कल देर रात घटनास्थल का मुआयना किया और साक्ष्य जुटाए। इन घटनाओं से फिल्म मोहरा की पटकथा याद आ जाती है।
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