बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जिले में एक क्रूर मां का दिल को झकझोर देने वाला चेहरा सामने आया है। यहां मां ने अपने पांच दिन के नवजात बच्चे के हाथ की अंगुलियां अंधविश्वास की वजह से खौलते तेल में जला दीं। बच्चा रो भी नहीं रहा था और दूध भी नहीं पी रहा था, इसलिए उसे लगा कि उसके बच्चे पर किसी ऊपरी चक्कर का साया है। देश इक्कीशवीं सदी में गतिमान है और देश के अंदर आज भी इस कदर अन्धविश्वास भरा है कि अपने दिल के टुकड़े के साथ हैवानियत का खेल खेला जा रहा है। इससे कब लोग मुक्त होंगे, कह पाना बहुत मुश्किल है।
मिली जानकारी के अनुसार मामला जिले के फतेहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। आशिया और इरफान फतेहपुर थाना क्षेत्र के इसरौली गांव के रहने वाले हैं। आशिया और इरफान अपने पांच दिन के बच्चे को लेकर इलाज के लिए आये थे। डॉक्टरों ने मासूम को देखा, तो उसके हाथ की पांचों उंगलियां बुरी तरह झुलस गई थी। डॉक्टरों की टीम ने आनन-फानन में इलाज शुरू किया। उंगलियां जलने और तेज बुखार से बच्चे की हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं बच्चे की मां आशिया को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। उसके चेहरे पर लेशमात्र की शिकन नहीं है कि उसने अपनी मासूम सी बच्ची के साथ इतनी क्रूरता का कार्य किया
पहले मर चुके हैं, दो बच्चे...
आशिया ने बताया कि उसका बच्चा रविवार को पैदा हुआ था। वह न तो दूध पी रहा था और न ही रो रहा था। ऐसे में उसे लगा कि बच्चे पर भूत-प्रेत का असर है। पांच दिन के मासूम की अंगुलियां गर्म तेल में डाल दीं। आशिया ने बताया कि उसके दो बच्चे पहले मर चुके हैं। इसलिए उसे डर था कि इसको भी न कुछ हो जाए। वहीं पिता इरफान ने बताया कि बच्चे की उंगलियां उसकी पत्नी ने जलाई हैं। वह उस समय घर पर नहीं था। इन सबके पीछे कारणों का गहनता से अध्ययन किया जाए तो सबसे बड़ी वजह अशिक्षा है। अशिक्षा की वजह से लोग ऐसे घृणित कार्य कर डालते हैं और उन्हें अपने किये पर जरा सा पछतावा भी नहीं होता। ऐसे लोगों को कानून के मुताविक सजा मिलनी चाहिए।
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