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रविवार, 25 जून 2023

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के मंसूबों को नेस्तनाबूत करने पर तुले हैं, कौशाम्बी जनपद के भ्रष्ट अफसर

जनपद कौशाम्बी के थाना पिपरी में अंडरलोड वाहनों को थाने के बाहर घंटो खड़ाकर की जा रही है, लाखों रूपये की जबरन वसूली, भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस के दावे की निकाल दी हवा...

पिपरी थाना भ्रष्ट अधिकारियों का गढ़ बन चुका है,जहाँ मुंह मांगी हो रही है,अवैध वसूली

मुख्यमंत्री, अपर मुख्य सचिव गृह (गोपन), पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज जोन, मंडलायुक्त प्रयागराज, पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज रेंज, जिलाधिकारी कौशाम्बी सहित पुलिस अधीक्षक कौशाम्बी से उच्च स्तरीय जांच कराये जाने के सम्बन्ध में पीड़ित पक्षकारों ने की है,शिकायत...

जनपद प्रतापगढ़ के ट्रांसपोर्ट ब्यवसाय से जुड़े तीन वाहन स्वामियों मोहम्मद वसीम पुत्र अब्दुल रब निवासी- पिपरी खालसा, पोस्ट- सराय गनई, थाना-दिलीपपुर, तहसील-रानीगंज, जनपद- प्रतापगढ़ व मोहम्मद युसूफ पुत्र मोहम्मद युनुस निवासी ग्राम व पोस्ट-ताला, थाना-कंधई, जिला-प्रतापगढ़ और इजहार अहमद पुत्र हसनैन अली निवासी ग्राम-वाजिदपुर, थाना-कोहड़ौर, जिला-प्रतापगढ़ ने सामूहिक शिकायत किया है कि उनके पास तीन ट्रकें हैं, जिनके रजिस्ट्रेशन संख्या- UP-72-BT-0419, UP72-BT-0985 व UP-72-BT-0940 है l आवश्यकतानुसार वाहन स्वामी ही अपने वाहनों को चलाते हैं l उनके वाहन कौशाम्बी जनपद की तहसील चायल में खदान से अपनी-अपनी ट्रको में मोरम (बालू) लोड करके दिनांक- 20-06-2023 को अंडरलोड प्रतापगढ़ के लिए रवन्ना लेकर रवाना हुए l

उनके वाहनों को खदान से कुछ दूर आने के बाद थाना- पिपरी, जनपद-कौशाम्बी में चेकिंग के नाम पर चार ब्यक्तियों द्वारा तीनों वाहनों को रोका गया l वाहनों को रोकने वाले ब्यक्तियों ने स्वयं को सिपाही बताते हुए बोले कि वैगन-आर में मजिस्ट्रेट साहेब बैठे हैं, वहाँ चलिए अपने कागजात चेक कराइए l वे लोग अपने-अपने कागजात लेकर बैगन-आर में बैठे ब्यक्ति के पास गये तो उन्हें अपने सभी कागजात दिखाए l कागजात देखने के बाद कथित मजिस्ट्रेट साहेब तीनों ट्रक को थाना पिपरी ले चलने के लिए बोले तो वो लोग अपने-अपने वाहनों को थाना-पिपरी लेकर गये, जहाँ उनके वाहनों को घंटों खड़ा रखा गया l उक्त सभी वाहन अंडरलोड थे, परन्तु वसूली के इरादे से उनके वाहनों को रोका गया l बाद में कथित सिपाहियों द्वारा तीनों ट्रकों का वजन कराया गया तो वजन परिवहन विभाग से जितने टन पास था, उससे वजन कम निकला l

फिर भी कथित सिपाहियों ने तीनों वाहनों से 20-20 हजार रूपये यानी 60 हजार रूपये की मांग की और न देने पर फेंक मुकदमा में फंसाने की धमकी देने लगे l जबकि थाना-पिपरी के प्रभारी इंस्पेक्टर साहेब नहीं थे l तीनों ट्रकों में जीपीएस सिस्टम लगा है, जिससे यह सिद्ध किया जा सकता है कि उनके वाहनों को थाना-पिपरी में कितने देर खड़ा किया गया था l थाना- पिपरी के प्रभारी इंस्पेक्टर को मामले से अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें उक्त प्रकरण की जानकारी ही नहीं है l सवाल उठता है कि थाना-पिपरी के बाहर इतना बड़ा रैकेट वाहन स्वामियों/चालकों से धन उगाही कर रहा है और प्रभारी इंस्पेक्टर को इसकी जानकारी तक नहीं l शिकायत कर्ताओं का कहना है कि वो लोग ट्रांसपोर्ट का ब्यवसाय कई वर्षों से करते चले आ रहे हैं l ऐसा कृत्य रिश्वतखोर अधिकारियों द्वारा तभी किया जाता है, जब इंट्री का सिस्टम लागू करना होता है l

सरकार द्वारा एक तरफ अंडर लोड वाहन चलाने के लिए निर्देश जारी किये जाते हैं और सरकार में शामिल भ्रष्ट नौकरशाही अपनी जेब गरम रखने के लिए उसमें अपना सिस्टम फिट करना चाहती है l प्रत्येक वाहन स्वामी जिनकी वाहनों में जितने टन भार ढुलाई करने के लिए परिवहन विभाग पास करता है तो उस वाहन पर भ्रष्टाचार में लिप्त ऐसे अफसर अपने पद का दुरूपयोग कर धनादोहन करते हैं और सरकार को बदनाम करते हैं l ऐसे तिकड़म बाज़ भ्रष्ट अफसरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किया जाना उचित होगा l ताकि भ्रष्टाचार पर जीरों टोलरेंस का सपना साकार किया जा सके l चूँकि राज्य की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है, परन्तु उन्हीं की सरकार में ऐसे भ्रष्ट अफसर बैठे हैं, जिन्हें पूरी ब्यवस्था में छेद करने में उन्हें महारथ हासिल है l

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