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रिश्वतखोरी के आरोप में आईपीएस मणिलाल पाटीदार हुआ बर्खास्त... |
महोबा। उत्तर प्रदेश के महोबा के खनन कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में जेल में बंद भ्रष्ट आईपीएस मणिलाल पाटीदार को केंद्र सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा यह कार्रवाई की गई है। यूपी पुलिस की वेबसाइट से भी पाटीदार के नाम को हटा दिया गया है। पाटीदार यूपी पुलिस की 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। बता दें कि पाटीदार पर महोबा में खनन कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की आत्महत्या मामले में अवैध वसूली करने का आरोप लगा था। इस अवैध वसूली के कारण व्यापारी ने आत्महत्या कर ली थी।
बता दें कि मणिलाल पाटीदार फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद है। उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश की विजिलेंस विंग केस दर्ज कर चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। दरअसल साल 2020 में महोबा जिले में बतौर पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार तैनात थे। इस दौरान पत्थर खदान के मालिक इंद्रकांत त्रिपाठी ने आत्महत्या कर ली थी। पीपी पांडे इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक रहे नीतीश पांडे ने इस मामले में आईपीएस पाटीदार के खिलाफ पुलिस में शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि पाटीदार बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में कंकड़ की आपूर्ति करने और व्यावसायिक गतिविधि को अंजाम देने के लिए इंद्रकांत त्रिपाठी से रिश्वत मांग रहे थे।
इस बाबत इंद्रकांत त्रिपाठी का एक वीडियो भी सामने आया था। इस वीडियो में त्रिपाठी ने दावा किया था कि आईपीएस पाटीदार उन्हें हर महीने बिजनेस चलाने के लिए 5 लाख रुपये देने के लिए मजबूर कर रहे थे। बता दें कि यूपी सतर्कता विभाग ने पाटीदार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में बवाल बढ़ने के बाद पाटीदार दो साल तक फरार था, लेकिन उसने 15 अक्टूबर 2022 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। गौरतलब है कि इससे पहले पाटीदार ने कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिसे लखनऊ की एक कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसआईटी गठित की थी। हालांकि इसके बाद मणिलाल पाटीदार फरार हो गया था। वहीं एसआईटी की जांच में पाटीदार और अन्य पुलिसकर्मी दोषी पाए गए थे। इस मामले में थानाध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला सहित चार सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया गया। दो साल तक फरार रहने के बाद पाटीदार ने 15 अक्टूबर, 2022 को लखनऊ की अदालत में आत्मसमर्पण किया था। इससे पहले पाटीदार की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। कोर्ट के आदेश पर राजस्थान में पाटीदार की सम्पत्ति को भी कुर्क किया गया था। पाटीदार के खिलाफ विजिलेंस ने भी मुकदमा दर्ज किया था, जिसकी जांच चल रही है। लखनऊ जेल में बंद पाटीदार को बर्खास्त करने की सिफारिश राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से की थी।
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