Breaking News

Post Top Ad

Your Ad Spot

मंगलवार, 27 जून 2023

माफिया अतीक और अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए SC पहुंची आयशा नूरी, असद के एनकाउंटर पर भी उठाया सवाल

माफिया ब्रदर्स की हत्याकांड की जाँच के लिए SC पहुंची बहन आयशा नूरी...

न‌ई दिल्ली। 17 साल की उमर से खून की नदियां बहाकर राजनेता बने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की बीते माह 15 अप्रैल की रात लगभग 10.30 बजे प्रयागराज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। पुलिस घेरे में इस दोहरे हत्याकांड को अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी ने अंजाम दिया। तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से बात करना शुरू की तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगीं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। 


अतीक की बहन आयशा नूरी ने कथित तौर पर एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश या एक स्वतंत्र एजेंसी की अध्यक्षता में अपने भाइयों की हत्या की व्यापक जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं। सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले आयशा को देश की जनता को यह भी बताना चाहिए कि अभी मोस्ट वांटेड उनकी भाभी शाइस्ता परबीन और गुड्डू मुस्लिम कहां छिपे हैं ? माफिया अतीक अहमद और उनके शूटरों ने अभी तक कितनी हत्याओं को अंजाम दिया है ? सही कहा गया है- जब अपनी बारी आती है तो तकलीफ तभी होती है


आयशा ने अपने भतीजे असद के एनकाउंटर की भी जांच की मांग की है। आयशा ने कोर्ट में अपने दोनों भाइयों की हत्या को राज्य प्रायोजित होने का आरोप लगाया है। हत्याकांड को लेकर आयशा ने सवाल खड़ा कर दिया और सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाते हुए दोनों भाइयों के साथ-साथ भतीजे असद अहमद के एनकाउंटर की भी स्वतंत्र जांच कराई जाए। आयशा नूरी ने अधिवक्ता सोमेश चंद्र झा और अमार्त्य आशीष शरण के जरिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें आयशा ने दोनों भाइयों की हत्या को एक्स्ट्रा जूडिशियल किलिंग करार दिया है। 


याचिका में कहा गया है कि उच्च स्तरीय सरकारी एजेंटों के माध्यम से इस पूरी घटना की योजना बनाई गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार की मदद के लिए पुलिस भी इनके साथ मिली हुई थी। देखना होगा कि माफिया अतीक की बहन आयशा की याचिका पर देश की सर्वोच्च न्यायालय क्या आदेश सुनाता है ? जबकि माफिया अतीक अहमद को गुजरात के अहमदाबाद से प्रयागराज लाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Top Ad

Your Ad Spot

अधिक जानें