ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड,कृष्णानंद राय हत्याकांड का आरोपी संजीव माहेश्वरी जीवा की गोली मारकर हत्या,शूटआउट कांड में घायल बच्ची की मौत ,मुख़्तार गैंग का कुख्यात शूटर था जीवा,एक हमलावर अरेस्ट,वकीलों में आक्रोश,धरना प्रदर्शन,लखनऊ पुलिस के सूरमा कोर्ट को सेफ़ रखने में नाकाम !!
![]() |
मुख़्तार गैंग का कुख्यात शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा मारा गया.... |
संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जीवा मूल रूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर की नौकरी करता था। अतीक व अशरफ हत्याकांड में हत्यारे पत्रकार के वेष में आये तो वहीं जीवा हत्याकांड के हत्यारे वकील के भेष में आये। अतीक अशरफ के बाद एक और गैंगेस्टर का सफाया हो गया । मुजफ्फरनगर के बड़े गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की गोली मार कर पेशी के दौरान हत्या। इसी नौकरी के दौरान जीवा ने अपने मालिक यानी दवाखाना संचालक को ही अगवा कर लिया था। इस घटना के बाद उसने 90 के दशक में कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और फिरौती दो करोड़ की मांगी थी। उस वक्त किसी से दो करोड़ की फिरौती की मांग होना भी अपने आप में बहुत बड़ी होती थी।
इसके बाद जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग में घुसा और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा लेकिन उसके अंदर अपनी गैंग बनाने की तड़प थी। इसके बाद उसका नाम 10 फरवरी 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रम्हदत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया। जिसमें बाद में संजीव जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिर जीवा थोड़े दिनों बाद मुन्ना बजरंगी गैंग में घुस गया और इसी क्रम में उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ। कहते हैं कि मुख्तार को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था तो जीवा के पास हथियारों को जुटाने के तिकड़मी नेटवर्क था। इसी कारण उसे अंसारी का वरदहस्त भी प्राप्त हुआ और फिर संजीव जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका था, जबकि उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य हैं। वहीं, संजीव पर जेल से भी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में उसकी संपत्ति भी प्रशासन द्वारा कुर्क की गई थी, जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे, इसमें जांच के बाद अदालत ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था। साल 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी (जीवा) जान को खतरा है। बता दें कि, पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं और हार गई थी।
![]() |
संजीव महेश्वरी जीवा हत्याकांड का आरोपी श्यामा यादव.... |
बता दे कि कुख्यात शूटर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा को अतीक व अशरफ हत्याकांड की तरह जिसमें हत्यारे पत्रकार के वेष में आये थे ठीक उसी तरह संजीव महेश्वरी जीवा हत्याकांड में हत्यारे वकील के भेष में आये जिसमें हत्यारे की पहचान विजय यादव पुत्र श्यामा यादव निवासी केराकत जिला जौनपुर के रूप में हुई है। शूटआउट में सौरभ नाम के व्यक्ति के बच्चे के पीठ में लगी गोली, सिपाही के पैर में लगी गोली,बलरामपुर अस्पताल में दोनों का चल रहा है इलाज, लखनऊ की कानून व्यवस्था से आक्रोशित वकील धरने पर बैठे, लखनऊ की सुरक्षा व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ी चुकी है ।
संजीव की पत्नी पायल महेश्वरी ने कुछ दिन पहले ही जताई थी हत्या की आशंका, मांगी थी सुरक्षा..
पूर्वांचल के भाजपा विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में जेल में बंद संजीव जीवा की पत्नी ने अपने पति की हत्या की आशंका जताई संजीव जीवा की पत्नी और रालोद नेता पायल माहेश्वरी ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से अपने पति की सुरक्षा की गुहार की है। पायल का कहना है कि पेशी के दौरान षड्यंत्र के तहत उनके पति की हत्या कराई जा सकती है। उन्होंने पति की सुरक्षा के लिए सीजेआई से उच्चाधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है, 2017 में पायल महेश्वरी रालोद के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें