योगीराज में रामराज के दावे की खुली पोल,पट्टी विधानसभा क्षेत्र में कायम है,जंगलराज...
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सिस्टम बेदम हो चुका है,अदालती आदेश हो रहा,अपमान... |
करोड़ों रूपये की सम्पत्ति पर बाबा बेलखरनाथ धाम के ब्लॉक प्रमुख सुशील कुमार सिंह की नजर जब से पड़ी है, वह हटने का नाम नहीं ले रही है। अपने खास लोगों के नाम बिना कब्जा इकरारनामा लेकर किसी भूमि अथवा भवन पर नियमतः कब्ज़ा नहीं किया जा सकता। परन्तु बाबा बेलखरनाथ धाम के ब्लॉक प्रमुख सुशील कुमार सिंह के लिए प्रतापगढ़ जिला प्रशासन ने विशेष छूट दे रखा है। तभी तो नीचे से लेकर ऊपर तक सबके सब एक सुर में राग भैरवी गा रहे हैं। भूमाफियाओं के पक्ष में नियम विरुद्ध मनचाहा जाँच आख्या प्रेषित कर अपनी मंशा जग जाहिर कर रहे हैं। चूँकि बार-बार मौके पर माननीय न्यायालय के स्थगनादेश के बावजूद पीड़ित पक्ष परमानंद पांडेय की भूमि को कब्ज़ा किये जाने की कोशिश की जा रही है। इस कार्य में जिला प्रशासन और तहसील प्रशासन सहित पुलिस भी भूमाफियाओं से मिली हुई है।
ऐसा आरोप पीड़ित पक्ष का है। अभी तक तो एक ही पक्ष सामने आ रहा था, परन्तु अब एक और पक्ष सामने आ चुका है। पूर्व प्रधान बहुता विनोद पांडेय उर्फ बबलू के अलावा अब उनके ही परिवार के उनके चाचा परमानंद पांडेय का आरोप है कि उनके पक्ष में अदालत ने स्थगनादेश जारी किया है, परन्तु उस स्थगनादेश का अनुपालन जिला प्रशासन नहीं करवा रहा है। उनका आरोप है अदालत के आदेश के बाद भी तहसील प्रशासन सहित अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी द्वारा पहल किये जाने पर कि मौके की एक बार माप हो जाए। पीड़ित परमानन्द पांडेय सहित अन्य पक्षकार तैयार भी हुए, तीन बार समय भी निर्धारित किया गया, परन्तु माप के लिए निर्धारित समय से कुछ मिनट पहले प्रशासनिक अमले द्वारा यह सन्देश दिया जाता है कि आज माप नहीं हो सकी, आखिर किसके दबाव में भूमाफियाओं के पक्ष में प्रशासनिक अमला सत्य का गला घोंट कर अपनी इज्जत भी दांव पर लगा रहा है, देखना होगा कि कितने दिन और कितने नीचे स्तर तक जाकर पट्टी का स्थानीय प्रशासन भूमाफियाओं का सहयोग करता है...???
जनपद प्रतापगढ़ के पट्टी विधानसभा में जंगलराज कायम है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ? क्या पट्टी प्रतापगढ़ का हिस्सा नहीं है अथवा पट्टी विधानसभा में अराजकता फ़ैलाने और दूसरे की भूमि और भवन कब्ज़ा करने के लिए सूबे के मुखिया आदित्यनाथ ने विशेष छूट दे रखी है। वैसे तो सूबे में जंगलराज खत्म करने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बड़े-बड़े दावे किये थे और माफियाराज को खत्म करने का ऐलान भी किया है, परन्तु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ऐलान प्रतापगढ़ के पट्टी में दम तोड़ देता है। वजह स्वयं मुख्यमंत्री के लोग हैं। ऐसा में नहीं बल्कि पीड़ित पक्षकारों का आरोप है। वैसे तो माफियाराज खत्म करने के लिए योगी सरकार प्रतिबद्ध है। अन्य जनपदों में उसका असर भी दिख रहा है, परन्तु प्रतापगढ़ के पट्टी में माफिराज चरम पर है।
इससे ऐसा प्रतीत होता है कि विरोधी दलों के नेताओं और उनसे जुड़े माफियाओं पर ही योगी सरकार और उनकी भ्रष्ट नौकरशाही कानून का डंडा चलाने में माहिर है। यही माफिया जब सत्तादल से सम्बंधित होते हैं तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उल्हे उन्हें सिस्टम का संरक्षण प्राप्त होता है। चूँकि बिना सत्ता के संरक्षण मिले कोई माफिया अपना साम्राज्य स्थापित नहीं कर सकता। प्रतापगढ़ के पट्टी में भूमाफियाओं को सत्ताधारी दल का टॉनिक मिल रहा है और उसी का रसास्वादन करते हुए आतंक के अंतिम पायदान पर पहुँच कर अपना परचम लहरा रहे हैं। उन्हें न तो कानून का भय है और न ही शासन सत्ता का, क्योंकि शासन सत्ता से वो स्वयं ताल्लुक रखते हैं और जब शासन सत्ता का हाथ सिर पर हो तो कानून की धज्जियाँ उड़ाने में देर नहीं लगती। सामाजिक भय की बात करें तो वह भी माफियाओं की चौखट पर आकर दम तोड़ देती है।
पट्टी तहसील मुख्यलाय पर प्रशासनिक अधिकारियों के नाक के नीचे भूमाफियाओं द्वारा पूर्व प्रधान बहुता विनोद पांडेय उर्फ बबलू की 9 दुकानों को बिना कब्जा इकरारनामा कराकर कुछ लोगों को आगे करके बाबा बेलखरनाथ धाम के ब्लॉक प्रमुख सुशील कुमार सिंह जबरन कब्जा कराना चाहते हैं। ये वही ब्लॉक प्रमुख सुशील कुमार सिंह जिन्हें पट्टी के रायपुर रोड पर जमीन कब्जाने के मामले में लोगों ने दौड़ा दौड़ाकर ईंट पत्थर फेंक कर उनकी गाड़ी को तोड़ डाला था और उन्हें भागने के लिए विवश किया था। फिर भी ब्लॉक प्रमुख सुशील कुमार सिंह के आदत में ओई बदलाव नहीं आ सका। वह पूर्व मंत्री मोती सिंह के अति करीबियों में से हैं और उन्हीं के दम पर पूरे पट्टी विधानसभा क्षेत्र में आतंक फैलाये हुए हैं। पूर्व मंत्री मोती सिंह भी पता नहीं किस मोह माया में उन्हें ऐसा करने की छूट दे रखा है।
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