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डीजीपी आवास के पीछे सरकारी बिल्डिंग का छज्जा गिरा ... |
लखनऊ।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डालीबाग स्थित पुलिस महानिदेशक आवास के पीछे बुधवार रात राज्य सम्पत्ति विभाग की दो मंजिला जर्जर बिल्डिंग का छज्जा अचानक भरभरा कर गिर गया। दरवाजे के सामने छज्जा गिरने से चार लोग फंस गए।दमकल कर्मियों ने तीन लोगों को कुछ ही देर में सकुशल बाहर निकाल लिया।एक बुजुर्ग महिला को हाइड्रॉलिक प्लेटफार्म की मदद से निकाला गया। गनीमत यह रही कि इस हादसे में किसी को चोट नहीं लगी। खस्ताहाल हालत बिल्डिंग को खाली करा दिया गया है।
डीजीपी आवास के पीछे सालों पुरानी ड्राइवर कॉलोनी में एक दो मंजिला रिहायशी बिल्डिंग है।इस बिल्डिंग के दो फ्लोर पर कई कमरे बन हुए है। बुधवार दोपहर से हो रही बारिश से रात लगभग आठ बजे दूसरी मंजिल के कमरा नंबर-12 का छज्जा अचानक भरभरा कर ढह गया, जिससे वहां हड़कंप मच गया। दरवाजे के सामने छज्जा गिरने से कमरे में मौजूद चार लोग रामदुलारी, राधेश्याम, रोहित और नीलम फंस गए। वहीं दूसरे कमरे में मौजद नम्रता, ईशु, आर्यन और आयुष किसी तरह शोर मचाते हुए नीचे भागे। शोर होते ही कॉलोनी में रहने वाले लोग मदद के लिए पहुंच गए। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर हजरतगंज पुलिस और दमकल कर्मी भी पहुंच गए।
दमकल कर्मियों ने किसी तरह मशक्कत के बाद राधेश्याम, रोहित और नीलम को निकाला।वहीं बुजुर्ग महिला रामदुलारी को चलने में दिक्कत होने की वजह से दमकल विभाग के हाइड्रालिक प्लेटफार्म को बुलाया गया। कुछ ही देर में हजरतगंज फायर स्टेशन से हाइड्रालिक प्लेटफार्म मौके पर पहुंच गए। इसके बाद हाइड्रालिक प्लेटफार्म की मदद से दूसरी मंजिल तक पहुंच और किसी तरह बुजुर्ग रामदुलारी को सकुशल रेस्क्यू किया जा सका। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने बताया कि बिल्डिंग काफी जर्जर हो चुकी है। कुछ समय पहले यहां रहने वाले लोगों को बिल्डिंग खाली करने को लेकर नोटिस भी दिया जा चुका है। हादसे की सूचना पाकर मौके पर डीएम सूर्यपाल गंगवार भी मौके पर पहुंचे।रेस्क्यू पूरा होने के बाद डीएम सीएफओ के साथ बिल्डिंग के दूसरे तल तक गए और घटनास्थल का निरीक्षण किया। डीएम के अनुसार बिल्डिंग का पीडब्ल्यूडी से सर्वे कर आगे का फैसला किया जाएगा। फिलहाल एहतियात के बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को हटा दिया गया।
बिल्डिंग का छज्जा गिरने के बाद आसपास की सरकारी बिल्डिंग में रहने वाले लोग भी दहशत से अपने घरों से निकल आए। लोगों का आरोप है कि कुछ बिल्डिंग पहले से जर्जर है और उसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। लोगों के इस आरोप पर डीएम का कहना है कि पीडब्ल्यूडी से जांच करके कार्रवाई की जाएगी। ड्राइवर कॉलोनी की जर्जर बिल्डिंग में रहने वाली नम्रता गुप्ता ने बताया कि वह बीते 26 साल से इस बिल्डिंग में रह रही है। उनके पति राम प्रसाद समोसा बेचते हैं। हादसे के समय वह कमरे में मौजूद थीं। नम्रता ने बताया कि छज्जा गिरते ही उनको ऐसा लगा कि मानों पूरी छत ही ढह गई हो। आनन-फानन में नम्रता ने न सिर्फ अपने परिजनों बल्कि बिल्डिंग में रहने वाले अन्य लोगों को हादसे के बारे में खबर दी और एक-एक करके सभी को बिल्डिंग से बाहर निकाला।
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