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बुधवार, 24 मई 2023

दिल्ली से दोपहर तीन बजे निज आवास चिलबिला पहुँची संतोष दुबे का पार्थिव शरीर, नम आँखों से उमड़ी भीड़ ने दी, श्रधांजलि

बड़े ही अलग अंदाज में फोन पर अपने लोगों को जय हो महराज जी और जय श्रीमन्नारायण कहने वाले हर दिल अजीज प्रतापगढ़ के बिग-बी ने दुनिया को कह दिया अलविदा...

हर दिल अजीज चिलबिला के संतोष दुबे की अदाएं हुई स्मृति शेष...

प्रतापगढ़। हम सब के सुख-दुःख के साथी परम सहयोगी अति प्रिय साथी संतोष दुबे "पूर्व सभासद" का ईलाज के दौरान आज रात्रि में समय लगभग 12:00 बजे दिल्ली में उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें लिवर में कुछ समस्या थी, जिसके ईलाज के लिए उनके परिजन दिल्ली में ले गए थे। जहाँ उनकी तवियत बिगड़ती गई और उनके स्वास्थ्य में रिकवरी न हो सकी। उनका पार्थिव शरीर 1:00 बजे तक प्रतापगढ़ उनके निज निवास रंजीतपुर चिलबिला में आ जाएगा। संतोष दुबे जी का अचानक यूं ही चले जाना उनके अपने लोगों को हतप्रभ कर दिया। जो भी इस दुःखद घटना को सुन रहा है वह नि:शब्द हो जा रहा है। किसी को एकाएक भरोसा ही नहीं हो रहा है कि संतोष जी अब इस दुनिया में नहीं हैं। अस्वस्थ होना हर ब्यक्ति के जीवन में लगा रहता है। परन्तु एकाएक अस्वस्थ हो और उसके जीवन की अंतिम सांस की जानकारी अचानक मिले तो वह सूचना बहुत दुःखद हुआ करती है। आज कई दिलों पर अपने ब्यवहार की वजह से राज करने वाले संतोष दुबे का जाना आँखों को सुर्ख कर दे रही है

संतोष दुबे की अदाओं की होती रही अपने-अपने अंदाज तारीफ...

इधर बीच उन्होंने अपने जीवन को मानो समेट लिए थे। शाम को राजापाल चौराहे पर स्थित अपने ब्यवसायिक प्रतिष्ठान गौरव मेडिकल स्टोर पर अपने खास साथियों के साथ दरबार लगाए दिख जाते थे। उनके परिचय जो भी उधर से निकलता उसे वो अपनत्व में आवाज देकर बुला लेते थे। हमें भी कई बार बुलाये, हम जाने पर यही कहते कि भईया ये मेडिकल स्टोर है। ग्राहक आते हैं और काउंटर के अंदर इतनी भीड़ देखकर लौट जायेंगे या दवा लेने नहीं आयेंगे तो वो मुस्कराकर कहते थे कि राज़दार जी जीवन में अपनत्व से बढ़कर कुछ है, नहीं। चार दिन का जीवन है। सब यही रह जायेगा। हम अपनों से मिलने प्रतापगढ़ शहर आते हैं। यदि नुकसान फायदा देखते तो शहर आते ही न। घर पर ही रहते। इतने मिलनसार संतोष दुबे का जाना का असामयिक जाना बहुत कष्टकारी है। ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति एवं परिजनों को इस दुख की घड़ी को सहन करने की क्षमता प्रदान करें और अपने श्रीचरणों मे स्थान दें। साथ ही उनके परिजनों को इस अपार कष्ट को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। 


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