यूपी के कई शहरों में पीएफआई से जुड़ी छापेमारी.... |
लखनऊ।उत्तर प्रदेश के दो जिलों में आज रविवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़ी ताबड़तोड़ छापेमारियां हुईं। यूपी के कई शहरों में उत्तर प्रदेश एंटी टेरर स्क्वॉयड (एटीएस) ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है।लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ समेत कई शहरों में एटीएस की टीमों ने एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया है। गाजियाबाद और मेरठ में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और एंटी टेरर स्क्वॉयड(एटीएस) की टीमों ने कुछ संदिग्ध लोगों को हिसारत में लिया है। यूपी एसटीएफ ने गाजियाबाद के मोदीनगर में भोजपुर के कलछीना में छापेमारी की है। तो वहीं लखनऊ के विकास नगर से भी एक युवक को उठाया है। मेरठ पहुंची एटीएस की टीम ने लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र से एक 32 साल के युवक को डिटेन किया है। यूपी एसटीएफ और एटीएस की अलग-अलग टीमों ने मेरठ और गाजियाबाद में पीएफआई से जुड़े होने के संदेह में ये छापेमारियां की और कुल 7 लोगों को हिरासत में लिया।
गाजियाबाद में एसटीएफ ने मोदीनगर के भोजपुर के कलछीना में आज छापेमारी की है। मुरादनगर के रावली कला और नूरपुर में भी एटीएस ने छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि देर रात्रि हुई इस छापेमारी में पीएफआई से जुड़े 4 लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं मेरठ पहुंची एटीएस की टीम ने भी थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र से एक 32 साल के व्यक्ति को हिरासत में लिया है। डिटेन किए गए शख्स की पहचान अताउरर्हमान पुत्र हफीजुद्दीन के तौर पर हुई है। जानकारी है कि अताउरर्हमान गली नंबर 4 शाहजहां कॉलोनी थाना लिसाड़ी गेट मेरठ का रहने वाला है। पीएफआई से जुड़े़ होने की आशंका के चलते एटीएस की टीम इसे अपने साथ लेकर गयी है। एटीएस ने उसके दोनों मोबाइल भी कब्जे में लिए हैं।
इस सर्च ऑपरेशन में एटीएस की एक टीम ने लखनऊ के विकास नगर से भी एक युवक को उठाया है। युवक को उठाने का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।बीकेटी के अचरामऊ गांव में भी एटीएस ने छापा मारा है। पीएफआई से जुड़े 2 लोगों को एटीएस ने हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। वहीं इससे पहले राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के बिहार में एक संदिग्ध मॉडयूल की अपनी जांच के तहत उत्तर प्रदेश के एक शख्स को मंगलवार को गिरफ्तार किया था एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि गिरफ्तार किया गया अनवर राशिद नाम का व्यक्ति मामले में 14वां आरोपी है। यह मामला शुरूआत में पिछले साल 12 जुलाई को बिहार के फुलवारी शरीफ पुलिस थाने में दर्ज किया गया था और संघीय एजेंसी ने 10 दिन बाद इसे पुन:दर्ज किया था। प्रवक्ता ने बताया कि 25 अप्रैल को राशिद के घर में ली गई तलाशी के दौरान जब्त किए गए संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल उपकरणों और पत्रों की विस्तृत जांच के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रवक्ता ने कहा कि जांच में यह खुलासा हुआ कि राशिद प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया) का पूर्व सदस्य है और वह अभी बिहार और उत्तर प्रदेश में पीएफआई के कई सदस्यों से जुड़ा हुआ है। इससे पहले बीते 25 अप्रैल को ही पीएफआई के खिलाफ एनआईए का बड़ा एक्शन देखा गया था। भारत में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने बड़ा एक्शन लिया था। जांच एजेंसी ने पीएफआई के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में 17 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी।
बता दें कि बीते दिनों ही यूपी एटीएस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ था। एटीएस की जांच में पता चला कि माफिया अतीक अहमद और अशरफ यूपी के मुस्लिम युवाओं को विदेश भेजकर आतंकी संगठन से जोड़ते थे। इसके एवज में उन्हें हथियारों की खेप मिलती थी। यह हथियार पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब भेजे जाते थे।एटीएस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सितंबर 2021 को एटीएस ने जीशान कमर को पकड़ा था, जिसके बाद अतीक अहमद और अशरफ से उसकी नजदीकी का खुलासा हुआ था। जीशान कमर सितंबर 2021 में प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था। उस पर पाकिस्तान जाकर हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग और जिहाद में हिस्सा लेने का मामला सामने आया था।वह भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना चाहता था।
साल 2017 में अतीक के भाई अशरफ ने पासपोर्ट अधिकारी को एक सिफारिशी पत्र लिखा था,जिसमें जीशान का पासपोर्ट जल्दी बनाने के लिए कहा था। जीशान की गिरफ्तारी के बाद एटीएस उसके अन्य साथियों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। एटीएस ऐसे लोगों के दस्तावेज खंगाल रही है, जिनका पासपोर्ट बनाने के लिए अशरफ और अतीक ने सिफारिश की हो, यह भी जांच की जा रही है कि ऐसे कितने सिफारिशी पत्र भेजे । बता दें कि माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की 15 अप्रैल को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अतीक और अशरफ की हत्या उस समय हुई थी जब पुलिस दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लेकर पहुंची थी।उसी समय पत्रकार बनकर आए तीन हमलावरों ने अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तीनों हमलावर फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में हैं।तीनों ने पुलिस कस्टडी में अतीक और अशरफ को गोली मारी थी।
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