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रविवार, 14 मई 2023

कांग्रेस के कथित दिग्गज नेता प्रमोद कुमार की राह पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया"

जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष "राजा भईया" और कांग्रेस के कथित दिग्गज प्रमोद कुमार...

जनपद प्रतापगढ़ में जिस तरह कांग्रेस के कथित दिग्गज नेता प्रमोद कुमार अपने को एक विधानसभा रामपुरखास तक सीमित रखकर पूरे जनपद में कांग्रेस का जनाजा निकलवा दिए। लालगंज में नगरपंचायत और रामपुरखास विधानसभा क्षेत्र में जिला पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख की सीट बची रहे, बस इतना ही मतलब रहता है। प्रशासनिक दखल में लालगंज में सीओ, एसडीएम और तहसीलदार सहित उनके विधानसभा में पड़ने वाले थानाध्यक्ष और ब्लॉक में तैनात होने वाले खंड विकास अधिकारी तक ही बड़के नेताजी दखल रखते हैं। ठीक उसी तरह प्रमोद कुमार की राह पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" भी अपने को कुंडा और बाबागंज सिर्फ दो विधानसभा तक ही सीमित कर लिए हैं। 


कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" लोकसभा चुनाव- 2019 के पहले अपने राजनीतिक जीवन के 25 वर्ष पूर्ण कर लेने पर रानीतिक दल का गठन किया और प्रतापगढ़ व कौशाम्बी संसदीय क्षेत्र से दो उम्मीदवार जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से चुनावी मैदान में उतारे थे। परन्तु विधानसभा- 2022 में जिले की 7 विधानसभाओं में कुंडा से स्वयं और बाबागंज से प्रदेश अध्यक्ष विनोद सरोज को चुनावी मैदान में उतरकर पहले की तरह सिर्फ दो सीटों पर ही पार्टी को सीमित कर दिया सिर्फ कुंडा और बाबागंज तक जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह "राजा भईया" सिमटते जा रहे हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि राजा भईया को यदि कुंडा और बाबागंज विधानसभा सीट तक सीमित रहना था तो उन्हें राजनीतिक दल का गठन नहीं करना चाहिए था। ये दोनों सीट तो निर्दल रहते भी राजा भईया चुनाव जीता करते थे।   


निकाय चुनाव की बात करें तो जिले की 18 नगर पंचायतों में से 15 नगर पंचायतों और एक नगरपालिका को जनसत्ता दल लोकतांत्रिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भईया वाक ओवर दे दिया। सिर्फ कुंडा, डेरवा और हीरागंज में ही जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से उम्मीदवार उतारे। जिसमें से हीरागंज नगरपंचायत सीट लूज हो गई। डेरवा और कुंडा में विजय पताका फहर सका। नपाध्यक्ष पद के भाजपा उम्मीदवार हरी प्रताप सिंह को कांग्रेस के कथित दिग्गज प्रमोद कुमार अपना विशेष आशीर्वाद देते रहे। राजा भईया भी हरी प्रताप सिंह को जिताने का अंदर से गुणा गणित करते रहे हैं। इस बार नपाध्यक्ष पद के चुनाव में जनता राजा भईया के रुख को देख रही थी, क्योंकि प्रतापगढ़ नपाध्यक्ष पद पर विगत तीन बार से नगरपालिका क्षेत्र में इस बात को प्रचारित कराया जाता था कि फला उम्मीदवार राजा भईया समर्थित है। इसलिए जनता में एक विशेष वर्ग विदक जाया करता था, परन्तु इस बार के चुनाव में ऐसा नहीं हुआ।    


एमएलसी चुनाव में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से अक्षय प्रताप सिंह "गोपालजी" को चुनौती देने के लिए भाजपा ने हरी प्रताप सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया, परन्तु गोपालजी के आगे हरी प्रताप सिंह धड़ाम हो गए। चुनाव प्रचार में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पदाधिकारियों से कई बूथों पर कहासुनी भी हो गयी थी।इसलिए इस बार लग रहा था कि राजा भईया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से कोई न कोई उम्मीदवार नपाध्यक्ष पड़ के लिए उतारा जायेगा और हर बार की तरह परोक्ष रूप से राजा भईया की नपाध्यक्ष पद के चुनाव में जो मदद हरी प्रताप सिंह को मिला करती थी, वो इस बार नहीं मिलेगी परन्तु राजा भईया इस बार भी भाजपा उम्मीदवार हरी प्रताप सिंह को वाक ओवर दे दिए। इससे लगता है कि राजनीति में ऊपर सब एक दूसरे के सहयोगी रहते हैं। हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और होते हैं


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