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योगी सरकार की सुमंगला योजना में बेटियों को मिले कितने लाभ ... |
लखनऊ।महिलाओं की स्थिति समाज की स्थिति का दर्पण कही जाती है। इसलिए बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत हुई। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। देश के तमाम राज्य सरकारों ने इसी तर्ज पर कई अन्य योजनाओं को अपने अपने राज्य में चलाया है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी कन्या सुमंगला योजना बेटियों के लिए चालू की है। यह योजना महिलाओं और बालिकाओं को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ विकास और नए अवसर प्रदान करने के लिए चालू की है। योगी सरकार का मानना है कि इस योजना से जहां एकतरफ कन्या भ्रूण हत्या एवं बाल विवाह जैसी कुरीतियों को रोकने में मदद मिलेगी तो वहीं बालिकाओं को उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसरों की अग्रसर होने में मदद मिलेगी। ये कोशिश आगे चलकर महिला सशक्तिकरण के लिए लाभदायक होगी।सरकारी साइट पर दी गई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को इस प्रकार लागू किया जाता है। इस योजना को 6 श्रेणियों में लागू किया जाता है।
पहली श्रेणी में नवजात बालिकाओं जिनका जन्म 01-04-2019 या उसके बाद हुआ हो, उनको 2000 रुपये की एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जाएगा। द्वितीय श्रेणी में वह बालिकाएं सम्मिलित होंगी, जिनका एक वर्ष के अंदर संपूर्ण टीकाकरण हो चुका हो तथा उनका जन्म 01-04-2018 से पूर्व न हुआ हो, उनको 1000 रुपये की एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जाएगा तृतीय श्रेणी में वह बालिकाएं सम्मिलित होंगी,जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान प्रथम कक्षा में प्रवेश लिया हो, उनको 2000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जाएगा।चतुर्थ श्रेणी में वह बालिकाएं सम्मिलित होंगी, जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान छठी कक्षा में प्रवेश लिया हो, उनको 2000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जाएगा।पंचम श्रेणी में वह बालिकाएं सम्मिलित होंगी,जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान नौवीं कक्षा में प्रवेश लिया हो,उनको 3000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जाएगा छठी श्रेणी में वह सभी बालिकाएं सम्मिलित होंगी,जिन्होंने 10वीं/12वीं कक्षा उत्तीर्ण करके चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान स्नातक-डिग्री या कम से कम दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया हो, उनको 5000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की पात्रता के लिए जरूरी शर्तें....
लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो तथा उसके पास स्थायी निवास प्रमाण पत्र हो,जिसमें राशन कार्ड,आधार कार्ड,वोटर पहचान पत्र, विद्युत, टेलीफोन का बिल मान्य होगा। लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम रुपये-3.00 लाख हो। किसी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा।परिवार में अधिकतम दो बच्चे हों। किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है और द्वितीय प्रसव से दो जुड़वा बालिकायें ही होती हैं तो केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप में गोद ली गई संतानों को सम्मिलित करते हुए अधिकतम दो बालिकायें इस योजना की लाभार्थी होंगी।
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