हैदरगढ़ (बाराबंकी)। खुद को आवास विकास परिषद का जूनियर इंजीनियर व बेटे को सचिवालय में पीसीएस अधिकारी बताकर शातिर ने लोगों को लखनऊ को वृंदावन योजना में आवास दिलाने का झांसा दिया। कई जिले के लोग इस मकड़जाल में फंसते गए। लाखों रुपया गंवाने वाले एक व्यक्ति की तहरीर पर हैदरगढ़ कोतवाली में कथित फर्जी जेई, उसकी पत्नी, पुत्र, पुत्री व दो अन्य समेत छह लोगों के खिलाफ रविवार को केस दर्ज किया गया। आरोपी पहले भी जालसाजी में जेल जा चुका है।
प्रतापगढ़ जिले के थाना पट्टी के महोखरी गांव निवासी अरविंद कुमार पांडेय ने उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र देकर इसका खुलासा किया। शिकायत में बताया कि सुल्तानपुर जिले के संजीव मिश्रा ने लखनऊ की वृंदावन आवास योजना में सस्ता फ्लैट लेने की बात कही थी। 22 मार्च 2020 को अरविंद की मुलाकात हैदरगढ़ में सुबेहा थाना क्षेत्र के रोहना मीरापुर गांव निवासी रजनीकांत पांडेय से हुई। उसने स्वयं को लखनऊ की आवास विकास परिषद में जूनियर इंजीनियर व अपने पुत्र को पीसीएस अधिकारी बताया। अरविंद के साथ ही प्रतापगढ़ के सुरेंद्र शुक्ला व विनोद पांडेय भी रजनीकांत से मिले।
हैदरगढ़ में ही आवास से संबंधित फार्म भरकर मुहर लगाई गई और प्रति आवास तीन लाख रुपये लिए इसके बाद रजनीकांत ने लखनऊ में मेंदाता हास्पिटल के बगल अपार्टमेंट दिखाए। रजनीकांत सर्वे के नाम पर प्रतापगढ़ गया और यहां सुल्तानपुर व जौनपुर के भी 36 लोगों से आवास के नाम पर फार्म भराए। लेकिन काफी दिनों तक लोगों को आवास नहीं मिले। अरविंद ने अपनी तहरीर में लिखा है कि 25 अगस्त 2021 तक आवास आवंटन का वादा किया गया। इसके बाद मोबाइल रिसीव करना बंद कर दिया। रजनीकांत के परिजनों से लोगों की बात हुई तो वे भी आश्वासन देते रहे।
इसी बीच 25 अगस्त को रजनीकांत जालसाजी के मामले में सुबेहा पुलिस द्वारा जेल भेज दिया गया। 22 फरवरी को जमानत पर छूटने के बाद वह लोगों का पैसा देने का झूठा आश्वासन देता रहा। मामले ने अब तूल पकड़ा तो एसपी के निर्देश पर हैदरगढ़ कोतवाली में गत दिवस रजनीकांत, उसकी पत्नी, पुत्र, पुत्री, सुल्तानपुर निवासी संजीव मिश्र व एक साथी धीरज पाठक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है। बताया जाता है कि इन शातिरों ने सैकड़ों लोगों से करोड़ों की वसूली की है। एसएचओ अजय त्रिपाठी ने बताया कि आरोपियों की तलाश शुरु कर दी गई है।
ये हैं महाफ्रॉड, न जेल जाने का डर न बुलडोजर का....
आवास आवंटन में करोड़ों की ठगी का मुकदमा दर्ज कराने वाले प्रतापगढ़ के अरविंद पांडेय ने काफी साहस से काम लिया। जब उनकी नहीं सुनी गई तो उन्होंने इस ठगी के मकड़जाल के खिलाफ आंदोलन चला दिया। उन्होंने ठगी की कहानी का पोस्टर बनाया। एसपी, सीओ आदि को संबोधित करते हुए न्याय की गुहार लगाई। पोस्टर सुबेहा व हैदरगढ़ क्षेत्र में वितरित किए व चस्पा कराए। पोस्टर में सबसे ऊपर लिखा कि इसे पहचानो, ये है महाफ्रॉड,, जिसे न जेल जाने का डर है और न बुलडोजर का... और न समाज का। इससे अधिकारियों पर दबाव बढ़ा और केस दर्ज हुआ।
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