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शनिवार, 6 मई 2023

माफिया अतीक के बेटे अली की फर्जी चिठ्ठी सपा को बदनाम करने के लिए की गई थी वायरल चुनाव आयोग पहुंचा मामला

माफिया अतीक के बेटे अली की  चिठ्ठी निकली फर्जी ....

प्रयागराज।माफिया अतीक अहमद का बेटा जेल में बंद अली अहमद के नाम पर यूपी नगर निकाय चुनाव में चिठ्ठी वायरल हुई थी।अब चिट्ठी का मामला चुनाव आयोग के पास पहुंचा है। इस मामले में चुनाव आयोग में एक याचिका दाखिल की गई, जिसमें चिट्ठी को फर्जी बताकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है। दावा किया गया है कि समाजवादी पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए अतीक अहमद के बेटे अली के नाम से जारी की गई चुनावी अपील फर्जी थी। चुनाव आयोग से चिट्ठी तैयार करने और इसे सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है।

याचिका में कहा गया है कि अतीक अहमद का बेटा अली अहमद तनहाई बैरक में बंद है।उमेश पाल शूटआउट केस के बाद से जेल में उससे किसी ने भी मुलाकात नहीं की है। सिर्फ एक बार उसके वकील इंटेलिजेंस की मौजूदगी में ही जेल में मिले हैं। चिट्ठी में की गई अपील पर ना तो दस्तखत है और ना ही तारीख दी हुई है। इसके अलावा अपील छापने वाले किसी प्रिंटिंग प्रेस का नाम भी नहीं दिया गया है। बताते चलें कि 4 मई को पहले चरण में हुए मतदान में प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद के नाम से जारी हुई इस अपील का जबरदस्त असर रहा। मुस्लिम समुदाय के लोगों में इस चिट्ठी को लेकर खासा चर्चा रही। चिट्ठी को आधार बनाकर तमाम बूथों पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय लोगों ने सपा का बायकाट किया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कांग्रेस-बसपा, एमआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को वोट दिए। बताया जा रहा है कि चिट्ठी की वजह से सपा को प्रयागराज में बहुत बड़ा झटका लगा है। सपा को इस नुकसान की आशंका पहले से थी।

सपा के नेताओं ने इस कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो वकीलों के जरिए चुनाव आयोग में पहले ही याचिका दाखिल करा दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील कमल कृष्ण राय और रमेश कुमार की तरफ से ने चुनाव आयोग में यह याचिका दाखिल की गई है। याचिका पर चुनाव आयोग जल्द ही संज्ञान ले सकता है और मामला प्रशासन को सौंपी जांच के लिया सौंपा जा सकता है। बता दें कि माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद अली अहमद के नाम से एक चिट्ठी जारी की गई थी। चिठ्ठी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को सीधे जिम्मेदार ठहराया गया था। चिठ्ठी में कहा गया था कि मुस्लिम एकजुट हो जाएं और भाजपा और सपा को सबक सिखाने के काम करें।

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